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आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्टर को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

राजसमंद में सोमवार को आशा सहयोगिनी कार्यकर्ता भारी संख्या में जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची. जहां उन्होंने जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

memorandum handed over to DC
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Published : Aug 5, 2019, 5:11 PM IST

राजसमंद. जिले में सोमवार को ऑल राजस्थान आशा सहयोगिनी संगठन के नेतृत्व में आशा सहयोगिनी भारी संख्या में जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही सरकार को जल्द से जल्द मांगे पूरी करने के लिए कहा गया.

आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्टर को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य स्तर पर लगभग 46000 आशा सहयोगिनियां है. जो कि 15 सालों से महिला और बाल विकास स्वास्थ्य विभाग के अधीन राज्य के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत है. साथ ही नियमित रूप से अपनी सेवाएं विभाग को दे रही है.

जिसका वर्तमान मासिक मानदेय 2500 रुपए है. जो कि वर्तमान में नहीं के बराबर है. इसलिए उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग है कि स्थाई होने तक आशा सहयोगिनियों को 10000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाए और आशा सहयोगिनी को श्रम विभाग एक्ट नियम के अनुसार 90 दिन का कार्यकाल होता है. उसे कुशल माना जाता है.इसलिए पीएफ और एस आई भविष्य निधि लागू किया जाए.

यह भी पढ़ें : JK LIVE: जम्मू-कश्मीर को मिले विशेषाधिकार खत्म, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

ज्ञापन में बताया कि आशा सहयोगिनियां 15 सालों से सफलतापूर्वक कार्य करती आ रही है. एएनएम और आशा कोऑर्डिनेटर, आशा सुपरवाइजर और एल एस की भर्ती में 50% आरक्षण भी शामिल किया जाए. आशा सहयोगिनियों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि एन एच एम और महिला बाल विकास विभाग की ओर से जिस समय आंगनबाड़ी पाठशाला चयन किया जाता है. वहीं आशा सहयोगिनियों ने कहा कि हमारी यह मांगे नहीं मानी गई. तो आने वाले समय में आंदोलन भी किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

राजसमंद. जिले में सोमवार को ऑल राजस्थान आशा सहयोगिनी संगठन के नेतृत्व में आशा सहयोगिनी भारी संख्या में जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही सरकार को जल्द से जल्द मांगे पूरी करने के लिए कहा गया.

आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्टर को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य स्तर पर लगभग 46000 आशा सहयोगिनियां है. जो कि 15 सालों से महिला और बाल विकास स्वास्थ्य विभाग के अधीन राज्य के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत है. साथ ही नियमित रूप से अपनी सेवाएं विभाग को दे रही है.

जिसका वर्तमान मासिक मानदेय 2500 रुपए है. जो कि वर्तमान में नहीं के बराबर है. इसलिए उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग है कि स्थाई होने तक आशा सहयोगिनियों को 10000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाए और आशा सहयोगिनी को श्रम विभाग एक्ट नियम के अनुसार 90 दिन का कार्यकाल होता है. उसे कुशल माना जाता है.इसलिए पीएफ और एस आई भविष्य निधि लागू किया जाए.

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ज्ञापन में बताया कि आशा सहयोगिनियां 15 सालों से सफलतापूर्वक कार्य करती आ रही है. एएनएम और आशा कोऑर्डिनेटर, आशा सुपरवाइजर और एल एस की भर्ती में 50% आरक्षण भी शामिल किया जाए. आशा सहयोगिनियों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि एन एच एम और महिला बाल विकास विभाग की ओर से जिस समय आंगनबाड़ी पाठशाला चयन किया जाता है. वहीं आशा सहयोगिनियों ने कहा कि हमारी यह मांगे नहीं मानी गई. तो आने वाले समय में आंदोलन भी किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

Intro:राजसमंद- सोमवार को ऑल राजस्थान आशा सहयोगिनी संगठन के नेतृत्व में आशा सहयोगिनियों ने भारी संख्या में जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में बताया कि राज्य स्तर पर लगभग 46000 आशा सहयोगिनी या है.जो कि 15 सालों से महिला एवं बाल विकास स्वास्थ्य विभाग के अधीन राज्य के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत है. एवं नियमित रूप से अपनी सेवाएं विभाग को दे रही है.


Body:जिस का मासिक मानदेय वर्तमान में हमें 2500 रुपए है. जो कि वर्तमान में नहीं के बराबर है. इसलिए हम ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग है.कि स्थाई होने तक आशा सहयोगिनियों को ₹10000 मासिक मानदेय दिया जावे तथा आशा सहयोगिनी को श्रम विभाग एक्ट नियम अनुसार 90 दिन का कार्यकाल लेता है. उसे कुशल माना जाता है.इसलिए पीएफ व एस आई भविष्य निधि लागू किया जावे.ज्ञापन में बताया कि आशा सहयोगिनी या 15 सालों से सफलतापूर्वक कार्य करती आ रही है.एएनएम व आशा कोऑर्डिनेटर आशा सुपरवाइजर और एल एस की भर्ती मैं 50% आरक्षण में शामिल किया जाए.


Conclusion:आशा सहयोगिनियों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि एन एच एम व महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिस समय आंगनबाड़ी पाठशाला चयन किया जाता है. वही आशा सहयोगिनियों ने कहा कि हमारी यह मांगे नहीं मानी गई. तो आने वाले समय में आंदोलन भी किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
बाइट- आशा सहयोगिनी की
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