राजसमंद. गहलोत सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को मिलने वाला मासिक भत्ता 750 रुपये से बढ़ाकर 3 हजार और साढे तीन हजार रुपये कर दिया है. जिले की 608 महिला दिव्यांगों को लेकर की गई यह घोषणा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले किया था.
बता दें कि इस घोषणा को 1 मार्च से अमल में लाना था. लेकिन घोषणा होने के बाद भी अभी तक युवाओं के हाथों में पैसा नहीं आया है, जिससे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को निराशा हाथ लग रही है.
वहीं देखा जाए तो बेरोजगार युवक, बेरोजगारी भत्ते के लिए बड़ी संख्या में रोजाना आवेदन कर रहे हैं. इस बार जिले में करीब 800 से अधिक लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किए हैं. रोजगार कार्यालय अधिकारी के मुताबिक जिन लोगों को वसुंधरा की सरकार में बेरोजगारी भत्ता मिलता था और उनकी समयावधि 2 साल पूरी नहीं हुई है. उनको वर्तमान सरकार में भी भत्ता मिलने लगा. कहा जाए तो जिन लोगों ने वसुंधरा सरकार में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था. साथ ही जिन लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है. लेकिन बीच में किसी कारणवश भत्ता मिलना बंद हो गया. उनको गहलोत सरकार ने पहले की तुलना में बढ़ाकर भत्ता दे रही है.
कहने का मतलब है की जिन पुरुषों को 650 रुपये बेरोजगारी भत्ता और महिलाओं को 750 रुपये मिलता था और उनकी समयावधि पिछले वाले भत्ते के आवेदन की तिथि से 2 साल पूरे नहीं हुए हैं. उनको वर्तमान सरकार में बढ़ी हुई राशि यानि कि पुरुषों को 3000 और महिलाओं को 3500 रुपये मिलेंगे. देखा जाए तो सिर्फ राजसमंद में ही 170 लोगों को जिनकी समय अवधि 2 साल पूरी हुई है. उनको इस राशि उसका भुगतान किया जा रहा है. लेकिन जिन्होंने राजस्थान में नई सरकार बनने के बाद में बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया है या कर रहे हैं. उनको अभी तक बेरोजगारी भत्ता के रूप में कुछ भी नहीं मिला है.
बता दें कि बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन कर्ता की उम्र सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 21 से 30 साल निर्धारित की गई है. वहीं एसी-एसटी सहित सभी वर्गों की महिलाओं के लिए 21 से 35 वर्ष निर्धारित है बेरोजगारी भत्ता केवल 2 वर्ष तक ही मिलेगा अगर परिवार में वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम हो वही परिवार में कोई गवर्नमेंट सर्वेंट नहीं हो.