राजसमंद. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिले के नाथद्वारा स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर (Shrinathji Temple) में पूजा अर्चना का दौर प्रात काल जल्दी ही शुरू हो गया. बता दें हर वर्ष इस दिन सुबह 4:30 बजे मंगला के दर्शन करवाए जाते हैं. ऐसे में आज सुबह 4 बजे मंगला समय पर प्रभु को केसर बरास से युक्त जल के 108 स्वर्ण घड़ों से ज्येष्ठाभिषेक कराया गया. यही नहीं इसकी तैयारी कल से चल रही थी क्योंकि आज के दिन सैंकड़ों की संख्या में दर्शनार्थी इस अलौलिक झांकी के दर्शन के लिए श्रीजी मंदिर पहुंचते हैं.
कल युवराज विशाल बाबा श्रीनाथजी, नवतप्रियाजी के मुखियाजी, अन्य सेवकों और वैष्णवजनों के साथ मिलकर श्रीजी मन्दिर के दक्षिणी भाग में मोतीमहल के नीचे स्थित भीतरली बावड़ी से ज्येष्ठाभिषेक के लिए जल लेकर आये. जिसे रात्रि में केसर कस्तूरी, बरास और इत्र आदि मिला कर सिद्ध किया गया. जिसके बाद मंदिर में प्रात काल पूजा शुरू हुई. हालांकि कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी आम दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया.
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सवा लाख आमों का लगा भोग
श्रीनाथजी मंदिर में प्रभु के अभिषेक के बाद उन्हें सवा लाख आमों का भोग भी लगाया गया. जिसके बाद प्रसाद स्वरूप अब इन आम को मंदिर में सेवा करने वालों, कर्मचारियों और आम जनता में वितरित किया जाएगा.