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369 फीट की शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' का होगा लोकार्पण, यहां जानिए इससे जुड़ी खास बातें

राजसमंद जिले के नाथद्वारा में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' के लोकार्पण के साथ ही नाथद्वारा पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय पटल पर उभर जाएगा. यह प्रतिमा 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती है. हरी-भरी वादियों को विकसित कर बनाई गई विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के भ्रमण को लेकर कुछ खास बातें यहां जानिए.

369 feet Shiva statue Vishvas Swarupam
'विश्वास स्वरूपम' का होगा लोकार्पण
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Published : Oct 20, 2022, 11:48 AM IST

Updated : Oct 29, 2022, 6:32 AM IST

राजसमंद. राजस्थान के नाथद्वारा में भगवान शिव की 369 फीट की प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है. यह दुनिया की अब तक की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा होगी. राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथजी की पावन धरा पर 369 फीट की विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' का लोकार्पण महोत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा.

संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी मदन पालीवाल ने बताया कि महादेव के इस महा महोत्सव में 9 दिन तक धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आयोजनों की धूम रहेगी. मुरारी बापू की 9 दिवसीय रामकथा भी होगी. नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी 369 फीट की ऊंची यह प्रतिमा ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रही है. 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव अल्हड़ की मुद्रा में विराजित हैं, जो 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाते हैं. रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी सज्जा की गई है.

369 फीट की शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम'

पढ़ें- राजस्थान में यहां है एशिया की दूसरी सबसे बड़ी नीलकंठ महादेव की प्रतिमा

29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक नाथद्वारा में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में मुरारी बापू के प्रवचनों के साथ ही आस्था, संस्कृति, संगीत और कला का महासंगम होगा. विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है. 369 फीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी. जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है. आरसीसी से निर्मित यह प्रतिमा 250 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को झेलने में सक्षम है.

प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है. 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया, प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है.

खेल और मनोरंजन- प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधाओं ओर मनोरंजन के लिए बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है. यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी, जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश विदेश के पर्यटक यहां आएंगे. साथ ही फुटकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग, एडवेंचर पार्क, जंगल कैफ़े का निर्माण भी किया गया है.

शिव स्तुति की महिमा दिखेंगी प्रतिमा पर- शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट एन्ड साउंड के थ्री डी प्रयोग के द्वारा शिव स्तुति का प्रसारण होगा. पर्यटकों के लिए यह बहुत की आकर्षण का केंद्र होगा. इसमें बरकों कम्पनी के प्रोजेक्टर का प्रयोग किया गया है.

पढ़ें- Shri Radheshwar Mahadev Mandir: यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग हैं विराजमान...11 शिवालय स्थापित

