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राजसमंद: "गणपति बप्पा मोरिया" के जयकारों के बीच प्रतिमा का विसर्जन

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Published : Sep 11, 2019, 9:22 PM IST

शहर के जल चक्की तिराहे पर जेसी ग्रुप के तत्वाधान में आयोजित दस दिवसीय गणपति महोत्सव का समापन बुधवार को धूमधाम से हुआ. शोभायात्रा और गगनभेदी जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा विसर्जन के साथ हर्षोल्लास पूर्वक हुआ.

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राजसमंद. शहर के जल चक्की तिराहे पर जेसी ग्रुप के तत्वाधान में आयोजित दस दिवसीय गणपति महोत्सव का समापन बुधवार को धूमधाम से हुआ. शोभायात्रा और गगनभेदी जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा विसर्जन हुआ. शोभायात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. वहीं देखने के लिए भी पूरे मार्ग में लोगों का हुजूम बना रहा.

गगनभेदी जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा का हुआ विसर्जन

बता दें कि अंतिम दिन बुधवार की दोपहर में महोत्सव स्थल पर विराजित राजा गणपति की विशेष पूजा अर्चना की गई. जिसमें जेसी ग्रुप अध्यक्ष अशोक टांक, हेमंत रजक, संरक्षक रमेश मेवाड़ा आदि ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आहुतियां दी. इसके बाद मधुर स्वर लहरिया के बीच आरती हुई. फिर यज्ञ पूर्णाहुति दी गई.

पढ़ें- हिन्दी दिवस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें...

इस दौरान शोभायात्रा को लेकर वहा श्रद्धालु आना शुरू हो गए. दोपहर बाद पूरे ठाटबाट से प्रथम पूज्य की शोभायात्रा रवाना हुई. जिसमें श्रद्धालु एकाधिक बैंड और डीजे के संग भक्ति संगीत की मीठी स्वर लहरियां बिखेर रहे थे. लाल रंग के टीशर्ट में जेसी ग्रुप के सैकड़ों कार्यकर्ता झूमते हुए गगनभेदी जयकारे लगाते चल रहे थे. सुसज्जित रथ नुमा खुले वाहन में गणपति प्रतिमा की शोभायात्रा थी.

पढ़ें- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के काफिले से टकराकर 6 साल के बच्चे की मौत

इस बीच शोभायात्रा के चलते मार्ग को समूचे परिवेश धर्ममय बना हुआ था. जिससे रास्ते भी सन गए. शोभायात्रा पुराना बस स्टैंड चौपाटी जे के मोड़ मुखर्जी चौराहा होते हुए झील पट पहुंची. वहां पूजन कर "गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ मंगल मूर्ति मोरिया" जैसे जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा का विसर्जन किया गया.

राजसमंद. शहर के जल चक्की तिराहे पर जेसी ग्रुप के तत्वाधान में आयोजित दस दिवसीय गणपति महोत्सव का समापन बुधवार को धूमधाम से हुआ. शोभायात्रा और गगनभेदी जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा विसर्जन हुआ. शोभायात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. वहीं देखने के लिए भी पूरे मार्ग में लोगों का हुजूम बना रहा.

गगनभेदी जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा का हुआ विसर्जन

बता दें कि अंतिम दिन बुधवार की दोपहर में महोत्सव स्थल पर विराजित राजा गणपति की विशेष पूजा अर्चना की गई. जिसमें जेसी ग्रुप अध्यक्ष अशोक टांक, हेमंत रजक, संरक्षक रमेश मेवाड़ा आदि ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आहुतियां दी. इसके बाद मधुर स्वर लहरिया के बीच आरती हुई. फिर यज्ञ पूर्णाहुति दी गई.

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इस दौरान शोभायात्रा को लेकर वहा श्रद्धालु आना शुरू हो गए. दोपहर बाद पूरे ठाटबाट से प्रथम पूज्य की शोभायात्रा रवाना हुई. जिसमें श्रद्धालु एकाधिक बैंड और डीजे के संग भक्ति संगीत की मीठी स्वर लहरियां बिखेर रहे थे. लाल रंग के टीशर्ट में जेसी ग्रुप के सैकड़ों कार्यकर्ता झूमते हुए गगनभेदी जयकारे लगाते चल रहे थे. सुसज्जित रथ नुमा खुले वाहन में गणपति प्रतिमा की शोभायात्रा थी.

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इस बीच शोभायात्रा के चलते मार्ग को समूचे परिवेश धर्ममय बना हुआ था. जिससे रास्ते भी सन गए. शोभायात्रा पुराना बस स्टैंड चौपाटी जे के मोड़ मुखर्जी चौराहा होते हुए झील पट पहुंची. वहां पूजन कर "गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ मंगल मूर्ति मोरिया" जैसे जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा का विसर्जन किया गया.

Intro:राजसमंद- शहर के जल चक्की तिराहे पर जेसी ग्रुप के तत्वाधान में आयोजित दस दिवसीय गणपति महोत्सव समापन बुधवार को धूमधाम से निकाली गई.शोभायात्रा एवं गगनभेदी जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा विसर्जन के साथ हर्षोल्लास पूर्वक हुआ. शोभायात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी वही देखने के लिए भी पूरे मार्ग में लोगों का हुजूम बना रहा.अंतिम दिन दोपहर में महोत्सव स्थल पर विराजित जैसी के राजा गणपति की विशेष पूजा अर्चना की गई. एवं हवन अनुष्ठान हुआ. जिसके जैसे ग्रुप अध्यक्ष अशोक टांक हेमंत रजक संरक्षक रमेश मेवाड़ा आदि ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आहुतियां दी.


Body:इसके बाद मधुर स्वर लहरिया के बीच आरती हुई. एवं फिर यज्ञ पूर्णाहुति दी गई.इस दौरान शोभायात्रा को लेकर वहां श्रद्धालु आना शुरू हो गया. दोपहर बाद पूरे ठाटबाट से प्रथम पूज्य की शोभायात्रा रवाना हुई. इसमें एकाधिक बैंड एवं डीजे शामिल थे. जो फिजाओं में भक्ति संगीत की मीठी स्वर लहरियां बिखेर रहे थे. लाल रंग के टीशर्ट में जैसी ग्रुप के सैकड़ों कार्यकर्ता झूमते हुए गगनभेदी जयकारे लगाते हुए चल रहे थे. सुसज्जित रथ नुमा खुले वाहन में गणपति प्रतिमा शोभायात्रा थी. तथा श्रद्धालु सेवा कर रहे थे.इसके पीछे आसपास के विभिन्न महोत्सव स्थलों से लाई गई.गणेश प्रतिमा की भी छोटे बड़े खुले बालों में विराजमान थी.


Conclusion:शोभायात्रा के चलते मार्ग को समूचे परिवेश धर्ममय बना हुआ था. शोभायात्रा में शामिल सभी लोग गुलाल से स्वरोजगार एवं सर्वत्र खूब गुलाल उड़ाई गई. जिससे रास्ते भी सन गए। शोभायात्रा पुराना बस स्टैंड चौपाटी जेके मोड़ मुखर्जी चौराहा होते हुए झील पट पहुंची वहां पूजन कर गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ मंगल मूर्ति मोरिया जैसे जयकारों के बीच गणपति प्रतिमा का विसर्जन किया गया.
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