राजसमंद. भीम थाना क्षेत्र की 7 साल की बच्ची के साथ बर्बरता के मामले में मंगलवार को पीड़ित बच्ची के परिजन उसे लेने चाइल्ड लाइन के दफ्तर पहुंचे. जहां चाइल्ड लाइन दफ्तर ने बच्ची को माता-पिता को सौंपने से इनकार कर दिया. सदस्यों ने बच्ची के परिजनों को समझा कर लौटा दिया.
बता दें कि मां-बाप बच्ची को रिश्तेदार के पास छोड़कर चले गए थे. रिश्तेदार ने बच्ची को बर्बरता से टॉर्चर किया था. इस प्रकरण के सामने आने के बाद अब चाइल्ड लाइन टीम भीम क्षेत्र में विशेष जागरूकता अभियान चलाएगी. बता दें कि राजसमंद जिले के भीम थाना क्षेत्र के थानेटा गांव में यह बच्ची रिश्तेदारों की बर्बरता का शिकार हुई थी.
7 साल की इस बच्ची के माता-पिता मंगलवार को चाइल्डलाइन के ऑफिस पहुंचकर बच्ची को अपने साथ ले जाने की मांग कर रहे थे. माता-पिता से काउंसलिंग की गई और बच्ची को चाइल्डलाइन की कस्टडी में ही रखने का फैसला हुआ. बच्ची के पिता देवी सिंह ने बताया कि वो पाली में खानाबदोश की तरह रहकर मजदूरी करते थे. वह अपने रिश्तेदार किशन सिंह के यहां मासूम को छोड़कर गए थे. बच्ची के पिता निश्चिंत होकर श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में होटल में नौकरी करने लगे.
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वहां उन्होंने अपनी ही बच्ची का वीडियो वायरल होने की जानकारी मिली. बच्ची की मां आशा ने बताया कि गरीबी के कारण वह मासूम को अपने साथ नहीं ले जा सके थे. उसने कहा कि जिन्हें अपना समझा उन्होंने बच्ची के साथ ऐसी बर्बरता की, ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष भावना जोशी ने बताया कि भीम उपखंड क्षेत्र में अशिक्षा और गरीबी के कारण मासूमों पर अत्याचार के मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाएगा. साथ ही गरीब परिवारों को आंगनवाड़ी और अन्य सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. जिससे ऐसी घटनाओं में कमी लाई जा सके.