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राजसमंद: 1,081 राजस्व ग्रामों में पेयजल आपूर्ति को लेकर किया गया Water Audit, ये है वजह

राजसमंद जिले में शुक्रवार को जिला कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व ग्रामों में वॉटर ऑडिट किया गया. इसके तहत ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति और पेयजल वितरण की विस्तृत समीक्षा की गई. इस दौरान ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और लोगों से जलापूर्ति को लेकर सुझाव लिए गए, जिसके आधार पर योजना बनाई जाएगी.

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राजसमंद में वॉटर ऑडिट
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Published : Jun 12, 2020, 7:17 PM IST

राजसमंद. वर्तमान समय में जिले में पेयजल संकट उत्पन्न न हो, इसके लिए जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल के निर्देशन में शुक्रवार को वॉटर ऑडिट (जल अंकेक्षण) करवाया गया. इस अभियान के तहत जिले की 214 ग्राम पंचायतों के 1081 राजस्व ग्रामों में वॉटर ऑडिट किया गया. ऑडिट में जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार, विकास अधिकारी सहित अन्य विभागों के नियुक्त अधिकारी/कार्मिकों के सहयोग से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पेयजल वितरण व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई.

अभियान की प्रभारी अधिकारी और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने बताया कि ऑडिट के बाद ग्राम पंचायत के सरपंच गणों से पेयजल वितरण की वर्तमान वस्तुस्थिति के संबंध में प्रपत्र भरवाए गए. निर्धारित प्रपत्र में निरीक्षण रिपोर्ट और पेयजल व्यवस्था के सुदृढ़िकरण के लिए ग्रामवासी और जनप्रतिनिधियों के सुझाव संबंधित उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में संकलन किया गया. उपखण्ड स्तर पर प्राप्त सूचनाओं और सुझावों का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट जिला स्तर पर प्रेषित जाएगी. जिसके बाद जिला स्तरीय समिति, ग्रामीण इलाकों में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए ग्रामीण विकास, पंचायती राज विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहयोग से कार्य योजना बनाएगा.

ये पढ़ें: 'विधायक विकास निधि पर प्रतिबंध गलत, ऐसा कर कांग्रेस सरकार ने गरीब विरोधी चेहरे को दर्शाया है'

बता दें कि अभियान के तहत शुक्रवार को प्रत्येक राजस्व ग्राम में पेयजल वितरण के समय पर ही नियुक्त अधिकारी ने मौका निरीक्षण किया. आमजन से पेयजल उपलब्धता, वितरण व्यवस्था, वितरण अन्तराल, पेयजल गुणवत्ता, पेयजल स्त्रोत में जल की उपलब्धता और जनसंख्या के आधार पर वास्तविक मांग आदि का आंकलन कर अंतर विश्लेषण किया गया. इसी के साथ जलस्त्रोतों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई व्यवस्था का भी निरीक्षण कर संबंधित ग्राम पंचायत को स्वच्छता के लिए पाबंद किया गया.

जिला कलेक्टर ने किया अवलोकन...

शुक्रवार सुबह पेयजल वितरण के दौरान जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने ग्रामीण पेयजल योजना केलवा में वाटर ऑडिट के दौरान आमजन और जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित किया. पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की गई. जिसमें ग्रामीणों ने हैंड पंप मरम्मत करवाने और अधिक दबाव से जलापूर्ति सहित वंचित क्षेत्रों मेें पाइप लाइन विस्तार के लिए बताया. जिस पर जिला कलक्टर ने मौके पर उपस्थित जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता और सहायक अभियंता को त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर केलवा के रेबारियों की ढ़ाणी में गए. जहां ग्रामीणों की मांग पर सोलर पनघट लगाने के निर्देश दिए. इसके अलावा जिला कलक्टर ने धोलीबावड़ी और सार्दुल में हैंडपंपों का निरीक्षण किया. आमजन को वितरित होने वाले पेयजल के टीडीएस और शुद्धता की जांच की. उन्हाेंंने घर-घर जाकर पेयजल की जानकारी ली. नड़ेजा भील बस्ती में पेयजल स्त्रोत के रूप में खुले कुंए की मांग की गई. केलवा के मुख्य बाजार, जल मन्दिर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को पेयजल वितरण उपयुक्त दबाव से होने की जानकारी ली.

