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सवाई माधोपुर में कोरोना महामारी के चलते बर्बाद हुई फूलों की खेती - सवाई माधोपुर में कोरोना महामारी

कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां बड़े उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद हो गए, वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण ने सवाई माधोपुर में फूलों की खेती को भी पूरी तरह से लील दिया है. सवाई माधोपुर में फूलों का करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन कोरोना के कारण करोड़ों के फूलों के कारोबार पर ग्रहण लग गया है. वहीं फूलों की खेती करने वाले सैकड़ों परिवार संकट के दौर से गुजर रहे हैं.

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सवाई माधोपुर में बर्बाद हुई फूलों की खेती
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Published : May 22, 2021, 10:05 AM IST

सवाई माधोपुर. कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां बड़े उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद हो गए, वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण ने सवाई माधोपुर में फूलों की खेती को भी पूरी तरह से लील दिया है. यहां जिला मुख्यालय पर सालाना करोड़ों रुपये का फूलों का कारोबार होता रहा है. कई परिवारों की रोजी-रोटी फूलों के कारोबार पर ही पूर्णतया निर्भर हैं, लेकिन कोरोना के कारण करोड़ों के फूलों के कारोबार पर ग्रहण लग गया है.

पढ़ें: केकड़ी दौरे पर रहे आईजी एस सेंगथिर, जवानों के दुख दर्द सुनकर बढ़ाया हौंसला

सवाई माधोपुर से फूल कई अन्य जिलों में भी निर्यात किए जाते हैं. सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर खासतौर से गुलाब, नौरंगी, हजारा, जरबेरा और गेंदा आदि फूलों का उत्पादन बहुतायत में किया जाता है, लेकिन कोरोना के कारण फूलों की खेती अब खेतों में ही दम तोड़ कर रह गई है . किसानों ने फूलों का उत्पादन तो किया, लेकिन कोरोना के कारण सब कुछ तहस-नहस हो गया. कोरोना गाइडलाइंस के चलते हजारों शादियां रद्द हो गई और बाजार बंद हो गए. ऐसे में फूलों की ब्रिक्री नहीं हो पाई.

सवाई माधोपुर में बर्बाद हुई फूलों की खेती

पढ़ें: कोरोना महामारी की 'संजीवनी' बनी जसोल धाम की ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें

फूलों का निर्यात नहीं होने के कारण पौधों पर खिले फूल काश्तकार तोड़ नहीं रहे हैं. ऐसे में फूल मुरझा कर दम तोड़ रहे हैं. कई काश्तकारों ने अपने खेतों से फूलों की खेती पूरी तरह से हटा दी है . सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर 60 से अधिक परिवार ऐसे हैं, जिनकी रोजी-रोटी पूर्णतया फूलों की खेती तथा इससे होने वाली आय पर निर्भर करती है. लेकिन, कोरोना ने फूलों की महक का दम घोंटकर रख दिया है. फूलों की महक से गुलजार रहने वाला सवाई माधोपुर और इससे पलने वाले परिवार अब संकट के साए में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. वहीं, संकट के इस साए से उभरने की कोई उम्मीद फिलहाल नजर नहीं आ रही है.

सवाई माधोपुर. कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां बड़े उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद हो गए, वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण ने सवाई माधोपुर में फूलों की खेती को भी पूरी तरह से लील दिया है. यहां जिला मुख्यालय पर सालाना करोड़ों रुपये का फूलों का कारोबार होता रहा है. कई परिवारों की रोजी-रोटी फूलों के कारोबार पर ही पूर्णतया निर्भर हैं, लेकिन कोरोना के कारण करोड़ों के फूलों के कारोबार पर ग्रहण लग गया है.

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सवाई माधोपुर से फूल कई अन्य जिलों में भी निर्यात किए जाते हैं. सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर खासतौर से गुलाब, नौरंगी, हजारा, जरबेरा और गेंदा आदि फूलों का उत्पादन बहुतायत में किया जाता है, लेकिन कोरोना के कारण फूलों की खेती अब खेतों में ही दम तोड़ कर रह गई है . किसानों ने फूलों का उत्पादन तो किया, लेकिन कोरोना के कारण सब कुछ तहस-नहस हो गया. कोरोना गाइडलाइंस के चलते हजारों शादियां रद्द हो गई और बाजार बंद हो गए. ऐसे में फूलों की ब्रिक्री नहीं हो पाई.

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फूलों का निर्यात नहीं होने के कारण पौधों पर खिले फूल काश्तकार तोड़ नहीं रहे हैं. ऐसे में फूल मुरझा कर दम तोड़ रहे हैं. कई काश्तकारों ने अपने खेतों से फूलों की खेती पूरी तरह से हटा दी है . सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर 60 से अधिक परिवार ऐसे हैं, जिनकी रोजी-रोटी पूर्णतया फूलों की खेती तथा इससे होने वाली आय पर निर्भर करती है. लेकिन, कोरोना ने फूलों की महक का दम घोंटकर रख दिया है. फूलों की महक से गुलजार रहने वाला सवाई माधोपुर और इससे पलने वाले परिवार अब संकट के साए में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. वहीं, संकट के इस साए से उभरने की कोई उम्मीद फिलहाल नजर नहीं आ रही है.

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