जयपुर. राज्य सरकार ने सोमवार देर रात 49 निकायों में प्रशासक नियुक्त किए. इन निकायों का कार्यकाल सोमवार को ही खत्म हो गया. स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निकाले गए आदेश में कहीं अतिरिक्त जिला कलेक्टर तो कहीं उपखंड अधिकारी को प्रशासक बनाया गया है. इन निकायों के वार्डों का भी नए सिरे से सीमांकन किया जाना है. ये प्रक्रिया अगले साल मार्च 2025 तक पूरी होगी. ऐसे में इस कदम को वन स्टेट वन इलेक्शन की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है.
राज्य में 25 नवंबर को 5 नगर निगम, 20 नगर परिषद और 24 नगर पालिकाओं के बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो गया. अब नया बोर्ड बनने तक यही प्रशासक इन नगरीय निकायों में फैसले लेते हुए सरकार के पास प्रस्ताव भिजवाएंगे. सरकार ने प्रशासक के तौर पर जहां नगर निगम है वहां कलेक्टर, जहां नगर परिषद है वहां एडीएम और जहां नगर पालिका है, वहां एसडीएम को नियुक्त किया है.
इन नगरीय निकायों के बोर्ड का कार्यकाल हुआ पूरा :-
- नगर निगम - बीकानेर, अलवर, भरतपुर, पाली, उदयपुर
- नगर परिषद - श्रीगंगानगर, सिरोही, टोंक, सीकर, नीमकाथाना, डीडवाना, मकराना, फलोदी, जैसलमेर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, जालोर, बालोतरा, बाड़मेर, चितौड़गढ़, चूरू, भिवाड़ी, पुष्कर, बांसवाडा, ब्यावर
- नगर पालिका - राजगढ़, सूरतगढ़, नसीराबाद, थानागाजी, महवा, खाटूश्यामजी, माउंट आबू, पिण्डवाडा, शिवगंज, बिसाऊ, पिलानी, सुमेरपुर, कानोड, प्रतापपुर-गढ़ी, निम्बाहेड़ा, रावतभाटा, नाथद्वारा, आमेट, रूपवास, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल
चूंकि सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन पर काम कर रही है. इसे देखते हुए सरकार ने अब इन निकायों के अलावा 109 अन्य नगरीय निकायों में भी परिसीमन का काम शुरू करने के आदेश जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए हैं. अजमेर नगर निगम का कार्यकाल फरवरी 2026 में पूरा होगा. वहीं जयपुर, कोटा, जोधपुर निगमों के अलावा अन्य निकायों का कार्यकाल नवंबर 2025 में पूरा होगा. ऐसे में साल 2026 में एक साथ चुनाव होने की संभावना भी है.