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राजसमंद: बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक कमेटी का गठन, कानून की पालना नहीं करने पर कार्रवाई

राजसमंद में अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा पर्व पर होने वाले बाल विवाह होते हैं. जिन्हें रोकने के लिए जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच और ग्राम पंचायत की अध्यक्षता में प्रशासनिक कमेटी का गठन किया है. साथ ही गांवों का दौरा कर लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभाव और कानूनी प्रावधानों से अवगत कराएंगें.

राजसमंद की खबर, child marriage
राजसमंद में बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक कमेटी का गठन
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Published : Apr 25, 2020, 7:39 PM IST

राजसमंद. जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने एक आदेश जारी कर शनिवार को अक्षय तृतीया और 26 अप्रैल को और 7 मई को पीपल पूर्णिमा पर्व और आस-पास के दिवसों में होने वाले बाल विवाह रुकवाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच और ग्राम पंचायत की अध्यक्षता में प्रशासनिक कमेटी का गठन किया है.

आदेश अनुसार प्रशासनिक कमेटी में संबंधित ग्राम पंचायत के पटवारी ग्राम सेवक और पदेन सचिव स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बीट कांस्टेबल कृषि पर्यवेक्षक वार्ड पंच और ग्राम पंचायत में संचालित शिक्षा संस्थान के प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक होंगे.

राजसमंद की खबर, child marriage
राजसमंद में बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक कमेटी का गठन

गठित कमेटी अक्षय तृतीया से पहले अपनी पंचायत के गांवों का दौरा कर सुनिश्चित करेंगे कि गांव में बाल विवाह तो नहीं किया जा रहा है. अभिभावकों को बाल विवाह के दुष्प्रभाव और बाल विवाह करने पर कानूनी प्रावधानों से अवगत कराते हुए बाल विवाह रुकवाने की समझाइश करेंगे.

पढ़ें- राजसमंद: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ने किया जेल का निरीक्षण, कोरोना को लेकर दिए निर्देश

उन्होंने कहा कि यदि समझाइश इसके बावजूद भी बाल विवाह नहीं रोकते हैं तो तत्काल संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट बाल विवाह निषेध अधिकारी तहसीलदार विकास अधिकारियों थाना अधिकारी को सूचना करेंगे. कमेटी में विवाह में पंडित, बैंड वाले, घोड़े वाले, टेंट वाले, फोटोग्राफर, हलवाई, बस और जीव मालिकों के संचालकों को भी पाबंद करेंगे कि वह बाल विवाह में किसी भी तरह का सहयोग नहीं दे. सहयोग देने की सूचना मिलने पर कानून अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

राजसमंद. जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने एक आदेश जारी कर शनिवार को अक्षय तृतीया और 26 अप्रैल को और 7 मई को पीपल पूर्णिमा पर्व और आस-पास के दिवसों में होने वाले बाल विवाह रुकवाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच और ग्राम पंचायत की अध्यक्षता में प्रशासनिक कमेटी का गठन किया है.

आदेश अनुसार प्रशासनिक कमेटी में संबंधित ग्राम पंचायत के पटवारी ग्राम सेवक और पदेन सचिव स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बीट कांस्टेबल कृषि पर्यवेक्षक वार्ड पंच और ग्राम पंचायत में संचालित शिक्षा संस्थान के प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक होंगे.

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राजसमंद में बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक कमेटी का गठन

गठित कमेटी अक्षय तृतीया से पहले अपनी पंचायत के गांवों का दौरा कर सुनिश्चित करेंगे कि गांव में बाल विवाह तो नहीं किया जा रहा है. अभिभावकों को बाल विवाह के दुष्प्रभाव और बाल विवाह करने पर कानूनी प्रावधानों से अवगत कराते हुए बाल विवाह रुकवाने की समझाइश करेंगे.

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उन्होंने कहा कि यदि समझाइश इसके बावजूद भी बाल विवाह नहीं रोकते हैं तो तत्काल संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट बाल विवाह निषेध अधिकारी तहसीलदार विकास अधिकारियों थाना अधिकारी को सूचना करेंगे. कमेटी में विवाह में पंडित, बैंड वाले, घोड़े वाले, टेंट वाले, फोटोग्राफर, हलवाई, बस और जीव मालिकों के संचालकों को भी पाबंद करेंगे कि वह बाल विवाह में किसी भी तरह का सहयोग नहीं दे. सहयोग देने की सूचना मिलने पर कानून अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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