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सवाई माधोपुर: शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में सावन महोत्सव की तैयारियां हुई शुरू

सवाई माधोपुर के शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर को देश के 12 ज्योतिर्लिंग के रूप में माना जाता है सावन महोत्सव के दौरान 1 माह तक देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और घुश्मेश्वर मंदिर में अपनी हाजिरी लगाकर मन्नत मांगते हैं.

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Published : Jul 17, 2019, 1:43 AM IST

शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में सावन महोत्सव की तैयारियां हुई शुरू

सवाई माधोपुर. शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में सावन महोत्सव की विधिवत रूप से शुरुआत हो गई है. सावन महोत्सव के दौरान 1 माह तक मंदिर ट्रस्ट की ओर से धार्मिक आयोजन किए जाएंगे. हजारों की तादाद में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे यह क्रम अभी से शुरू हो गया है. इस मंदिर का इतिहास भी अपने आप में बेहद अद्भुत है.

घुश्मेश्वर मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो देवी गिरी पर्वत के पास एक ब्राह्मण रहा करते थे उनकी पत्नी थी सुधर्मा थी, लेकिन संतान सुख से वंचित रहने के कारण उन्हें लोगों के व्यंग बाण सुनने पड़ते थे. इससे व्यथित होकर सुधर्मा ने अपनी छोटी बहन सुषमा का विवाह करवाया. सुषमा भगवान शंकर की अनन्य भक्त थी कुछ समय बाद सुषमा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, लेकिन सुधर्मा को लगा कि पुत्र मोह के कारण उसका बहन के प्रति प्रेम कम होता जा रहा है.

सवाई माधोपुर: शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में सावन महोत्सव की तैयारियां हुई शुरू

तब सुधर्मा ने पुत्र की हत्या कर शव सरोवर में फेंक दिया. रक्त रंजित सैया को देखकर जब पुत्रवधू ने सास को बताया तो शिव की तपस्या की और आकाशवाणी से पता लगा कि वह उसने ही हत्या की है भगवान शिव ने सुधर्मा को खत्म करने की बात की तो सुषमा ने कहा नहीं प्रभु आप केवल उसकी बुद्धि सही कर दें.

इस पर भगवान प्रसन्न हुए और कहा कि मैं तुम्हारे नाम से इसी स्थान पर वास करूंगा. लोगों की मनोकामना पूरी करूंगा, इसलिए सावन महोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. जिले के शिवाड़ में घुश्मेश्वर मंदिर में जहां भक्तों का तांता लगा रहता है वहां घुश्मेश्वर मंदिर ट्रस्ट की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

सवाई माधोपुर. शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में सावन महोत्सव की विधिवत रूप से शुरुआत हो गई है. सावन महोत्सव के दौरान 1 माह तक मंदिर ट्रस्ट की ओर से धार्मिक आयोजन किए जाएंगे. हजारों की तादाद में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे यह क्रम अभी से शुरू हो गया है. इस मंदिर का इतिहास भी अपने आप में बेहद अद्भुत है.

घुश्मेश्वर मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो देवी गिरी पर्वत के पास एक ब्राह्मण रहा करते थे उनकी पत्नी थी सुधर्मा थी, लेकिन संतान सुख से वंचित रहने के कारण उन्हें लोगों के व्यंग बाण सुनने पड़ते थे. इससे व्यथित होकर सुधर्मा ने अपनी छोटी बहन सुषमा का विवाह करवाया. सुषमा भगवान शंकर की अनन्य भक्त थी कुछ समय बाद सुषमा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, लेकिन सुधर्मा को लगा कि पुत्र मोह के कारण उसका बहन के प्रति प्रेम कम होता जा रहा है.

सवाई माधोपुर: शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में सावन महोत्सव की तैयारियां हुई शुरू

तब सुधर्मा ने पुत्र की हत्या कर शव सरोवर में फेंक दिया. रक्त रंजित सैया को देखकर जब पुत्रवधू ने सास को बताया तो शिव की तपस्या की और आकाशवाणी से पता लगा कि वह उसने ही हत्या की है भगवान शिव ने सुधर्मा को खत्म करने की बात की तो सुषमा ने कहा नहीं प्रभु आप केवल उसकी बुद्धि सही कर दें.

इस पर भगवान प्रसन्न हुए और कहा कि मैं तुम्हारे नाम से इसी स्थान पर वास करूंगा. लोगों की मनोकामना पूरी करूंगा, इसलिए सावन महोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. जिले के शिवाड़ में घुश्मेश्वर मंदिर में जहां भक्तों का तांता लगा रहता है वहां घुश्मेश्वर मंदिर ट्रस्ट की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

Intro:सवाई माधोपुर के शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर को देश के 12 ज्योतिर्लिंग के रूप में माना जाता है सावन महोत्सव के दौरान 1 माह तक देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और घुश्मेश्वर मंदिर में अपनी हाजिरी लगाकर मनौती मांगते हैं सावन महोत्सव के शुभारंभ होने से पहले ही मंदिर ट्रस्ट द्वारा समुचित तैयारियों को यहां अंतिम रूप दिया जा चुका होता है
सवाई माधोपुर के शिवाड़ स्थित घुश्मेश्वर महादेव मंदिर में सावन महोत्सव की विधिवत रूप से शुरुआत होगी सावन महोत्सव के दौरान 1 माह तक मंदिर ट्रस्ट की ओर से धार्मिक आयोजन किए जाएंगे हजारों की तादाद में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे वहीं यह क्रम अभी से शुरू हो गया हैBody:इस मंदिर का इतिहास भी अपने आप में बेहद अद्भुत है घुश्मेश्वर मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो देवी गिरी पर्वत पर्वत के पास सुधर्मा नामक ब्राह्मण रहा करते थे उनकी पत्नी थी सुधर्मा लेकिन संतान सुख से वंचित रहने के कारण उन्हें लोगों के व्यंग बाण सुनने पड़ते थे इससे व्यथित होकर सुधर्मा ने अपनी छोटी बहन सुषमा का विवाह करवाया सुषमा भगवान शंकर की अनन्य भक्त थी कुछ समय पश्चात घोषणा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई लेकिन सुधर्मा को लगा कि पुत्र मोह के कारण उसका बहन की प्रति प्रेम कम होता जा रहा है तब सुधरने पुत्र की हत्या कर शव सरोवर में फेंक दिया रक्त रंजित सैया को देखकर जब पुत्रवधू ने सास को बताया तो शिव की तपस्या की और आकाशवाणी से पता लगा कि वह उसने ही हत्या की है भगवान शिव ने सुधर्मा को खत्म करने की बात की तो सुषमा ने कहा नहीं प्रभु आप केवल उसकी बुद्धि सही कर दें इस पर भगवान प्रसन्न हुए और कहा कि मैं तुम्हारे नाम से इसी स्थान पर वास करूंगा और लोगों की मनोकामना पूरी करूंगाConclusion:सावन का महीना आने से पूर्व ही सावन महोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी है जिले के शिवाड़ में घुस मेश्वर मंदिर में जहां भक्तों का तांता लगा रहता है वहां कुछ मेश्वर मंदिर ट्रस्ट की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े

बाइट 1 प्रेम प्रकाश शर्मा मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष
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