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आओ जाणा सांसदां रे गोद लिया आदर्श गांवां रो हाल... MP हरिओम सिंह राठौड़, राजसमंद

पीएम मोदी की आदर्श गांव योजना के तहत प्रत्येक सांसद को एक- एक गांव गोद लेकर उसका विकास करने को कहा गया था. यह योजना 11 अक्टूबर 2014 को आरंभ की गई थी. इसी योजना के तहत राजसमंद से सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने तोसाल गांव को गोद लिया था. गोद लेने के बाद गांव में कितना विकास हुआ, ये जानने ईटीवी भारत पहुंचा राजसमंद के तोसाल गांव के लोगों से बात करने.. आइए जानते हैं, क्षेत्र में हुए विकास के बारे में...

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Published : Mar 13, 2019, 6:28 PM IST

आदर्श गांव योजना

राजसमंद.लोगों का कहना है कि पहले बहुत पिछडा़ हुआ क्षेत्र था, वहीं अब गोद लेने के बाद से सड़क और लाइट के हालातों में सुधार हुआ है. इसके साथ ही बहुत सारी मूलभूत सुविधाएं गांव को मिली है. जिस कारण दूसरे गांवों की तुलना में तोसाल गांव काफी अच्छा हुआ है.


वहीं कुछ लोगों का कहना है कि 5 साल बीत जाने के बाद, अब आदर्श गांव में सड़क बनाई जा रही है जो काफी पहले ही बना देनी चाहिए थी. चुनाव के समय को देखते हुए सड़क और अन्य विकास के काम तेज गति से करवाए जा रहे हैं. यही काम अगर पहले कराए जाते तो काफी लोगों को इससे फायदा होता.

आदर्श गांव योजना


चिकित्सा के नाम पर गांव में एक ही अस्पताल है जिसमें डॉक्टर भी कभी-कभी आते हैं. वहीं बात करें अगर शिक्षा की तो इसी गांव के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी है. दूसरी ओर पशु चिकित्सालय के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही दिखाई देती है. ऐसे में गांव को आदर्श गांव नहीं कहा जा सकता.


हालांकि मोदी ने 5 सालों में 3 गांवों को गोद लेकर उन्हें आदर्श बनाने को कहा था. जिससे बाकि के गांव प्रेरित होकर विकास की राह पर चल सके. इसी तर्ज पर सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने दूसरे चरण में बामनिया कलां गांव को गोद लिया.


गौर किया जाए तो सांसद के गोद लिए दोनों गांवों में अमूमन कोई बड़ा विकास होता नजर नहीं आया है. वहीं सांसद हरिओम सिंह से बात करने पर वे बोले कि आमजन के विचारों में परिवर्तन लाने को आदर्श कहा जाता है. आदर्श का मतलब गांव में सुख-सुविधा उपलब्ध कराने से नहीं बल्कि लोगों में जागरूकता बढाने से है. जिससे हर व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं उठा सके. वहीं सांसद ने कहा कि तासोल पहला गांव है जिसमें अवैध चारागाह भूमि पर किसी का कब्जा नहीं है. 500 बीघा चारागाह भूमि पर फल फ्रूट के पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जो अपने आप में एक आदर्श स्थापित करता है.

राजसमंद.लोगों का कहना है कि पहले बहुत पिछडा़ हुआ क्षेत्र था, वहीं अब गोद लेने के बाद से सड़क और लाइट के हालातों में सुधार हुआ है. इसके साथ ही बहुत सारी मूलभूत सुविधाएं गांव को मिली है. जिस कारण दूसरे गांवों की तुलना में तोसाल गांव काफी अच्छा हुआ है.


वहीं कुछ लोगों का कहना है कि 5 साल बीत जाने के बाद, अब आदर्श गांव में सड़क बनाई जा रही है जो काफी पहले ही बना देनी चाहिए थी. चुनाव के समय को देखते हुए सड़क और अन्य विकास के काम तेज गति से करवाए जा रहे हैं. यही काम अगर पहले कराए जाते तो काफी लोगों को इससे फायदा होता.

आदर्श गांव योजना


चिकित्सा के नाम पर गांव में एक ही अस्पताल है जिसमें डॉक्टर भी कभी-कभी आते हैं. वहीं बात करें अगर शिक्षा की तो इसी गांव के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी है. दूसरी ओर पशु चिकित्सालय के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही दिखाई देती है. ऐसे में गांव को आदर्श गांव नहीं कहा जा सकता.


