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राजसमंद में शरद पूर्णिमा पर एक साथ विराजे करीब 102 लड्डू गोपाल

राजसमंद में शरद पूर्णिमा के अवसर पर 102 कृष्ण की मनोरम प्रतिमाएं स्थापित की गई. वहीं, हजारों की संख्या में श्रद्धालु द्वारकेश वाटिका पहुंचे. इस मौके पर गरबा का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम में भगवान के भजनों में भक्त झूमते हुए भी दिखाई दिए.

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Published : Oct 14, 2019, 7:27 AM IST

राजसमंद. जिला मुख्यालय पर रविवार को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री द्वारकेश वाटिका में एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ. शरद पूर्णिमा के अवसर पर करीब 102 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ विराजित हुए. इस महारास को देखने के लिए हजारों की संख्या में शहरवासी द्वारकेश वाटिका पहुंचे. शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर लड्डू गोपाल को खीर का भोग भी लगाया गया.

इस अवसर पर गरबा रास का आयोजन भी किया गया, जिसमें बढ़-चढ़कर शहर वासियों ने गरबा रास में भाग लिया और हिंदी-गुजराती गानों पर जमकर थिरके. सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र छोटे-छोटे लड्डू गोपाल रहे, जो करीब 102 के जरिए पांडाल में विराजित थे. उन्हें देखने और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए शहरवासी लालायित दिखाई दिए. वहीं, इस अवसर पर भगवान की भव्य आरती भी की गई. वहीं, कार्यक्रम में भगवान के भजनों में भक्त झूमते हुए भी दिखाई दिए.

राजसमंद में करीब 102 लड्डू गोपाल की प्रतिमाएं स्थापित

यह भी पढे़ं. वाल्मीकि जयंती पर धूमधाम से निकाली गई शोभा यात्रा

कार्यक्रम के सदस्य विनीत सनाढ्य ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए शहरवासियों ने पहले से ही लड्डू गोपाल को लाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर जहां खीर का भोग लगाने के बाद प्रसाद को भक्तों में वितरित किया गया. उनका कहना है कि इस प्रसाद पर जब चांद की किरण पड़ती है तो यह अमृत समान हो जाता है, जिसे खाने के बाद सभी रोग दोष दूर हो जाते हैं.

राजसमंद. जिला मुख्यालय पर रविवार को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री द्वारकेश वाटिका में एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ. शरद पूर्णिमा के अवसर पर करीब 102 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ विराजित हुए. इस महारास को देखने के लिए हजारों की संख्या में शहरवासी द्वारकेश वाटिका पहुंचे. शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर लड्डू गोपाल को खीर का भोग भी लगाया गया.

इस अवसर पर गरबा रास का आयोजन भी किया गया, जिसमें बढ़-चढ़कर शहर वासियों ने गरबा रास में भाग लिया और हिंदी-गुजराती गानों पर जमकर थिरके. सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र छोटे-छोटे लड्डू गोपाल रहे, जो करीब 102 के जरिए पांडाल में विराजित थे. उन्हें देखने और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए शहरवासी लालायित दिखाई दिए. वहीं, इस अवसर पर भगवान की भव्य आरती भी की गई. वहीं, कार्यक्रम में भगवान के भजनों में भक्त झूमते हुए भी दिखाई दिए.

राजसमंद में करीब 102 लड्डू गोपाल की प्रतिमाएं स्थापित

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कार्यक्रम के सदस्य विनीत सनाढ्य ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए शहरवासियों ने पहले से ही लड्डू गोपाल को लाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर जहां खीर का भोग लगाने के बाद प्रसाद को भक्तों में वितरित किया गया. उनका कहना है कि इस प्रसाद पर जब चांद की किरण पड़ती है तो यह अमृत समान हो जाता है, जिसे खाने के बाद सभी रोग दोष दूर हो जाते हैं.

Intro:राजसमंद- जिला मुख्यालय पर रविवार को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री द्वारकेश वाटिका में एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ. शरद पूर्णिमा के अवसर पर करीब 102 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ विराजित हुए. इस महा रास को देखने के लिए हजारों की संख्या में शहरवासी द्वारकेश वाटिका पहुंचे. शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर लड्डू गोपाल को खीर का भोग भी लगाया गया.


Body:वहीं इस अवसर पर गरबा रास का आयोजन भी किया गया. जिसमें बढ़-चढ़कर शहर वासियों ने गरबा रास में भाग लिया और हिंदी गुजराती गानों पर जमकर थिरके. वही सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र छोटे-छोटे लड्डू गोपाल जो करीब 102 से अधिक लड्डू गोपाल पांडाल में विराजित थे. जिन्हें देखने और लड्डू गोपाल के साथ सेल्फी लेने के लिए शहरवासी लालायित दिखाई दिए. वही इस अवसर पर भगवान की भव्य आरती भी की गई. वही कार्यक्रम में भगवान के भजनों में भक्त झूमते हुए भी दिखाई दिए.
कार्यक्रम के सदस्य विनीत सनाढ्य ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए शहरवासी ने


Conclusion:पहले से ही लड्डू गोपाल को कार्यक्रम में लाने के लिए शहरवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर जहां खीर का भोग लगाने के बाद प्रसाद को भक्तों में वितरित किया गया. उनका कहना है.कि इस प्रसाद पर जब चांद की किरण पड़ती है.तो यह अमृत समान हो जाता है.
जिसे खाने के बाद सभी रोग दोष दूर हो जाते हैं.
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