राजसमंद. जिले में सरकारी कर्मचारी गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं. गरीबों के लिए चलाई जा रही एक से दो रुपए किलो गेहूं की योजना में सरकारी कर्मचारियों ने ही डाका डाल कर गरीबों का निवाला डकार लिया. अब रडार पर आए कर्मचारियों से विभाग शक्ति से वसूली कर रहा है.
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शिक्षक, पटवारी और कांस्टेबल से लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी हैं, जिन्होंने अपने आपको असहाय और गरीब बताकर खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जुड़वा दिया और न सिर्फ 1 और 2 रुपए प्रति किलो में गरीबों के हक का गेहूं उठा लिया, बल्कि भामाशाह योजना के तहत निजी अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार और महंगे ऑपरेशन करवाकर सरकार के बजट को चूना लगा दिया.
राज्य सरकार की ओर से करवाए गए गोपनीय सर्वे में यह खुलासा हुआ है, जिसमें अकेले राजसमंद जिले में 733 ऐसे सरकारी कार्मिक हैं, जिनका नाम खाद्य सुरक्षा सूची में दर्ज है और गरीबों के नाम का गेहूं उठा रहे हैं. गंभीर गड़बड़ी उजागर होने के बाद जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने सभी सरकारी कार्मिकों को नोटिस जारी करते हुए गरीबों के गेहूं की वसूली के आदेश दिए.
- कार्मिकों से वसूली की स्थिति
कुल कार्मिक | वसूली | बकाया |
733 | 621 | 112 |
जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने गेहूं की दर प्रति किलो 27 रुपए वसूलने के आदेश दिए हैं. इसके तहत रसद विभाग राजसमंद के साथ उपखंड अधिकारी राजसमंद, कुंभलगढ़, भीम, देवगढ़, आमेट, रेलमगरा, नाथद्वारा की ओर से अब तक 621 सरकारी कार्मिकों से करीब 75 लाख रुपए वसूल कर लिए गए हैं. इसके अलावा 112 सरकारी कार्मिक अब भी गरीबों का गेहूं लौटाने में आनाकानी की प्रवृत्ति अपना रहे हैं, जिनसे करीब 20 लाख रुपए की वसूली बकाया चल रही है.
- कार्मिकों से वसूली और बकाया राशि
कुल राशि | वसूली | बकाया वसूली |
95 लाख | 75 लाख | 20 लाख |
वहीं, रसद विभाग की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर अब जल्द ही सरकारी कार्मिकों की ओर से स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना से उठाए गए कुल गेहूं का भुगतान 27 रुपए की दर से जल्द ही राजकोष में नहीं किया गया तो उनके खिलाफ संबंधित विभाग की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.