राजसमंद. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य बालकों का सर्वांगीण विकास करना है. शिक्षा की अलख जगाने में समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग देने की आवश्यता है. शिक्षा नीति से बालकों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने की भूमिका निर्वहन करना आज के समय में अत्यन्त आवश्यक है. यह विचार राजसमंद जिला परिषद के एसीईओ डॉ. दिनेश राय सापेला ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार में वक्ता के रूप में व्यक्त किए.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अन्तर्गत बालक जिस क्षेत्र में रूचि रखता हो, उसे उसी क्षेत्र का ज्ञान प्रदान करने से बालक की रूचि अनुरूप प्रशिक्षण देना है, ताकि सीखने वाला बालक अपने उद्देश्य और अपनी क्षमताओं का सही आंकलन करते हुए सक्षम हो सके. शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण देते समय अनुशासन की पालना के साथ शिक्षा के प्रत्येक आयामों का ज्ञान व विषय वस्तु पर अच्छी पकड़ होना अति आवश्यक हो.
नई शिक्षा नीति में शिक्षक की शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रक्रियाओं के सुधार एवं बालकों में क्षमता बढ़ाना, समाज की दिशा एवं दशा को निर्धारण करना, बालकों की क्षमताओं का आंकलन करना, गुणवत्तापूर्ण तथा सार्वभौमिक शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा पर भी बल दिया जाने सहित अन्य विषयों पर प्रकाश डाला.
वेबिनार में शिक्षा विभाग राजीव गांधी विश्वविद्याालय अरूणाचल प्रदेश सहायक प्राध्यापक डॉ. सुमिन प्रकाश, एनसीईटी नई दिल्ली डॉ. रीतु चन्दा सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग राजीव गांधी विश्वविद्यालय अरूणाचल प्रदेश सहायक प्राध्यापक डॉ. विवेक सिंह ने भी शिक्षा नीति 2020 के प्रत्येक आयामों, उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च शिक्षा निदेशक प्राचार्य डाइट लखनउ डॉ. पवन सचान ने की. कार्यक्रम का समंवयन एवं संचालन अदिति श्रीवास्तव, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनउ प्रवक्ता संजय शर्मा द्वारा किया गया.