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स्पेशल रिपोर्ट: मेडिकल कॉलेज तो दूर की बात...जो भी डॉक्टर थे उनका भी हो गया तबादला, RK जिला अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था चरमराई

राजसमंद के सबसे बड़ा आरके चिकित्सालय डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. जहां अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद 55 हैं. लेकिन, वर्तमान में यहां 25 डॉक्टर ही कार्यरत हैं, जबकि 30 पद रिक्त हैं. जिससे अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीज निजी चिकित्सालय या उदयपुर जाने को मजबूर है.

राजसमंद न्यूज, rajsamand news
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Published : Nov 8, 2019, 7:16 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 8:11 PM IST

राजसमंद. जिले के सबसे बड़े आरके चिकित्सालय के कई अहम विभागों के डॉक्टरों के तबादले से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ा गई है. यहां तक छोटे-मोटे मोटे फैक्चर के इलाज की सुविधा भी यहां मुनासिब नहीं हो पा रही है. मरीजों को इलाज के लिए निजी चिकित्सालय या फिर उदयपुर के चक्कर लगाना पड़ रहा है.

आरके जिला चिकित्सालय में लड़खड़ाए चिकित्सा व्यवस्था

बता दें कि आरके जिला चिकित्सालय के अस्थि रोग विशेषक डॉ. धर्मवीर बुनकर का स्थानांतरण भीम कर दिया गया है और आनन-फानन में उन्हें रिलीवी भी कर दिया गया. जबकि, यहां पहले से ही ऑर्थो यूनिट में कोई चिकित्सक पदस्थ नहीं है. लेकिन, इसके बावजूद डॉ. धर्मवीर बुनकर को रिलीव कर दिया गया. वहीं उनका स्थानांतरण हो जाने के बाद ट्रामा सेंटर में दूरदराज से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर पहुंची तो वहां पूरा ट्रामा सेंटर सुनसान नजर आया, जहां एक भी मरीज उपलब्ध नहीं था.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: अलवर में नामांकन के बाद बीजेपी और कांग्रेस बागियों को मनाने में जुटी

गौर करने वाली बात है कि पिछले सप्ताह करीब 176 अस्थि रोग मरीज मरीज अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे. लेकिन, डॉक्टर का स्थानांतरण हो जाने के बाद यहां की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. यही नहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजसमंद ने एक आदेश जारी करते हुए डॉ धर्मवीर बुनकर जिनका स्थानांतरण राजसमंद के भीम चिकित्सालय में किया गया है. उन्हें सप्ताह के 3 दिन गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को आरके जिला चिकित्सालय में मरीजों को देखने के लिए लगाया गया है. यह आदेश 6 नवंबर को जारी हुआ है. लेकिन, इस आदेश पर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है.

पढ़ेंः आर्थिक सुधारों को लेकर कांग्रेस का रोना, 55 साल में खुद कुछ नहीं कर पाए : सतीश पूनिया

वहीं इसके अलावा आरके चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषक का पद भी लंबे समय से रिक्त है, जिसके कारण इस विभाग में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन दो विभागों के अलावा चिकित्सालय में मनोरोग विशेषज्ञ में भी पद रिक्त है, जिससे इस विभाग में आने वाले मरीजों को निजी अस्पताल या उदयपुर जाना पड़ रहा है. बता दें कि अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद 55 हैं, लेकिन वर्तमान में यहां 25 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. जबकि 30 पद रिक्त हैं. हर रोज भारी संख्या में यहां मरीज उपचार कराने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन महत्वपूर्ण विभागों में डॉक्टर नहीं होने के कारण उन्हें या तो निजी अस्पताल में जाना पड़ता है या फिर उनका उदयपुर जाना पड़ता है.

देखा जाए तो पिछले सप्ताह में 3 हजार 762 मरीजों ने ओपीडी में इलाज कराने आए. जहां एक और राज्य सरकार ने राजसमंद जिले को उपहार देते हुए राजसमंद मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है. वहीं दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी होने के आरके चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ाए हुई नजर आ रही है. अब देखना होगा कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए सरकार आखिर क्या नए कदम उठाती है.


