राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों ने हर व्यवसाय की गति पर ग्रहण लगाया है. यही कारण है कि कुछ व्यवसायों को अभी भी उबर पाने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. ऐसा ही हाल रेस्टोरेंट व्यवसायियों का है. जिनको इस महामारी ने ऐसा प्रभावित किया है कि अब नाममात्र के कस्टमर आ रहे हैं.
पहले के मुकाबले अब सिर्फ 25 फीसदी व्यवसाई ही रेस्टोरेंट को चला पा रहे हैं. कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण करीब 2 महीने तक यह व्यवसाय पूरी तरह से बंद रहा. इसके बाद सरकार ने अनलॉक करते हुए इस व्यवसाय को खोलने की छूट दी, लेकिन लोगों में अभी भी कोरोना महामारी का डर बैठा हुआ दिखाई देता है. यही वजह है कि पूरी सावधानियां बरतने के बावजूद भी रेस्टोरेंट्स व्यवसाय रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे है.
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शहर के रेस्टोरेंट व्यवसाई भूषण बताते कि प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर रेस्टोरेंट संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन कस्टमर कम होने के कारण रेस्टोरेंट के व्यवसाय में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले 20 फीसदी व्यवसाय ही चल रहा है. इस व्यवसाय में काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. खास करके सब्जियों के भाव लगातार आसमान छू रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी खाने की रेट नहीं बढ़ा पा रहे है. क्योंकि कस्टमर की लिमिट डिमांड होती है.
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वहीं फेमस रेस्टोरेंट्स गजानंद का भी यही हाल है. भेरू लाल पुरोहित रेस्टोरेंट संचालक बताते हैं कि पहले अधिक संख्या में लोग खाना खाने आते थे, लेकिन अब संख्या काफी घट गई है. पहले हजारों रुपए का व्यवसाय प्रतिदिन होता था लेकिन अब 20 प्रतिशत से भी कम व्यवसाय रह गया है. इन सभी लोगों ने सरकार से गुहार लगाई की इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को कुछ राहत मिले. जिससे व्यवसाय को उभार पाने में थोड़ी राहत मिल सके.