राजसमंद. महाशिवरात्रि का पर्व शुक्रवार को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. इसी बीच ईटीवी भारत भी अपने दर्शकों को राजस्थान के उन प्रमुख शिव मंदिरों के बारे में बता रहा है, जो आदिकाल से प्रसिद्ध है. राजस्थान के राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर फरारा गांव में स्थित श्री कुंतेश्वर महादेव मंदिर भी राजस्थान ही नहीं अपितु देश भर में प्रसिद्ध है.
कुंतेश्वर महादेव मंदिर मुख्य ट्रस्टी ने बताया कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का निर्माण पांडवों ने वनवास काल के दौरान करवाया था. कहा जाता है कि पांडवों की माता कुंती भगवान शिव की आराधना हर रोज करती थी. एक दिन उन्होंने भगवान शिव की आराधना करते हुए. यहां शिवलिंग का निर्माण करवाया. तभी से इस शिवलिंग का नाम कुंतेश्वर महादेव मंदिर हो गया.
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बताया जाता है कि पांडव कई दिनों तक यहां विश्राम किए थे. तब माता कुंती भगवान शिव की आराधना के लिए इस शिवलिंग पर जलाभिषेक करके उनकी पूजा करती थी. एक किवदंती है कि पांडवों को यहां से लौटने के बाद इस शिवलिंग की लंबे समय तक पूजा आराधना नहीं हुई. एक दिन इसी गांव के रहने वाले दुर्गा जी को सपना आया कि एक स्थान पर भगवान शिव की शिवलिंग है. जब उन्होंने दूसरे दिन उसी स्थान पर जाकर खुदाई कर और झाड़ियों को हटाकर देखा तो भगवान शिव की विशाल शिवलिंग दिखाई दिया. उसके बाद 1740 में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया.
भगवान कुंतेश्वर महादेव के दर्शन के लिए राजस्थान ही नहीं अपितु बाहर से भी लोग आते हैं. बताया जाता है कि भगवान शिव की इस मंदिर में जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है, वह पूरी होती है. यह महाशिवरात्रि के दिन हजारों की संख्या में शिवभक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.