देवगढ़ (राजसमंद). जिले के दिवेर थाना क्षेत्र के खीमाखेड़ा में 12 जुलाई से लापता व्यापारी लक्ष्मणसिंह रावत की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. व्यापारी की हत्या उसी गांव के तीन युवकों ने मिलकर की थी. हत्या के बाद शव को कुएं में डाल दिया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके व्यापारी की लग्जरी गाड़ी को भी बरामद कर लिया है.
एसपी ने बताया कि 18 जुलाई को लाम्बोड़ी के पास कुएं में अज्ञात व्यक्ति का नग्न शव मिला था. चारभुजा पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू की. इस बीच दिवेर थाना क्षेत्र में खीमाखेड़ा से 12 जुलाई को लापता लक्ष्मणसिंह रावत को लेकर भी तहकीकात की गई. जांच में शव लक्ष्मणसिंह का ही निकला. इस पर पुलिस ने कई टीमों का गठन करके संयुक्त जांच शुरू की. पुलिस ने लाम्बोड़ी से 200 किलोमीटर की परिधि के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. संदिग्ध गतिविधियों पर दिवेर निवासी घनश्यामसिंह, लक्ष्मणसिंह और भरत कुमार को पकड़कर सख्ती के साथ पूछताछ की. पूछताछ में तीनों आरोपियों ने हत्या करना कबूल कर लिया. आरोपियों से पुलिस ने व्यापारी की लूट हुई कार को भी बरामद कर लिया है. हत्या की जांच तीन थानों की पुलिस ने किया.
यह भी पढ़ें. भीलवाड़ा गैंग रेप मामले में पुलिस ने महज 48 घंटे में आरोपियों के खिलाफ पेश की चालान
पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद तीनों आरोपी व्यापारी की कार को भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा थानाक्षेत्र में छोड़कर फरार हो गए थे. आरोपी तीन दिन के बाद वापस लौटे तो कार 29 मील पुलिस चौकी में खड़ी मिली. इस पर आरोपियों ने चौकी की निगरानी करते हुए मौका लगते ही कार को चोरी कर लिया.
इंटरनेट पर देखकर बनाया प्लान
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने इंटरनेट के माध्यम से मर्डर करने के तरीके और सबूत मिटाने के बारे में वीडियो देखे. इसके बाद हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया. इस वारदात में मुख्य आरोपी घनश्याम है. उसी ने पूरा प्लान बनाया. पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लक्ष्मण सिंह के अवैध संबंधों के कारण रंजिश रखता था. घनश्याम ने लक्ष्मण सिंह की हत्या के लिए अपने दो साथियों लक्ष्मणसिंह और भरत कुमार को बुलाया. तीनों ने मिलकर घटना से दो दिन पहले तक एक होटल में रुककर प्लान तैयार किया.
यह भी पढ़ें. माता बनी कुमाता, मां की रजामंदी से आरोपी 5 साल तक करता रहा नाबालिग से दुष्कर्म, पीड़िता ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए
इसके बाद 11 जुलाई की रात को घनश्याम ने व्यापारी लक्ष्मण सिंह को किसी काम का बहाना बनाकर खेमाखेड़ा के एक होटल के पास बुलाया. बाद में वहां से उसे भेरु गुड़ा की तरफ ले गए, जहां पहले से उनका साथी लक्ष्मण सिंह मौजूद था. उसे भी साथ ले लिया.
इसके बाद हाईवे एनएच-8 पर सुनसान जगह पर गाड़ी को रुकवाया और प्लान के मुताबिक पीछे की सीट पर बैठे भरत कुमार सालवी ने रस्सी का फंदा लगाकर लक्ष्मण सिंह का गला दबा दिया. इस बीच पास वाली सीट पर बैठे घनश्याम सिंह ने धारदार चाकू से लक्ष्मण सिंह के गले और छाती पर वार किए. जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद शव की पहचान नहीं हो, इसके लिए मृतक के सारे कपड़े उतारकर शव को कुएं में डाल दिया. बाद में आरोपी गाड़ी को भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा में छोड़कर अहमदाबाद की तरफ चले गए.