राजसमंद. विश्व दिव्यांग दिवस पर जिला मुख्यालय में दिव्यांग बच्चों ने जन जागरूकता रैली निकाली. श्री द्वारकेश अक्षम सेवा संस्थान और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ये रैली निकाली गई. श्री द्वारकेश अक्षम सेवा संस्थान के सचिव ने बताया, कि दिव्यांगों को हमारे समाज में लोग हीन भावना से देखते हैं. लिहाजा रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
विशेष बच्चों ने दी सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के तत्वाधान में समग्र शिक्षा अभियान श्रीगंगानगर की ओर से आयोजित वातावरण निर्माण कार्यक्रम का समापन हुआ. जिले के प्री प्राइमरी से 12 वीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए ये कार्यक्रम रखा गया. इस कार्यक्रम के अंतिम दिन एक रैली निकाली गई. जिला कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया.
राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड जिला मुख्यालय से भगत सिंह चौक होते हुए गंगा सिंह चौक से वापस भगत सिंह चौक तक रैली निकाली गई. रैली खत्म होने के बाद प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया. अतिथियों ने वृक्षारोपण भी किया. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए.
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सांस्कृतिक कार्यक्रम में विशेष बच्चों ने नृत्य की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में आए अतिथियों ने बताया, कि दिव्यांग बच्चों के पालन-पोषण में सावधानी बरतनी चाहिए. दिव्यांग बच्चों को प्यार और सम्मान देने के साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी समाज का उद्देश्य होना चाहिए. घर में यदि दिव्यांग बच्चे हों तो उन्हें और भी ज्यादा प्यार और अपनेपन की जरूरत होती है.
जिला कलेक्टर ने कहा, कि दिव्यांग बच्चों के अंदर आत्मविश्वास भरना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास माता-पिता को बचपन से ही शुरू कर देना चाहिए. बच्चे को किसी पर निर्भर नहीं छोड़ें. उसे अपने काम खुद करने की आदत डलवाएं,ताकि वे आत्मनिर्भर बनें. अतिथियों ने ये भी कहा, कि दिव्यांग बच्चों की तुलना दूसरे सामान्य बच्चों से करना ठीक नहीं है. उन्हें किसी की दया और सहानुभूति की जरूरत नहीं बल्कि आपके प्यार और सहयोग की जरूरत है. दिव्यांग बच्चों के लिए रुमाल झपट्टा, सामूहिक नृत्य, तेज चाल, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, पोस्टर प्रतियोगिता और अस्थि दिव्यांग श्रेणी में सामूहिक गान प्रतियोगिता हुई. वहीं ट्राईसाइकिल दौड़, कौशल प्रतियोगिताओं में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. बच्चों को सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए.