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राजसमंद विधानसभा सीट पर उपचुनाव में संशय, HC में 19 मार्च को होगी अगली सुनवाई

राजस्थान में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में निर्वाचित भाजपा प्रत्याशी किरण माहेश्वरी के निर्वाचन को चुनौती देने का मामला इन दिनों चर्चाओं में है. इस निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में अब 19 मार्च को सुनवाई निर्धारित की है.

By election in Rajsamand assembly seat,  Rajasthan News
राजसमंद विधानसभा सीट पर उपचुनाव में संशय
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Published : Mar 15, 2021, 5:52 PM IST

राजसमंद. विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद फिर से उपचुनाव की जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां की जा रही है, लेकिन 2018 में हुए चुनाव में निर्वाचित भाजपा प्रत्याशी किरण माहेश्वरी के निर्वाचन को चुनौती देने का मामला इन दिनों चर्चाओं में है. इस निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में अब 19 मार्च को सुनवाई निर्धारित की है.

राजसमंद विधानसभा सीट पर उपचुनाव में संशय

पढ़ें- Special: उपचुनाव ने रोकी भाजपा में नियुक्तियों की राह...19 प्रकोष्ठ, 28 विभागों में कार्यकर्ताओं को पद की 'चाह'

सोमवार को सुनवाई के दौरान इस मामले में पेश 5 से 6 प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. इस केस में दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की ओर से पेश याचिका जिसमें इस केस को खत्म करने की मांग की गई थी, उनके निधन के बाद स्वतः ही निस्तारित हो गई. दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी के निर्वाचन को जनवरी 2019 में प्रत्याशी और एडवोकेट जितेंद्र कुमार खटीक ने इस आधार पर चुनौती दी थी कि किरण माहेश्वरी ने नॉमिनेशन दाखिल करते समय अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमों को छिपाया, जबकि 2013 चुनाव में उन्होंने अपने नामांकन में अंकित किया था.

क्या है नियम...

निर्वाचन विभाग के नियम के अनुसार अगर किसी भी प्रत्याशी पर कोई भी आपराधिक मुकदमा चल रहा है तो उसकी जानकारी उसे अपने नामांकन में देनी अनिवार्य है. साथ ही मान्यता प्राप्त अखबार या न्यूज चैनल में उसका विज्ञापन प्रकाशित कर उसका बिल भी विभाग को भेजना होता है. जो प्रत्याशी के चुनाव खर्च में सम्मिलित होता है, ऐसा नहीं करने पर विभाग जानकारी छुपाने के तथ्य सही साबित होने पर निर्वाचन रद्द भी कर सकता है.

पढ़ें- टिकट के दावेदारों ने कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किलें, जानिए किस सीट पर क्या हैं हालात

इस केस में अब तक क्या हुआ...

  • जनवरी 2019 में निर्वाचन को चुनौती.
  • जितेंद्र कुमार खटीक औहर नारायण सिंह भाटी ने नामांकन पर आपत्ति जताई.
  • एडवोकेट जितेंद्र कुमार को RP एक्ट 125 A को सक्षम न्यायालय में चुनौती देने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने पत्र लिखा.
  • निर्वाचन के 45 दिन तक समय में चुनौती. खटीक ने तय समय में लगाई याचिका.
  • कोर्ट ने सभी चुनाव लड़ने वालों को नोटिस दिए.
  • 30 सितंबर 2020 को आरओ (एसडीएम राजसमंद), जिला मजिस्ट्रेट, राज्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रार्थना पत्र देकर खुद को पक्षकार हटाने के लिए याचिका दी.
  • 30 नवंबर 2020 को विधायक किरण माहेश्वरी का निधन.
  • 15 दिसंबर 2020 को एसडीएम ने प्रार्थना पत्र पेश किया. राजसमंद विधानसभा सीट को रिक्त बताते हुए चुनाव करवाने के लिए न्यायालय से मार्गदर्शन मांगा.
  • 5 जनवरी 2021 को याचिकाकर्ता जितेंद्र कुमार ने एक और याचिका पेश कर कहा कि कोई पक्षकार नहीं, किसी ने विरोध नहीं किया तो मुझे निर्वाचित घोषित किया जाए.
  • 29 जनवरी को हाईकोर्ट ने सभी को उपस्थित रहकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया.
  • 12 फरवरी 2021 को सुनवाई नहीं हो पाई.
  • 8 मार्च को सुनवाई के दौरान जितेंद्र कुमार खटीक ने एक अन्य एप्लीकेशन पेश की, जिसमें खुद को या विधानसभा चुनाव 2018 में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह भाटी को निर्वाचित घोषित करने की मांग की.
  • 15 मार्च सोमवार को हाईकोर्ट में बहस हुई और अब 19 मार्च को सुनवाई होगी.