यहां के चिकित्सालय के स्थिति पर एक नजर...

पदनाम कार्यरत स्वीकृत पद रिक्त पद
वरिष्ठ विश्लेषक 5 5 0
डिप्टी कंट्रोलर 1 1 0
कनिष्ठ विशेषक 17 6 11
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी 3 5 2
चिकित्सा अधिकारी 28 7 21
दंत चिकित्सक 1 1 0
योग 55 25 30

राजसमंद. जिले के सबसे बड़े आरके चिकित्सालय के कई अहम विभागों के डॉक्टरों के तबादले से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ा गई है. यहां तक छोटे-मोटे मोटे फैक्चर के इलाज की सुविधा भी यहां मुनासिब नहीं हो पा रही है. मरीजों को इलाज के लिए निजी चिकित्सालय या फिर उदयपुर के चक्कर लगाना पड़ रहा है.

आरके जिला चिकित्सालय में लड़खड़ाए चिकित्सा व्यवस्था

बता दें कि आरके जिला चिकित्सालय के अस्थि रोग विशेषक डॉ. धर्मवीर बुनकर का स्थानांतरण भीम कर दिया गया है और आनन-फानन में उन्हें रिलीवी भी कर दिया गया. जबकि, यहां पहले से ही ऑर्थो यूनिट में कोई चिकित्सक पदस्थ नहीं है. लेकिन, इसके बावजूद डॉ. धर्मवीर बुनकर को रिलीव कर दिया गया. वहीं उनका स्थानांतरण हो जाने के बाद ट्रामा सेंटर में दूरदराज से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर पहुंची तो वहां पूरा ट्रामा सेंटर सुनसान नजर आया, जहां एक भी मरीज उपलब्ध नहीं था.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: अलवर में नामांकन के बाद बीजेपी और कांग्रेस बागियों को मनाने में जुटी

गौर करने वाली बात है कि पिछले सप्ताह करीब 176 अस्थि रोग मरीज मरीज अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे. लेकिन, डॉक्टर का स्थानांतरण हो जाने के बाद यहां की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. यही नहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजसमंद ने एक आदेश जारी करते हुए डॉ धर्मवीर बुनकर जिनका स्थानांतरण राजसमंद के भीम चिकित्सालय में किया गया है. उन्हें सप्ताह के 3 दिन गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को आरके जिला चिकित्सालय में मरीजों को देखने के लिए लगाया गया है. यह आदेश 6 नवंबर को जारी हुआ है. लेकिन, इस आदेश पर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है.

पढ़ेंः आर्थिक सुधारों को लेकर कांग्रेस का रोना, 55 साल में खुद कुछ नहीं कर पाए : सतीश पूनिया

वहीं इसके अलावा आरके चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषक का पद भी लंबे समय से रिक्त है, जिसके कारण इस विभाग में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन दो विभागों के अलावा चिकित्सालय में मनोरोग विशेषज्ञ में भी पद रिक्त है, जिससे इस विभाग में आने वाले मरीजों को निजी अस्पताल या उदयपुर जाना पड़ रहा है. बता दें कि अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद 55 हैं, लेकिन वर्तमान में यहां 25 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. जबकि 30 पद रिक्त हैं. हर रोज भारी संख्या में यहां मरीज उपचार कराने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन महत्वपूर्ण विभागों में डॉक्टर नहीं होने के कारण उन्हें या तो निजी अस्पताल में जाना पड़ता है या फिर उनका उदयपुर जाना पड़ता है.

देखा जाए तो पिछले सप्ताह में 3 हजार 762 मरीजों ने ओपीडी में इलाज कराने आए. जहां एक और राज्य सरकार ने राजसमंद जिले को उपहार देते हुए राजसमंद मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है. वहीं दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी होने के आरके चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ाए हुई नजर आ रही है. अब देखना होगा कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए सरकार आखिर क्या नए कदम उठाती है.


