सवाई माधोपुर. रणथम्भौर के खण्डार रेंज से मंगलवार को बुरी खबर आई. खण्डार रेंज में आम चौकी के आगे खरया चाटा में दस साल का नर बाघ टी-65 का शव पानी में पड़ा मिला. बाघ के शव मिलने की खबर रणथम्भौर में आग की तरह फैल गई.
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सूचना मिलते ही रणथम्भौर के वनाधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघ के शव को कब्जे में लेकर शहर राजबाग नाका पहुंचाया. जहां पशु चिकित्सकों ने वनाधिकारियों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ के शव का पोस्टमार्टम कर दाह संस्कार कर दिया.
रणथम्भौर के बाघ टी-65 की मौत
रणथम्भौर सूत्रों के अनुसार रणथम्भौर रेंज में आम चौकी के आगे खरया चाटा में बाघ टी-65 का शव पड़ा होने की वनाधिकारियों को सूचना मिली. सूचना मिलते ही रणथम्भौर नेशनल पार्क के सीसीएफ टी.सी.वर्मा, डीएफओ महेन्द्र शर्मा, एसीएफ संजीव शर्मा आदि वनाधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघ के शव को पानी से बाहर निकाला.
बाघ के शव को कब्जे में लेकर शहर राजबाग नाका पहुंचाया गया, जहां रणथम्भौर के पशु चिकित्सकों की टीम ने बाघ के शव का पोस्टमार्टम कर जांच के लिए नमूने लिए. इसके बाद वनाधिकारियों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ के शव का दाह संस्कार कर दिया गया.
दस वर्षीय नर बाघ टी-65 रणथम्भौर में कृष्णा के नाम से विख्यात बाघिन टी-19 का बेटा था. बाघिन टी-19 ने पहली बार टी-28 सितारा नामक बाघ से जोड़ा बना कर 2012 में तीन शावकों को जन्म दिया. इनमें दो नर एक मादा शावक थी. वन विभाग ने इन्हें टी-63 (मादा शावक), टी-64 टी-65 (नर शावक) नाम दिया.
टी-19 ने 2014 में फरवरी मार्च में दूसरे प्रसव में चार शावकों को जन्म दिया. इसमें से एक शावक की मौत हो गई थी. शेष शावकों में दो मादा और एक नर शावक थे. इन्हें रणथम्भौर में टी-83, 84 (मादा शावक), टी-85 (नर शावक) के नाम से जाना गया.
तीसरी बार चार शावकों को जन्म देकर बाघों के कुनबे में वृद्धि की है. यह बाघिन तीन प्रसवों में 11 शावकों को जन्म दे चुकी है. इनमें 10 शावक रणथम्भौर में विचरण कर रहे हैं. बाघिन टी-19 के दस वर्षीय बेटे नर बाघ की मौत होने से उसके रणथम्भौर में विचरण करने वाले शावकों की संख्या घटकर 9 रह गई है.
एक साल में कितने बाघों की हुई मौत
पिछले एक साल में टी-102 का मादा शावक, टी-60 का नर शावक की विचरण क्षेत्र को लेकर हुई फाइट में मौत हो गई थी. वहीं जनवरी 2020 में बाघ टी-25 की स्वाभाविक मौत हो गई थी. मंगलवार को बाघ टी-65 का पानी में शव मिला है.
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एसीएफ संजीव शर्मा के अनुसार रणथम्भौर नेशनल पार्क में बाघों की तादाद अधिक है. ऐसे में रणथम्भौर में बाघों की तादाद के अनुपात में विचरण क्षेत्र कम पड़ रहा है. इसके चलते बाघों में विचरण क्षेत्र को लेकर फाइट की संभावना रहती है. इससे बचने के लिए रणथम्भौर से बाघों को अन्यत्र नेशनल पार्कों में शिफ्ट करने के लिए उच्चाधिकारियों को वनाधिकारियों की ओर से लिखा गया है.