राजसमंद. ऐसा कहा जाता है कि ईश्वर ने जितनी उमर लिख दी है. उससे अधिक एक भी पल भी व्यक्ति जीवन यापन नहीं कर सकता. कुछ ऐसा हुआ है राजसमंद के बड़ारड़ा निवासी रमेश कुमावत समेत तीन अन्य लोगों के साथ.
बता दें कि रमेश जयपुर में स्टोन मार्ट में मॉर्बल उद्योग से नई तकनीकी और अन्य जानकारी देखकर वापस राजसमंद लौट रहे थे. तभी चारभुजा थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे रोड पर गोमती ब्यावर खंड में गोमती के पास कितेला में भीषण सड़क हादसे में चारों लोगों की मौत हो गई. रमेश के भाई ने बताया कि पिछले दिनों ही रमेश ने पूरे परिवार को जन्मदिन का डिनर शनिवार रात को जयपुर रवाना होने से पहले एक साथ किया था. लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके परिवार का उनके बड़े भाई के साथ अंतिम डिनर होगा.
मृतक रमेश के छोटे भाई ने बताया कि जयपुर से निकलने से पहले उनकी भैया से अंतिम बात हुई थी. उन्होंने कहा था कि वे सकुशल जयपुर स्टोन मार्ट देखकर लौट रहे है. साथ में रमेश के साथ 3 मित्र भी थे. तभी रात को लगभग साढ़े 11 बजे सूचना मिली कि भैया का एक्सीडेंट हो गया है. उन्हें कहा गया कि आप लोग अस्पताल पहुंचे तब जाकर देखा तो डॉक्टरों के द्वारा बताया गया कि हादसे में भैया की मौत हो गई.
सूचना मिलने पर पूरे परिवार में मातम छा गया. वहीं अन्य मृतक सुरेश पिल्लई राजसमंद में मार्बल खदानों में काम आने वाली मशीनों के निर्माण से जुड़े थे. मृतक विनय शेखर अरब देश में काम करते थे. वह कुछ समय पहले ही राजसमंद आए थे. हाल ही में मार्बल कारोबार से जुड़े थे. तीनों का आपस में निजी कारोबारी का रिश्ता था. वहीं अन्य मृतक अनिल जेके टायर फैक्ट्री में काम करते थे.
रमेश के अलावा तीनों मृतक केरल के निवासी थ, जो पिछले 25 साल से राजसमंद में रह रहे थे. रमेश का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिसमें मार्बल उद्योग से जुड़े सैकड़ों लोग शामिल हुए. बाकी तीनों मृतकों के शव को लेकर परिजन केरल के लिए रवाना हो गए. वहीं मृतक रमेश कुमावत के पिता का रो रोकर बुरा हाल है, जिनका कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि उनके बच्चे के साथ यह उनका अंतिम भोजन होगा. जो उसके जन्मदिन के बाद उन लोगों ने पार्टी में किए थे.