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राजस्थान के इस जिले में मंडराया जल संकट... 234 गांवों के सूखे कंठ - राजसमंद

राजसमंद के 234 गांवों में भारी जल संकट के हालात बन गए है. बारिश कम होने के कारण पीएचईडी ने इन गांवों को अभावग्रस्त घोषित कर दिया है. अब यहां टैंकर से पानी सप्लाई की नौबत आ पड़ी है.

राजसमंद में जल सकंट
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Published : Mar 29, 2019, 8:33 PM IST

राजसमंद. जिले में इस बार औसतन बारिश में कमी होने के कारण भू-जल स्तर में काफी गिरावट दर्ज की गई है. नतीजतन, जल संकट की संभावनाएं बढ़ चुकी है. जिले की कईं गांव ढाणियां, शहर व कस्बेजल संकट से जूझ रहे हैं.

राजसमंद में जल सकंट

पीएचईडी ने जिले के 1042 गांव ढाणियों में से 234 गांव और 194 ढाणियों को अभावग्रस्त घोषित कर दिया है. इन सभी अभावग्रस्त ढाणियों में टैंकरों से पानी की सप्लाई की आवश्यकता बताई जा रही है.

गौरतलब है कि जिले में इस साल बारिश 518 ही हुई. जबकि औसतन बारिश 646 एमएम रहती है. जिसके कारण मार्च महीने में ही जलाशय सूख रहे हैं. आपको बता दें कि जिला मुख्यालय पर ऐतिहासिक राजसमंद झील और नाथद्वारा में बागेरी का नाका कथा नंदसमंद बांध परियोजनाएं बड़े जल स्रोतों की श्रेणी में आती है.

इसके बावजूद भी जिले की सैकड़ों गांवों में इस साल गर्मी में जल संकट के हालात बने हुए है, जिसको लेकर प्रशासन ने जल संकट को व्यवस्थित करने के लिए टैंकर की व्यवस्था भी की हैं.

राजसमंद. जिले में इस बार औसतन बारिश में कमी होने के कारण भू-जल स्तर में काफी गिरावट दर्ज की गई है. नतीजतन, जल संकट की संभावनाएं बढ़ चुकी है. जिले की कईं गांव ढाणियां, शहर व कस्बेजल संकट से जूझ रहे हैं.

राजसमंद में जल सकंट

पीएचईडी ने जिले के 1042 गांव ढाणियों में से 234 गांव और 194 ढाणियों को अभावग्रस्त घोषित कर दिया है. इन सभी अभावग्रस्त ढाणियों में टैंकरों से पानी की सप्लाई की आवश्यकता बताई जा रही है.

गौरतलब है कि जिले में इस साल बारिश 518 ही हुई. जबकि औसतन बारिश 646 एमएम रहती है. जिसके कारण मार्च महीने में ही जलाशय सूख रहे हैं. आपको बता दें कि जिला मुख्यालय पर ऐतिहासिक राजसमंद झील और नाथद्वारा में बागेरी का नाका कथा नंदसमंद बांध परियोजनाएं बड़े जल स्रोतों की श्रेणी में आती है.

इसके बावजूद भी जिले की सैकड़ों गांवों में इस साल गर्मी में जल संकट के हालात बने हुए है, जिसको लेकर प्रशासन ने जल संकट को व्यवस्थित करने के लिए टैंकर की व्यवस्था भी की हैं.

Intro:राजसमंद जिले में इस बार औसतन बारिश में कमी होने के कारण भूजल स्तर में गिरावट आई है जिसको लेकर जल संकट की संभावना जताई जा रही है जिसको लेकर गांव ढाणियों शहर कस्बों में जल संकट से कई गांव प्रभावित हो सकते हैं इस बार पीएचडी ने जिले के 1042 गांव ढाणियों में से 234 गांव तथा 194 ढाणियों को अभावग्रस्त घोषित कर चुकी है इन सभी अभावग्रस्त ढाणियों में अप्रैल से टैंकरों से पानी की सप्लाई की आवश्यकता बताई गई है


Body:इस बार जिले में औसतन बारिश 646 एमएम रहती है इसके मुकाबले पिछले साल 518एमएम बरसात ही हुई थी जो औसत बारिश से भी कम रही जिसके कारण मार्च महीने मैं ही जलाशय सूख रहे हैं आपको बता दें कि जिला मुख्यालय पर ऐतिहासिक


Conclusion:राजसमंद झील नाथद्वारा में बागेरी का नाका कथा नंदसमंद बांध परियोजनाएं बड़े जल स्रोतों की श्रेणी में आती है इसके बावजूद भी जिले की सैकड़ों गांव इस साल गर्मी में जल संकट के हालात बने हुए है जिसको लेकर प्रशासन ने जल संकट को व्यवस्थित करने के लिए टैंकर की व्यवस्था भी की गई है वहीं कुछ जगह टुबेल नए खुद बाय जा रहे हैं वहीं प्रशासन ने बजट बना कर जहां जहां जल स्रोत की कमी है उसके लिए प्रशासन से बजट की मांग की है
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