हालांकि मोदी ने 5 सालों में 3 गांवों को गोद लेकर उन्हें आदर्श बनाने को कहा था. जिससे बाकि के गांव प्रेरित होकर विकास की राह पर चल सके. इसी तर्ज पर सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने दूसरे चरण में बामनिया कलां गांव को गोद लिया.


गौर किया जाए तो सांसद के गोद लिए दोनों गांवों में अमूमन कोई बड़ा विकास होता नजर नहीं आया है. वहीं सांसद हरिओम सिंह से बात करने पर वे बोले कि आमजन के विचारों में परिवर्तन लाने को आदर्श कहा जाता है. आदर्श का मतलब गांव में सुख-सुविधा उपलब्ध कराने से नहीं बल्कि लोगों में जागरूकता बढाने से है. जिससे हर व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं उठा सके. वहीं सांसद ने कहा कि तासोल पहला गांव है जिसमें अवैध चारागाह भूमि पर किसी का कब्जा नहीं है. 500 बीघा चारागाह भूमि पर फल फ्रूट के पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जो अपने आप में एक आदर्श स्थापित करता है.

Intro:आदर्श गांव योजना 11 अक्टूबर 2014 को इसलिए प्रारंभ की गई थी कि प्रत्येक सांसद एक गांव गोद ले और उसे आदर्श बनाएं इसी योजना के तहत राजसमंद से सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने तोसाल गांव को गोद लिया था तोसाल गांव के लोगों का कहना है कि शुरुआत में कोई परिवर्तन नहीं आया था लेकिन धीरे-धीरे गांव की सड़क लाइट और पेयजल की सुविधा उपलब्ध होने लगी


Body:जिसके कारण गांव दूसरे गांव की तुलना में अच्छा होने लगा वहीं कुछ लोगों का कहना है कि 5 साल बीत जाने के बाद अब आदर्श गांव में सड़क बनाई जा रही है जो कि पहले ही बना देनी चाहिए थी चुनाव आने के समय देखते हुए सड़क और अन्य विकास के काम तेज गति से करवाए जा रहे हैं जो अगर पहले हो जाते तो काफी लोगों को इससे फायदा होता वहीं लोगों ने कहा कि चिकित्सा के नाम पर इस गांव में एक सरकारी हॉस्पिटल है जिसमें डॉक्टर कभी कबार आते हैं वही गांव के सरकारी स्कूल में अध्यापकों की कमी भी बताई जा रही है वही पशु चिकित्सालय के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही दिखाई देती है


Conclusion:वहीं सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने दूसरे चरण में आदर्श गांव गोद लेते हुए बामनिया कला को गांव को गोद लिया था वहां भी कोई आमचूर परिवर्तन नहीं दिखाई देते जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को इन 5 साल में 3 गांव को गोद लेना था और उन्हें आदर्श स्थापित करना था जिसके कारण अन्य गांव उन्हें देखकर विकास और आदर्श स्थापित कर सके लेकिन राजसमंद जिले के दोनों आदर्श गांव को देखे तो कुछ गहरा प्रभाव नहीं दिखाई देता जिसके कारण गांव को आदर्श कहा जा सके वहीं सांसद हरिओम सिंह राठौड़ का कहना है कि किसी भी आदर्श गांव लोगों के विचारों में परिवर्तन को लाना ही मैं मानता हूं कि एक प्रकार से आदर्श है जबकि नाली सड़क और अन्य सुविधाओं से आदर्श नहीं माना जा सकता लोगों के विचारों में परिवर्तन लाना ही जिसके कारण सफाई के प्रति स्वयं जागरूक हो अपनी समस्याओं का स्वयं उठा सके वहीं सांसद ने कहा कि आज तासोल पहला गांव है जिसमें अवैध चारागाह भूमि पर किसी का कब्जा नहीं है 500 बीघा चारागाह भूमि पर फल फ्रूट के पेड़ पौधे लगाए गए हैं जो अपने आप में एक आदर्श स्थापित करता है

बाकी सांसद की बाइट और वीडियो मेल कर दिए गए हैं
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