पढ़ें- राजस्थान उपचुनाव की स्थिति...Etv Bharat पर एक्सपर्ट से जानिये राजसमंद सीट का पूरा गणित

ऐसे में अब तक की चुनाव प्रक्रिया में नामांकन के दौरान दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की ओर से आपराधिक मुकदमों को नहीं दर्शाना तय हो चुका था, लेकिन विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद परिस्थितियां बदल गई. राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया है. एडवोकेट जितेंद्र कुमार का कहना है कि भारत निर्वाचन आयोग ने तथ्य छुपाने के मामले में एक सांसद को अयोग्य भी घोषित कर दिया था, ऐसे में उन्हें कोर्ट से न्याय की उम्मीद है.

राजसमंद. विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद फिर से उपचुनाव की जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां की जा रही है, लेकिन 2018 में हुए चुनाव में निर्वाचित भाजपा प्रत्याशी किरण माहेश्वरी के निर्वाचन को चुनौती देने का मामला इन दिनों चर्चाओं में है. इस निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में अब 19 मार्च को सुनवाई निर्धारित की है.

राजसमंद विधानसभा सीट पर उपचुनाव में संशय

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सोमवार को सुनवाई के दौरान इस मामले में पेश 5 से 6 प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. इस केस में दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की ओर से पेश याचिका जिसमें इस केस को खत्म करने की मांग की गई थी, उनके निधन के बाद स्वतः ही निस्तारित हो गई. दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी के निर्वाचन को जनवरी 2019 में प्रत्याशी और एडवोकेट जितेंद्र कुमार खटीक ने इस आधार पर चुनौती दी थी कि किरण माहेश्वरी ने नॉमिनेशन दाखिल करते समय अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमों को छिपाया, जबकि 2013 चुनाव में उन्होंने अपने नामांकन में अंकित किया था.

क्या है नियम...

निर्वाचन विभाग के नियम के अनुसार अगर किसी भी प्रत्याशी पर कोई भी आपराधिक मुकदमा चल रहा है तो उसकी जानकारी उसे अपने नामांकन में देनी अनिवार्य है. साथ ही मान्यता प्राप्त अखबार या न्यूज चैनल में उसका विज्ञापन प्रकाशित कर उसका बिल भी विभाग को भेजना होता है. जो प्रत्याशी के चुनाव खर्च में सम्मिलित होता है, ऐसा नहीं करने पर विभाग जानकारी छुपाने के तथ्य सही साबित होने पर निर्वाचन रद्द भी कर सकता है.

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इस केस में अब तक क्या हुआ...

  • जनवरी 2019 में निर्वाचन को चुनौती.
  • जितेंद्र कुमार खटीक औहर नारायण सिंह भाटी ने नामांकन पर आपत्ति जताई.
  • एडवोकेट जितेंद्र कुमार को RP एक्ट 125 A को सक्षम न्यायालय में चुनौती देने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने पत्र लिखा.
  • निर्वाचन के 45 दिन तक समय में चुनौती. खटीक ने तय समय में लगाई याचिका.
  • कोर्ट ने सभी चुनाव लड़ने वालों को नोटिस दिए.
  • 30 सितंबर 2020 को आरओ (एसडीएम राजसमंद), जिला मजिस्ट्रेट, राज्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रार्थना पत्र देकर खुद को पक्षकार हटाने के लिए याचिका दी.
  • 30 नवंबर 2020 को विधायक किरण माहेश्वरी का निधन.
  • 15 दिसंबर 2020 को एसडीएम ने प्रार्थना पत्र पेश किया. राजसमंद विधानसभा सीट को रिक्त बताते हुए चुनाव करवाने के लिए न्यायालय से मार्गदर्शन मांगा.
  • 5 जनवरी 2021 को याचिकाकर्ता जितेंद्र कुमार ने एक और याचिका पेश कर कहा कि कोई पक्षकार नहीं, किसी ने विरोध नहीं किया तो मुझे निर्वाचित घोषित किया जाए.
  • 29 जनवरी को हाईकोर्ट ने सभी को उपस्थित रहकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया.
  • 12 फरवरी 2021 को सुनवाई नहीं हो पाई.
  • 8 मार्च को सुनवाई के दौरान जितेंद्र कुमार खटीक ने एक अन्य एप्लीकेशन पेश की, जिसमें खुद को या विधानसभा चुनाव 2018 में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह भाटी को निर्वाचित घोषित करने की मांग की.
  • 15 मार्च सोमवार को हाईकोर्ट में बहस हुई और अब 19 मार्च को सुनवाई होगी.

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ऐसे में अब तक की चुनाव प्रक्रिया में नामांकन के दौरान दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की ओर से आपराधिक मुकदमों को नहीं दर्शाना तय हो चुका था, लेकिन विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद परिस्थितियां बदल गई. राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया है. एडवोकेट जितेंद्र कुमार का कहना है कि भारत निर्वाचन आयोग ने तथ्य छुपाने के मामले में एक सांसद को अयोग्य भी घोषित कर दिया था, ऐसे में उन्हें कोर्ट से न्याय की उम्मीद है.

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