राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. इस महामारी का गहरा प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. इसी कारण भारत की जीडीपी माइनस में पहुंच गई है. कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां उत्पन्न हुई है, इसकी वजह से भारत के हर सेक्टर को खासा नुकसान पहुंचा है.
कोरोना महामारी की वजह से होटल व्यवसायियों को खासा नुकसान पहुंचा है. राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में हर साल लाखों की संख्या में दर्शनार्थी भगवान श्रीनाथजी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन विगत 5 महीने से श्रीनाथजी का मंदिर कोरोना महामारी की वजह से बंद है. मंदिर बंद होने की वजह से होटल व्यवसायियों की हालत भी खस्ता है.
होटल एसोसिएशन नाथद्वारा के चेयरमैन मुरलीधर भाटिया ने बताया कि भगवान श्रीनाथजी के मंदिर बंद होने की वजह से होटल व्यवसायियों को खासा नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि नाथद्वारा में करीब 125 से ज्यादा होटल हैं. इसके साथ ही होटल के करीब 2500 से अधिक कमरे हैं और 11 से अधिक धर्मशाला हैं.
भाटिया ने बताया कि हर रोज 5000 से अधिक वैष्णव पहुंचते हैं. श्रीनाथजी के मंदिर में विशेष उत्सव होने पर 10 से 12 हजार लोग आते हैं, लेकिन विगत 5 महीने से प्रभु का मंदिर बंद होने की वजह से होटल व्यवसायियों को अपनी जरूरत के खर्चे निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि होटल व्यवसाय में भारी संख्या में खर्चे होते हैं, लेकिन विगत समय से होटल व्यवसायियों को आमदनी नाममात्र के बराबर भी नहीं है.
मुरलीधर भाटिया ने कहा कि इस व्यवसाय में हजारों लोग जुड़े हुए हैं. इस व्यवसाय में कुछ लोग प्रत्यक्ष तो कुछ अप्रत्यक्ष रूप से अपनी सेवाएं देते हैं. उन्होंने बताया कि होटल व्यवसायियों की बिजली के बिल और अन्य खर्चे जस के तस हैं. होटल व्यवसायियों को जो समस्याएं उत्पन्न हुई है, उससे कुछ राहत देने के लिए सरकार से भी गुहार लगाई है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया है. होटल एसोसिएशन नाथद्वारा के चेयरमैन मुरलीधर भाटिया की कहना है कि अभी तक जिला प्रशासन ने मंदिर खोलने के आदेश नहीं दिए हैं क्योंकि मंदिर में कोरोना महामारी के दरमियान विशेष तैयारियां की जा रही है.