सवाईमाधोपुर. गुर्जर आरक्षण आन्दोलन को लेकर सरकार की पहले दौर की वार्ता में कोई बात नहीं बन सकी है. सरकार की ओर से मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, आईएएस नीरज के पवन और आईजी भूपेन्द्र साहू मलारना डूंगर गुर्जरों के साथ वार्ता करने पहुंचे थे. लेकिन कर्नल किरोड़ सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जरों ने बात नहीं माने जाने तक पटरियों पर ही डटे रहने का फैसला किया है.
मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भरतपुर में अधिकारियों के साथ मंत्रणा के बाद सीधे मलारना डूंगर धरना स्थल पर पहुंचे और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से बातचीत को आगे बढ़ाया. कुछ मिनट तक वहां वार्ता के बाद विश्वेन्द्र सिंह ने माइक थामा और वहां मौजूद भीड़ के सामने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि उनका धरना जायज है और वे आन्दोलन की पीड़ा को समझ सकते हैं. लेकिन ऐसे पटरियों पर बिन्दूवार वार्ता करना असंभव है.
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विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि वे निवेदन करने आए हैं कि उनके पास सरकार का जो पक्ष है उसे रखने के लिए किसी अन्य स्थल का चुनाव किया जाए जहां गुर्जर समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ तमाम बिन्दूओं पर चर्चा हो सके. गुर्जरों की तीन प्रमुख मांगों से सरकार पहले से अवगत है लेकिन उन मसलों को कब तक पूरा किया जा सकता है या उसमें किसी प्रकार की अड़चन है तो उसमें कोई सुझाव गुर्जर समाज देना चाहे, ऐसे कई महत्वपूर्ण बिन्दू है जिनपर सरकार आपसे चर्चा करना चाहती है.
उन्होंने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से निवेदन किया कि आप एक प्रतिनिधिमंडल तैयार कर भेजें जिनके सामने हम अपना पक्ष रखें. क्योंकि सरकार वादा खिलाफी नहीं चाहती और जो भी पक्ष है खुलकर समाज के सामने रखना चाहती है लेकिन इसके लिए एक शांतिपूर्ण माहौल में ही चर्चा संभव है. विश्वेन्द्र सिंह ने जयपुर में और गुर्जर समाज की किसी भी मनपसंद जगह पर वार्ता का सुझाव भी दिया.
विश्वेन्द्र के बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने माइक थामा और अपने संबोधन में ही दो टूक शब्दों कहा कि हम वार्ता के लिए कहीं नहीं जाने वाले, आप यहां आए आपका धन्यवाद...आपको बहुत-बहुत सम्मान. उन्होंने कहा कि गुर्जरों को 14 साल से न्याय नहीं मिला है. सवर्ण आरक्षण की तर्ज पर हमारे समाज को भी आरक्षण दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ इंसाफ चाहते हैं. इसके लिए न वे जयपुर जाएंगे और ना ही किसी की बातों में आएंगे.
बैंसला की बातों के जवाब में मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि आरक्षण के मसले पर जो भी आपकी मांग है वे इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने रखेंगे. अभी फिल्हाल वे दिल्ली में हैं लेकिन वे उन्हें फोन से अवगत करा देंगे. वहीं मांग को लेकर जो भी मुख्यमंत्री आदेश देंगे इस बाबत वे रविवार दोपहर तक गुर्जर समाज को भी सूचना दे देंगे. दोनों पक्षों के बीच खुले मंच की यह वार्ता करीब 40 मिनट तक चली. बैंसला के जवाब के बाद प्रतिनिधिमंडल वहां से रवाना हो गया.