राजसमंद. महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा पर भी महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां चल रही हैं. भगवान शिव की 369 फीट की शिव प्रतिमा महाशिवरात्रि के उपलक्ष में कई कार्यक्रमों का आयोजन रखा गया है. नाथद्वारा में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी शिव मूर्ति विश्वास स्वरूपम या 'स्टैच्यू ऑफ बिलीफ' पर महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाएगी.
महाशिवरात्रि पर होंगे ये कार्यक्रम: देश-दुनिया से बड़ी संख्या में शिवभक्त भगवान भोलेनाथ की 351 फीट की शिव प्रतिमा को देखने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में प्रेरकों के आने की उम्मीद है. इसलिए महाशिवरात्रि के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. शिव मूर्ति में कार्यरत प्रचार-प्रसार प्रमुख नितिन आमेटा ने बताया कि महाशिवरात्रि के उपलक्ष में शिव बारात निकाली जाएगी. इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोक कलाकारों की ओर से भगवान शिव से जुड़े नृत्य पेश किए जाएंगे.
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लाइट एंड साउंड शो खास: शिव मूर्ति पर इस दिव्य लाइट एंड साउंड शो को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. इस साउंड एवं लाइट शो के जरिए शिव के वास्तविक तत्व और इस ब्रह्मांड के साथ उनका संबंध उजागर कर आध्यात्मिकता की ओर एक दिव्य मार्ग प्रदर्शित किया गया. इस प्रतिमा के मुख पर कथा के माध्यम से जीवन पर उपदेश देते हुए यह शो 30 मिनट तक चलता है. इसमें कुल 24 बारको यूडीएक्स 4K40 प्रोजेक्टर्स का उपयोग किया गया है. इसमें प्रत्येक प्रोजेक्टर 40,000 ल्यूमेन्स और 4K रेजोल्यूशन डिलीवर करता है. यह भारत का अपनी तरह का पहला और एक फिक्स्ड प्रोजेक्शन मैपिंग शो है.
अंधेरे में भी नजर आती है शिव प्रतिमा: राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी 369 फीट की ऊंची यह शिव प्रतिमा ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रही है. 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी यह प्रतिमा भगवान शिव की अल्हड़ मुद्रा में विराजित हैं. यह 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती है. रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी सज्जा की गई है. शिव मूर्ति पर बारको इंडिया ने विश्वास स्वरूपम पर स्पेक्टाकुलर प्रोजेक्शन मैपिंग की है. 16 एकड़ के भूखंड पर निर्मित और 369 फीट (112.5 मीटर) ऊंची प्रतिमा को 'स्टैच्यू ऑफ बिलीफ' नाम दिया गया है.
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तूफानी हवाओं को भी झेल सकती है प्रतिमा: भगवान शिव की 369 फीट ऊंची इस प्रतिमा में लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. प्रतिमा के सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है. आरसीसी से निर्मित यह प्रतिमा 250 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को झेलने में सक्षम है. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया है. प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है.
आइए जानते हैं शिव मूर्ति के अंदर क्या है...
- मुख्य प्रवेश द्वार: पार्किंग स्थल से 200 मीटर की दूरी पर आकर्षक मैन एन्ट्री गेट बनाया गया है. मैन गेट से एन्ट्री करते ही आप स्वयं महसूस करेंगे कि आप किसी खास जगह पर आ गए हैं. मैन एन्ट्री गेट पर ही आपको संपूर्ण क्षेत्र की सहज जानकारी भी उपलब्ध हो जाएगी. अर्ध चंद्राकर में बने मैन एंट्री गेट के दोनों ओर भगवान की प्रतिमाएं और बीच में एक शिवलिंग लगाया गया है.