ये पढ़ें: नागौर में राशन दुकानों पर गेहूं मिल रहा चना नहीं, डीएसओ बोले- शनिवार से होगी आपूर्ति

इसी प्रकार अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार ने ग्रामीण पेयजल योजना भाणा का, मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने ग्रामीण पेयजल योजना बिनोल और अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दिनेश राय सापेला ने ग्रामीण पेयजल योजना सेमा का निरीक्षण किया. ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर पेयजल वितरण व्यवस्था, जल गुणवत्ता, टंकी की नियमित सफाई, स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था सहित पेयजल स्त्रोतों के आसपास स्वच्छता का सर्वेक्षण किया. साथ ही विस्तृत विश्लेषण कर पेयजल व्यवस्था के सुदृढ़िकरण के लिए आमजन और जनप्रतिनिधियों से सुझाव लिए.

राजसमंद. वर्तमान समय में जिले में पेयजल संकट उत्पन्न न हो, इसके लिए जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल के निर्देशन में शुक्रवार को वॉटर ऑडिट (जल अंकेक्षण) करवाया गया. इस अभियान के तहत जिले की 214 ग्राम पंचायतों के 1081 राजस्व ग्रामों में वॉटर ऑडिट किया गया. ऑडिट में जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार, विकास अधिकारी सहित अन्य विभागों के नियुक्त अधिकारी/कार्मिकों के सहयोग से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पेयजल वितरण व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई.

अभियान की प्रभारी अधिकारी और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने बताया कि ऑडिट के बाद ग्राम पंचायत के सरपंच गणों से पेयजल वितरण की वर्तमान वस्तुस्थिति के संबंध में प्रपत्र भरवाए गए. निर्धारित प्रपत्र में निरीक्षण रिपोर्ट और पेयजल व्यवस्था के सुदृढ़िकरण के लिए ग्रामवासी और जनप्रतिनिधियों के सुझाव संबंधित उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में संकलन किया गया. उपखण्ड स्तर पर प्राप्त सूचनाओं और सुझावों का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट जिला स्तर पर प्रेषित जाएगी. जिसके बाद जिला स्तरीय समिति, ग्रामीण इलाकों में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए ग्रामीण विकास, पंचायती राज विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहयोग से कार्य योजना बनाएगा.

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बता दें कि अभियान के तहत शुक्रवार को प्रत्येक राजस्व ग्राम में पेयजल वितरण के समय पर ही नियुक्त अधिकारी ने मौका निरीक्षण किया. आमजन से पेयजल उपलब्धता, वितरण व्यवस्था, वितरण अन्तराल, पेयजल गुणवत्ता, पेयजल स्त्रोत में जल की उपलब्धता और जनसंख्या के आधार पर वास्तविक मांग आदि का आंकलन कर अंतर विश्लेषण किया गया. इसी के साथ जलस्त्रोतों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई व्यवस्था का भी निरीक्षण कर संबंधित ग्राम पंचायत को स्वच्छता के लिए पाबंद किया गया.

जिला कलेक्टर ने किया अवलोकन...

शुक्रवार सुबह पेयजल वितरण के दौरान जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने ग्रामीण पेयजल योजना केलवा में वाटर ऑडिट के दौरान आमजन और जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित किया. पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की गई. जिसमें ग्रामीणों ने हैंड पंप मरम्मत करवाने और अधिक दबाव से जलापूर्ति सहित वंचित क्षेत्रों मेें पाइप लाइन विस्तार के लिए बताया. जिस पर जिला कलक्टर ने मौके पर उपस्थित जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता और सहायक अभियंता को त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर केलवा के रेबारियों की ढ़ाणी में गए. जहां ग्रामीणों की मांग पर सोलर पनघट लगाने के निर्देश दिए. इसके अलावा जिला कलक्टर ने धोलीबावड़ी और सार्दुल में हैंडपंपों का निरीक्षण किया. आमजन को वितरित होने वाले पेयजल के टीडीएस और शुद्धता की जांच की. उन्हाेंंने घर-घर जाकर पेयजल की जानकारी ली. नड़ेजा भील बस्ती में पेयजल स्त्रोत के रूप में खुले कुंए की मांग की गई. केलवा के मुख्य बाजार, जल मन्दिर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को पेयजल वितरण उपयुक्त दबाव से होने की जानकारी ली.

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इसी प्रकार अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार ने ग्रामीण पेयजल योजना भाणा का, मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने ग्रामीण पेयजल योजना बिनोल और अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दिनेश राय सापेला ने ग्रामीण पेयजल योजना सेमा का निरीक्षण किया. ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर पेयजल वितरण व्यवस्था, जल गुणवत्ता, टंकी की नियमित सफाई, स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था सहित पेयजल स्त्रोतों के आसपास स्वच्छता का सर्वेक्षण किया. साथ ही विस्तृत विश्लेषण कर पेयजल व्यवस्था के सुदृढ़िकरण के लिए आमजन और जनप्रतिनिधियों से सुझाव लिए.

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