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राजसमंद: रिमझिम बारिश से फसलों को मिला जीवनदान - रिमझिम बारिश

राजसमंद के देवगढ़ में तकरीबन 15 दिनों बाद बारिश का दौर देखने को मिला है. इस बारिश से किसानों के चेहरे पर एक बार फिर से रौनक लौट आई है. जिसके चलते रबी की मुर्झाती फसलों को फिर से नया जीवनदान मिल गया है.

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रिमझिम बारिश से मुर्झाते फसलों को मिला जीवन दान
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Published : Jul 31, 2020, 9:43 PM IST

देवगढ़ (राजसमंद). जिले के देवगढ़ भीम क्षेत्र में एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय बाद दो दिन से रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो गया है. जिसके चलते रबी की मुर्झाती फसलों को फिर से नया जीवन दान मिलने लगा है. क्षेत्र के किसानों ने सावन माह के पहले एक, दो दिन हुई तेज बारिश के बाद अपने खेतों में खरीफ फसल जैसे मक्का, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, तिलहन सहित क्षेत्र में होने वाली प्रचूर मात्रा में नकदी फसलों की बुवाई कर थी.

जिसके बाद पिछले 25 दिनों से क्षेत्र में बारिश नही होने से तेज धूप और उमस के कारण फसले पानी के अभाव में मुर्झाने लगी. वहीं, शुक्रवार दोपहर को क्षेत्र में तेज बारिश का दौर शुरू हुआ है, जो कि रुक-रुक कर शाम तक जारी रहा. बता दें कि बारिश होने से किसानों के चहरे पर एक बार फिर से रौनक लौटने लगी है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं होने के अभाव में फसलें दम तोड़ने लगी थी.

सहायक कृषि अधिकारी राजेश मेहश्वरी ने बताया कि देवगढ़ क्षेत्र के किसान खरीफ फसलों के साथ नकदी फसलों की पैदावरी भी प्रचुर मात्रा में करते हैं. क्षेत्र की अनुकूल वातावरण में भुरभुरी दोमट मिट्टी में फूल गोभी, हरि मिर्च, कपास आदि फसलों की पैदावरी अच्छी होती है. गत वर्ष हुई औसत से भी ज्यादा बारिश के चलते किसानों की ओर से खेतों में 550 हेक्टेयर में फूल गोभी व 300 हेक्टेयर में फूल गोभी की बुवाई की गई थी.

पढ़ें: मजदूरों के क्वार्टर तुड़वाने और स्कूल की जमीन खाली कराने के विरोध में संघर्ष समिति ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वहीं, अब मानसून एक फिर सक्रिय हुआ है तो फसलों को भी नया जीवन मिल गया है. साथ ही अभी भी तेज बारिश का इंतजार किसानों को है. प्राप्त जानकारी के अनुसार देवगढ़ क्षेत्र के लसानी इशरमंड ताल, काकारोद, वाणीयतड़ी दौलपुरा, आंजणा मदारिया, सागावास मियाला, ठिकरवास आदि गांवों में नकदी फसलों की पैदावरी होती है.

देवगढ़ (राजसमंद). जिले के देवगढ़ भीम क्षेत्र में एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय बाद दो दिन से रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो गया है. जिसके चलते रबी की मुर्झाती फसलों को फिर से नया जीवन दान मिलने लगा है. क्षेत्र के किसानों ने सावन माह के पहले एक, दो दिन हुई तेज बारिश के बाद अपने खेतों में खरीफ फसल जैसे मक्का, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, तिलहन सहित क्षेत्र में होने वाली प्रचूर मात्रा में नकदी फसलों की बुवाई कर थी.

जिसके बाद पिछले 25 दिनों से क्षेत्र में बारिश नही होने से तेज धूप और उमस के कारण फसले पानी के अभाव में मुर्झाने लगी. वहीं, शुक्रवार दोपहर को क्षेत्र में तेज बारिश का दौर शुरू हुआ है, जो कि रुक-रुक कर शाम तक जारी रहा. बता दें कि बारिश होने से किसानों के चहरे पर एक बार फिर से रौनक लौटने लगी है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं होने के अभाव में फसलें दम तोड़ने लगी थी.

सहायक कृषि अधिकारी राजेश मेहश्वरी ने बताया कि देवगढ़ क्षेत्र के किसान खरीफ फसलों के साथ नकदी फसलों की पैदावरी भी प्रचुर मात्रा में करते हैं. क्षेत्र की अनुकूल वातावरण में भुरभुरी दोमट मिट्टी में फूल गोभी, हरि मिर्च, कपास आदि फसलों की पैदावरी अच्छी होती है. गत वर्ष हुई औसत से भी ज्यादा बारिश के चलते किसानों की ओर से खेतों में 550 हेक्टेयर में फूल गोभी व 300 हेक्टेयर में फूल गोभी की बुवाई की गई थी.

पढ़ें: मजदूरों के क्वार्टर तुड़वाने और स्कूल की जमीन खाली कराने के विरोध में संघर्ष समिति ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वहीं, अब मानसून एक फिर सक्रिय हुआ है तो फसलों को भी नया जीवन मिल गया है. साथ ही अभी भी तेज बारिश का इंतजार किसानों को है. प्राप्त जानकारी के अनुसार देवगढ़ क्षेत्र के लसानी इशरमंड ताल, काकारोद, वाणीयतड़ी दौलपुरा, आंजणा मदारिया, सागावास मियाला, ठिकरवास आदि गांवों में नकदी फसलों की पैदावरी होती है.

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