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राजसमंद : जंगलों में लगी भीषण आग, जीव जन्तु भी आ रहे चपेट में - राजसमंद के जंगलों में लगी आग

राजसमंद में जंगलों में लगी आग लगातार बढ़ती जा रही है. जिसके कारण कई जीव जन्तु भी आग की चपेट में आ चुके हैं, आग तेजी से एक छोर से दूसरे छोर तक फैल रही है.

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राजसमंद के जंगलों में लगी आग
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Published : Apr 4, 2021, 4:00 PM IST

राजसमंद. जिले के खमनोर क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों दावानल भभक रहा है. खमनोर क्षेत्र के मचींद, चरणों की मदार और करधर बावजी मंदिर के पास पहाड़ियों में पिछले 3-4 दिन से दावानल धधक रही है. जंगल में हजारों बीघा में फैली सूखी घास और लकड़ियों में गर्मी के कारण भभकी आग पहाड़ियों के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ लगातार बढ़ रही है.

राजसमंद के जंगलों में लगी आग

जिसके कारण हजारों छोटे-मोटे जीव जंतुओं और वन्यजीवों के भी आग की चपेट में आकर खत्म होने की संभावना है. पिछले 3 दिनों में कभी धीरे तो कभी तेज हो रही आग ने शनिवार शाम को भीषण रूप अख्तियार कर लिया. मचींद गांव के पास पहाड़ियों में आग की भयंकर लपटें उठ रही थी.

सरपंच अंबा कुमारी भील ने बताया कि पहाड़ियों की तलहटी में बसे गांव की मुख्य आबादी में आम दिनों में ठंडी हवाएं चलती है, लेकिन आग लगने से 2 दिन से गर्म हवाएं बह रही हैं. आग पहाड़ी इलाकों में बसी आबादी बस्तियों में से निचला भीलवाड़ा और मगरी मोहल्ला के ऊपर भील आदिवासी घरों के पास पहुंच गई है.

पढ़ें- Special: ऑर्गेनिक खेती के लिए रामबाण है 'जीवामृत', पैदावार में होती है कई गुना बढ़ोतरी

स्थानीय लोगों ने बताया कि आग आदिवासी परिवारों के घरों से घरों से सिर्फ 300 मीटर दूर है और बस्तियों के झुलसने का खतरा पैदा हो गया है. प्रशासन की ओर से आग पर काबू पाने की कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं. नाथद्वारा रेंजर इस्माइल शेख ने पहाड़ों में लगी आग के मामले में बताया कि पहले भी आग बुझाई गई मगर जंगल सूखा होने और गर्मी के कारण फिर से भड़क गई है.

राजसमंद. जिले के खमनोर क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों दावानल भभक रहा है. खमनोर क्षेत्र के मचींद, चरणों की मदार और करधर बावजी मंदिर के पास पहाड़ियों में पिछले 3-4 दिन से दावानल धधक रही है. जंगल में हजारों बीघा में फैली सूखी घास और लकड़ियों में गर्मी के कारण भभकी आग पहाड़ियों के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ लगातार बढ़ रही है.

राजसमंद के जंगलों में लगी आग

जिसके कारण हजारों छोटे-मोटे जीव जंतुओं और वन्यजीवों के भी आग की चपेट में आकर खत्म होने की संभावना है. पिछले 3 दिनों में कभी धीरे तो कभी तेज हो रही आग ने शनिवार शाम को भीषण रूप अख्तियार कर लिया. मचींद गांव के पास पहाड़ियों में आग की भयंकर लपटें उठ रही थी.

सरपंच अंबा कुमारी भील ने बताया कि पहाड़ियों की तलहटी में बसे गांव की मुख्य आबादी में आम दिनों में ठंडी हवाएं चलती है, लेकिन आग लगने से 2 दिन से गर्म हवाएं बह रही हैं. आग पहाड़ी इलाकों में बसी आबादी बस्तियों में से निचला भीलवाड़ा और मगरी मोहल्ला के ऊपर भील आदिवासी घरों के पास पहुंच गई है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि आग आदिवासी परिवारों के घरों से घरों से सिर्फ 300 मीटर दूर है और बस्तियों के झुलसने का खतरा पैदा हो गया है. प्रशासन की ओर से आग पर काबू पाने की कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं. नाथद्वारा रेंजर इस्माइल शेख ने पहाड़ों में लगी आग के मामले में बताया कि पहले भी आग बुझाई गई मगर जंगल सूखा होने और गर्मी के कारण फिर से भड़क गई है.

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