यहां के चिकित्सालय के स्थिति पर एक नजर...

पदनाम कार्यरत स्वीकृत पद रिक्त पद
वरिष्ठ विश्लेषक 5 5 0
डिप्टी कंट्रोलर 1 1 0
कनिष्ठ विशेषक 17 6 11
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी 3 5 2
चिकित्सा अधिकारी 28 7 21
दंत चिकित्सक 1 1 0
योग 55 25 30
Intro:राजसमंद- जिले के आरके चिकित्सालय के कई अहम विभागों के डॉक्टरों के तबादले से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ा गई है. यहां तक छोटे-मोटे मोटे फैक्चर के इलाज की सुविधा भी यहां मुनासिब नहीं हो पाएगी और मरीजों को निजी चिकित्सालय या फिर उदयपुर की दौड़ लगानी पड़ेगी यह हालात बने हैं. आरके जिला चिकित्सालय के जहां से अस्थि रोग विशेषक डॉ धर्मवीर बुनकर का स्थानांतरण भीम कर दिया गया.और आनन-फानन में उन्हें रिलीवी कर दिया गया.जबकि यहां पहले से ही ऑर्थो यूनिट में कोई चिकित्सक पदस्थ नहीं है.


Body:लेकिन उसके बावजूद भी डॉ धर्मवीर बुनकर को रिलीव कर दिया गया.वही उनका स्थानांतरण हो जाने के बाद जहां ट्रामा सेंटर में दूरदराज से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालत यहां तक पहुंच गई है. ईटीवी भारत की टीम जब आर के चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर पहुंची तो सामने आया कि वहां दूरदराज से इलाज कराने मरीज तो पहुंच रहे हैं. लेकिन चिकित्सक नहीं होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. गौर करने वाली बात है. कि पिछले सप्ताह करीब अस्थि रोग मरीज 176 मरीज अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे. लेकिन डॉक्टर का स्थानांतरण हो जाने के बाद यहां की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
वहीं इसके अलावा आरके चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषक का पद भी लंबे समय से रिक्त है. जिसके कारण इस विभाग में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वही गौर करने वाली बात यह है. कि चिकित्सालय में मनोरोग विशेषज्ञ पर भी रिक्त है.जिससे इस विभाग में भी आने वाले मरीजों को निजी अस्पताल या उदयपुर जाना पड़ रहा है.



Conclusion:गौरतलब है. कि आरके अस्पताल में डॉक्टरों की स्वीकृत पद 55 है.लेकिन वर्तमान में यहां 25 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. जबकि 30 पद रिक्त हैं.
यह चिकित्सालय के स्थिति
पदनाम. स्वीकृत. कार्यरत. रिक्त
वरिष्ठ विश्लेषक. -. 5. 5. 0
डिप्टी कंट्रोलर-. 1. 1. 0
कनिष्ठ विशेषक-. 17. 6. 11
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी-3. 5. 2
चिकित्सा अधिकारी-28. 7. 21
दंत चिकित्सक-. 1. 1. 0
योग-55. 25. 30
हर रोज भारी संख्या में यहां मरीज उपचार कराने के लिए दूरदराज से चिकित्सालय पहुंचते हैं. लेकिन महत्वपूर्ण विभागों में डॉक्टर नहीं होने के कारण उन्हें या तो निजी अस्पताल में जाना पड़ता है.या फिर उनका उदयपुर जाना पड़ता है. देखा जाए तो पिछले सप्ताह मे 3762 मरीजों ने ओपीडी में इलाज कराने आए. जहां एक और राज्य सरकार ने राजसमंद जिले को उपहार देते हुए राजसमंद मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है.तो वहीं दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी होने के आरके चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ाए हुई नजर आ रही है. अब देखना होगा कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए सरकार आखिर क्या नए कदम उठाती है.
बाइट- नरेश कुमावत मरीज
बाइट- दौलतराम मरीज
वाइट- ललित
बाइट डॉ सुनीता- उप नियंत्रक
Last Updated : Nov 8, 2019, 8:11 PM IST
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