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पुलवामा शहीद नारायण लाल गुर्जर का स्मारक निर्माण के इंतजार में, सांसद दीया कुमारी ने दिया आश्वासन - दीया कुमारी खबर

सांसद दीया कुमारी ने शहीद नारायण लाल गुर्जर के गांव बिनोल में उनके नाम का स्मारक न बन पाने को लेकर कहा कि वे प्रशासन से बात करेंगी. गौरतलब है पुलवामा हमले को एक साल बीत जाने के बाद भी बिनोल में अब तक शहीद के नाम का स्मारक नहीं बन पाया है.

सांसद दीया कुमारी, MP Dia Kumari
सांसद दीया कुमारी
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Published : Feb 17, 2020, 10:55 AM IST

राजसमंद. पुलवामा हमले में शहीद हुए नारायण लाल गुर्जर के पैतृक गांव बिनोल में अभी तक स्मारक नहीं बना और ना ही स्कूल का नाम परिवर्तित हुआ. जिसे लेकर राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने कहा है कि वे अपनी तरफ से निर्माण करवाने का पूरा प्रयास करेंगी.

शहीद नारायण लाल गुर्जर के स्मारक पर सांसद दीया कुमारी ने की बात

उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी भी सेना में थे, इसलिए मेरे लिए ये जरूरी है कि शहीद को मान सम्मान मिलना चाहिए. गांव वाले शहीद के नाम पर और कुछ चाहेंगे, तो वह भी होना चाहिए. मैं इसे लेकर प्रशासन से भी बात करूंगी.

पुलवामा हमले में 40 वीर जवान शहीदों में राजसमंद जिले के गांव बिनोल के नारयण गुर्जर भी थे. वीर जवान की शहादत के बाद प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया. ना तो शहीद के नाम पर गांव में किसी मार्ग का नाम अभी तक रखा गया है और ना ही किसी सरकारी स्कूल का नाम उनके नाम पर बदला गया है.

पढ़ें: स्पेशल: पुलवामा हमले में शहीद नारायण लाल गुर्जर के गांव में नहीं बना स्मारक, प्रशासन की लापरवाही से लोगों में नाराजगी

ईटीवी भारत ने इस हादसे के 1 साल पूरे होने के बाद राजसमंद के बाशिंदों से इस हादसे के बारे में बात की तो गांव में शहीद स्मारक और शहीद के नाम स्कूल का नाम परिवर्तित नहीं होने को लेकर आक्रोशित नजर आए थे. अब जब राजसमंद सांसद दीया कुमारी दौरे पर पहुंची तो हमने उनके समक्ष भी शहीद परिवार की मांग का प्रश्न किया. तब उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस बारे में प्रशासन से बात जरूर करेंगी.

राजसमंद. पुलवामा हमले में शहीद हुए नारायण लाल गुर्जर के पैतृक गांव बिनोल में अभी तक स्मारक नहीं बना और ना ही स्कूल का नाम परिवर्तित हुआ. जिसे लेकर राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने कहा है कि वे अपनी तरफ से निर्माण करवाने का पूरा प्रयास करेंगी.

शहीद नारायण लाल गुर्जर के स्मारक पर सांसद दीया कुमारी ने की बात

उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी भी सेना में थे, इसलिए मेरे लिए ये जरूरी है कि शहीद को मान सम्मान मिलना चाहिए. गांव वाले शहीद के नाम पर और कुछ चाहेंगे, तो वह भी होना चाहिए. मैं इसे लेकर प्रशासन से भी बात करूंगी.

पुलवामा हमले में 40 वीर जवान शहीदों में राजसमंद जिले के गांव बिनोल के नारयण गुर्जर भी थे. वीर जवान की शहादत के बाद प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया. ना तो शहीद के नाम पर गांव में किसी मार्ग का नाम अभी तक रखा गया है और ना ही किसी सरकारी स्कूल का नाम उनके नाम पर बदला गया है.

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ईटीवी भारत ने इस हादसे के 1 साल पूरे होने के बाद राजसमंद के बाशिंदों से इस हादसे के बारे में बात की तो गांव में शहीद स्मारक और शहीद के नाम स्कूल का नाम परिवर्तित नहीं होने को लेकर आक्रोशित नजर आए थे. अब जब राजसमंद सांसद दीया कुमारी दौरे पर पहुंची तो हमने उनके समक्ष भी शहीद परिवार की मांग का प्रश्न किया. तब उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस बारे में प्रशासन से बात जरूर करेंगी.

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