नाथद्वारा (राजसमंद). वर्षों से प्रदेश में अन्नकूट महोत्सव अच्छे से मनाया जाता है. बता दें कि इस दिन आसपास के ग्रामीण अंचलों से आदिवासी श्रीनाथजी मंदिर आते हैं. जिसके साथ ही श्रीनाथजी के सन्मुख रखे छप्पन भोग को लूट कर ले जाते हैं.
बता दें कि श्री नाथद्वारा मंदिर में भी सोमवार को अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. अन्नकूट के अवसर पर प्रभु श्रीनाथजी, विट्ठलनाथजी, लालन को छप्पन भोग का भोग धराया गया. श्रीनाथजी के सामने पके हुए 150 क्विंटल चावल का भोग लगाया जाता है. इस चावल व अन्य भोग सामग्रियों को आदिवासी समाज के लोग लूट कर ले जाते हैं.
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बताया जा रहा है कि करीब 350 सालों से यह परंपरा निभाई जा रही है. यह आदिवासी लोग इस चावल का उपयोग अपने सगे संबंधियों में बांटने तथा औषधि के रूप में करते हैं. इस चावल को वे अपने घर में रखते हैं.
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उनकी मान्यता है कि इससे घर में धन-धान्य बना रहता है. वहीं रात 11 बजे अन्नकूट लूट की परंपरा निभाई गई. आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए आदिवासी समाज के लोगो ने "धी.. धी.." की आवाज करते हुए अन्नकूट के चावल को लूटा. इस आयोजन में आसपास के ग्रामीण अंचलों से आए आदिवासियों ने भाग लिया और परंपरा को अनवरत जारी रखा. इस परंपरा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला.