देवगढ़ (राजसमन्द). जिले की भीम तहसील क्षेत्र की नवसृजित हेमला की वेर ग्राम पंचायत और बरार ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को आखिरकार 5 साल बाद शराबबंदी के मामले में ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है.
राजसमन्द जिला कलेक्टर के आदेश पर इन दिनों ग्राम पंचायतों में शनिवार को कानूनी प्रक्रिया के तहत मतदान हुआ था. बरार ग्राम पंचायत के राजीव गांधी सेवा केंद्र पर पांच मतदान केंद्रों पर शनिवार सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान हुआ. दोनों ही ग्राम पंचायत के 5632 कुल मतदाता थे. शाम 5 बजे तक 64.35 प्रतिशत मतदान हुआ. देर शाम को मतगणना के बाद शराबबंदी के पक्ष में 3261 ग्रामीणों ने मत दिया. वहीं 162 मत खारिज हुए. 175 लोगों ने शराबबंदी लागू नहीं करने पक्ष में मत दिया.
सुबह 11 बजे तक 1131 ग्रामीणों ने अपना मत का प्रयोग किया था. वहीं 12 बजे तक 28 % मतदान हुआ. ग्रामीणों ने बैलेट पेपर से मतदान किया. भीम उपखंड क्षेत्र में शराबबंदी अभियान के तहत प्रथम चरण में काछबली ग्राम पंचायत में शराबबंदी लागू हुई थी. इसके बाद मण्डावर ग्राम पंचायत, थानेटा ग्राम पंचायत, भीम क्षेत्र की तीसरी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने काफी संघर्षों के बाद जीत हासिल की गई थी.
वहीं शनिवार को एक बार फिर इतिहास रच दिया. बरार, हेमला की वेर में जीत डंका बजाते हुए ग्रामीणों अपना परचम लहराया. इस जीत का श्रेय बरार सरपंच पंकजा सिंह, हेमला के वेर सरपंच राकेश कुमार के साथ दोनों ग्राम पंचायतों के वार्ड पंच, कार्यकर्ता और क्षेत्र की महिलाओं ने काफी मेहनत की, जिसके कारण ग्रामीणों की जीत हुई.
वहीं भीम देवगढ़ विधायक सुदर्शन सिंह रावत, राजस्थान शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा जो पिछले कई दिनों से ग्रामीणों में शराबबंदी लागू करने के ग्रामीणों में अलख जगा रही थीं. सुबह से ग्रामीणों में मतदान को लेकर काफी उत्साह देखा गया. सुबह सर्दी होने के बावजूद मतदान केंद्र पर ग्रामीणों की भीड़ रही.
जैसे ही मतगणना का परिणाम आया, ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों ने विधायक सुदर्शन सिंह रावत, दोनों ग्राम पंचायत के सरपंच ने पूजा छाबड़ा का माला और साफा पहनाकर स्वागत किया. जीत का जश्न डीजे पर नाच-गाकर मनाया गया. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत क्षेत्र में विशाल विजय जलूस निकाला.