- जिप लाइन: अभी तक श्रीजी की नगरी धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में ही जानी जाती थी, लेकिन अब 'विश्वास स्वरूपम' में एडवेंचर पर्यटन को भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है. यहां विश्व स्तरीय बेहतरीन जिप लाइन का निर्माण किया गया है. जिप लाइन पर्यटकों को रोमांचित कर देगा और सैलानी विश्व स्तर की साहसिक गतिविधि का लाभ उठा सकेंगे. जिप लाइन आमतौर पर स्टेनलेस स्टील से बनी होती है और इसे ढ़लान पर लगाया जाती है. पर्यटकों के लिए यह एक नया अनुभव साबित होगा.
- जंगल कैफे: 'विश्वास स्वरूपम' परिसर मे जंगल कैफे भी बनाया गया है. इस एरिया में पर्यटकों को घने जंगल और जंगल सफारी का अहसास होगा.
- संगम स्थल: परिसर में एक संगम स्थल भी विकसित किया गया है. यहां पर्यटक नंदी और शिव प्रतिमा के साथ सेल्फी भी ले सकेंगे. यहां 5 रास्तों का मिलन होने के कारण भी इसे संगम स्थल कहा जाता है.
- नंदी: 'विश्वास स्वरूपम' में जहां भगवान शिव की प्रतिमा अल्हड़ मुद्रा में नजर आ रही है. वहीं यहां स्थापित 21 फीट की नंदी की प्रतिमा भी मस्त मुद्रा में है. नंदी के तीन पैर जमीन पर और एक पैर हवा में इसकी मस्त मुद्रा को बयां करता है. नंदी की इस तरह की प्रतिमा बहुत कम दृष्टिगोचर होती है. नंदी को भगवान शिव के धाम का द्वारपाल भी माना गया है, इसलिए यहां भी नंदी की विशेष मुद्रा को स्थापित किया गया है.
- ओपन थियेटर: पंचकोण आकार में विकसित इस थिएटर की दर्शक क्षमता सैंकड़ों में है. रात्रि में इसका उपयोग होने की स्थिति के लिए लाइट की समुचित व्यवस्था की गई है.
- हरिहर सेतु : शिव प्रतिमा के सामने कृतिम तालाब बनाया गया है और इस तालाब के ऊपर हरिहर सेतु बनाया गया है.
- म्यूजिकल फाउंटेन: क्षेत्र में 15000 वर्ग फीट एरिया में म्यूजिकल फाउंटेन भी विकसित किया गया है. इसके नजदीक ही स्टेडियम नुमा सीढ़ियों का निर्माण भी किया गया है ताकि पर्यटक आराम से बैठकर म्यूजिकल फाउंटेन का आंनद ले सके.
- VR गेम जोन: विश्व स्तरीय सुविधाओं के लिए यहां वर्चुअल रियलिटी गेम जोन बनाकर मनोरंजन के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करने का प्रयास किया गया है.
- बंजी जंपिंग: विश्व स्तरीय सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित कृत्रिम रूप से देश का सबसे ऊंचा बंजी जंपिंग टावर यहां स्थापित किया गया है. टाॅवर बेस्ड इस जंपिंग की ऊंचाई 185 फीट है. इसमें प्रयुक्त होने वाले रस्से भी विशेष तौर पर अमेरीका से मंगवाए गए हैं. पर्यटकों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जायेगा और समय-समय पर सुरक्षा मापदण्डों को जांचा व परखा भी जाएगा. यहां 10 मीटर का ग्लास वॉक भी बनाया गया है.
- व्यूइंग गैलरी: रोमांच को बरकरार रखने के लिए विश्व की सबसे ऊंची इस शिव प्रतिमा में व्यूइंग गैलरी भी बनाई गई है. 270 से 280 फीट ऊंचाई पर इस व्यूइंग गैलरी से आप यहां आप अरावली पहाड़ियों के आसपास के नजारे का आनंद ले सकेंगे. यहां सीढ़ियां भी ग्लास की ही बनाई गई है. व्यूइंग गैलरी में जाने के लिए पर्यटक लिफ्ट और सीढ़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं.