राजसमंद.लोगों का कहना है कि पहले बहुत पिछडा़ हुआ क्षेत्र था, वहीं अब गोद लेने के बाद से सड़क और लाइट के हालातों में सुधार हुआ है. इसके साथ ही बहुत सारी मूलभूत सुविधाएं गांव को मिली है. जिस कारण दूसरे गांवों की तुलना में तोसाल गांव काफी अच्छा हुआ है.
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि 5 साल बीत जाने के बाद, अब आदर्श गांव में सड़क बनाई जा रही है जो काफी पहले ही बना देनी चाहिए थी. चुनाव के समय को देखते हुए सड़क और अन्य विकास के काम तेज गति से करवाए जा रहे हैं. यही काम अगर पहले कराए जाते तो काफी लोगों को इससे फायदा होता.
चिकित्सा के नाम पर गांव में एक ही अस्पताल है जिसमें डॉक्टर भी कभी-कभी आते हैं. वहीं बात करें अगर शिक्षा की तो इसी गांव के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी है. दूसरी ओर पशु चिकित्सालय के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही दिखाई देती है. ऐसे में गांव को आदर्श गांव नहीं कहा जा सकता.
हालांकि मोदी ने 5 सालों में 3 गांवों को गोद लेकर उन्हें आदर्श बनाने को कहा था. जिससे बाकि के गांव प्रेरित होकर विकास की राह पर चल सके. इसी तर्ज पर सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने दूसरे चरण में बामनिया कलां गांव को गोद लिया.
गौर किया जाए तो सांसद के गोद लिए दोनों गांवों में अमूमन कोई बड़ा विकास होता नजर नहीं आया है. वहीं सांसद हरिओम सिंह से बात करने पर वे बोले कि आमजन के विचारों में परिवर्तन लाने को आदर्श कहा जाता है. आदर्श का मतलब गांव में सुख-सुविधा उपलब्ध कराने से नहीं बल्कि लोगों में जागरूकता बढाने से है. जिससे हर व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं उठा सके. वहीं सांसद ने कहा कि तासोल पहला गांव है जिसमें अवैध चारागाह भूमि पर किसी का कब्जा नहीं है. 500 बीघा चारागाह भूमि पर फल फ्रूट के पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जो अपने आप में एक आदर्श स्थापित करता है.