कुछ खास बातें-

  • मुख्य प्रवेश द्वार - पार्किंग स्थल से 200 मीटर की दूरी पर आकर्षक मैन एन्ट्री गेट बनाया गया है. मैन गेट से एन्ट्री करते ही आप स्वयं महसूस करेंगे कि आप किसी खास जगह पर आ गए हैं. मैन एन्ट्री गेट पर ही आपको संपूर्ण क्षेत्र की सहज जानकारी भी उपलब्ध हो जाएगी. अर्ध चंद्राकर में बने मैन एंट्री गेट के दोनों ओर भगवान की प्रतिमाएं और बीच में एक शिवलिंग लगाया गया है.
  • जिप लाईन- अभी तक श्रीजी की नगरी धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में ही जानी जाती थी, लेकिन अब 'विश्वास स्वरूपम' में एडवेंचर पर्यटन को भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है. यहां विश्व स्तरीय बेहतरीन जिप लाईन का निर्माण किया गया है. जिप लाईन पर्यटकों को रोमांचित कर देगा और सैलानी विश्व स्तर की साहसिक गतिविधि का लाभ उठा सकेंगे. जिप लाईन आमतौर पर स्टेनलेस स्टील से बनी होती है और इसे ढ़लान पर लगाई जाती है. पर्यटकों के लिए यह एक नया अनुभव साबित होगा.
  • जंगल कैफे- 'विश्वास स्वरूपम' परिसर मे जंगल कैफे भी बनाया गया है. इस एरिया में पर्यटकों को घने जंगल और जंगल सफारी का अहसास होगा.
  • संगम स्थल- परिसर में एक संगम स्थल भी विकसित किया गया है. यहां पर्यटक नंदी और शिव प्रतिमा के साथ सेल्फी भी ले सकेंगे. यहां 5 रास्तों का मिलन होने के कारण भी इसे संगम स्थल कहा जाता है.
  • नंदी- 'विश्वास स्वरूपम' में जहां भगवान शिव की प्रतिमा अल्हड़ मुद्रा में नजर आ रही है. वहीं यहां स्थापित 21 फीट की नंदी की प्रतिमा भी मस्त मुद्रा में है. नंदी के तीन पैर जमीन पर और एक पैर हवा में इसकी मस्त मुद्रा को बयां करता है. नंदी की इस तरह की प्रतिमा बहुत कम दृष्टिगोचर होती है. नंदी को भगवान शिव के धाम का द्वारपाल भी माना गया है, इसलिए यहां भी नंदी की विशेष मुद्रा को स्थापित किया गया है.
  • ओपन थियेटर- पंचकोण आकार में विकसित किए गए इस थिएटर की सैकड़ों की दर्शक क्षमता है. रात्रि में भी इसका उपयोग होने की स्थिति पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई है.
  • हरिहर सेतु - शिव प्रतिमा के सामने कृतिम तालाब बनाया गया है और इस तालाब के ऊपर हरिहर सेतु बनाया गया है.
  • म्यूजिकल फाउंटेन - क्षेत्र में 15000 वर्ग फीट एरिया में म्यूजिकल फाउंटेन भी विकसित किया गया है. इसके नजदीक ही स्टेडियम नुमा सीढ़ियों का निर्माण भी किया गया है ताकि पर्यटक आराम से बैठकर म्यूजिकल फाउंटेन का आंनद ले सके.
  • VR गेम जोन- विश्व स्तरीय सुविधाओं के लिए यहां वर्चुअल रियलिटी गेम जोन बनाकर मनोरंजन के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करने का प्रयास किया गया है.
  • गेम जोन - यहां पर्यटक विभिन्न प्रकार के खेलों का आनंद ले सकेंगे.
  • फूड कोर्ट- यहां सर्वसुविधायुक्त बेहतरीन फूड कोर्ट में भी विकसित किया गया है. यहां खान पान संबंधित चटपटे व्यंजन, मिठाई सहित सभी वस्तु फ्रेश उपलब्ध होगी.
  • गो कार्टिग- कोर्टिंग एक छोटी, खुली और चार पहिए के वाहनों के ओपन व्हील मोटर स्पोर्ट्स का एक संस्करण भी यहां स्थापित किया गया है जो छोटे सर्किट पर दौड़ाई जाएगी. 'विश्वास स्वरूपम' परिसर मे 20 हजार स्कावयर फीट का कार्टिंग ट्रैक बनाया गया है.
  • बंजी जंपिंग- विश्व स्तरीय सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित कृत्रिम रूप से देश का सबसे ऊंचा बंजी जंपिंग टावर यहां स्थापित किया गया है. टाॅवर बेस्ड इस जंपिंग की ऊंचाई 185 फीट है. इसमें प्रयुक्त होने वाले रस्से भी विशेष तौर पर अमेरीका से मंगवाए गए हैं. पर्यटकों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जायेगा और समय-समय पर सुरक्षा मापदण्डों को जांचा व परखा भी जाएगा. यहां 10 मीटर का ग्लास वॉक भी बनाया गया है.
  • व्यूइंग गैलरी- रोमांच को बरकरार रखने के लिए विश्व की सबसे ऊंची इस शिव प्रतिमा में व्यूइंग गैलरी भी बनाई गई है. 270 से 280 फीट ऊंचाई पर इस व्यूइंग गैलरी से आप यहां आप अरावली पहाड़ियों के आस पास के नजारे का आनंद ले सकेंगे. यहां सीढ़ियां भी ग्लास की ही बनाई गई है. व्यूइंग गैलरी में जाने के लिए पर्यटक लिफ्ट और सीढ़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

राजसमंद. राजस्थान के नाथद्वारा में भगवान शिव की 369 फीट की प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है. यह दुनिया की अब तक की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा होगी. राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथजी की पावन धरा पर 369 फीट की विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' का लोकार्पण महोत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा.

संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी मदन पालीवाल ने बताया कि महादेव के इस महा महोत्सव में 9 दिन तक धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आयोजनों की धूम रहेगी. मुरारी बापू की 9 दिवसीय रामकथा भी होगी. नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी 369 फीट की ऊंची यह प्रतिमा ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रही है. 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव अल्हड़ की मुद्रा में विराजित हैं, जो 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाते हैं. रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी सज्जा की गई है.

369 फीट की शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम'

पढ़ें- राजस्थान में यहां है एशिया की दूसरी सबसे बड़ी नीलकंठ महादेव की प्रतिमा

29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक नाथद्वारा में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में मुरारी बापू के प्रवचनों के साथ ही आस्था, संस्कृति, संगीत और कला का महासंगम होगा. विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है. 369 फीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी. जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है. आरसीसी से निर्मित यह प्रतिमा 250 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को झेलने में सक्षम है.

प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है. 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया, प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है.

खेल और मनोरंजन- प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधाओं ओर मनोरंजन के लिए बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है. यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी, जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश विदेश के पर्यटक यहां आएंगे. साथ ही फुटकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग, एडवेंचर पार्क, जंगल कैफ़े का निर्माण भी किया गया है.

शिव स्तुति की महिमा दिखेंगी प्रतिमा पर- शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट एन्ड साउंड के थ्री डी प्रयोग के द्वारा शिव स्तुति का प्रसारण होगा. पर्यटकों के लिए यह बहुत की आकर्षण का केंद्र होगा. इसमें बरकों कम्पनी के प्रोजेक्टर का प्रयोग किया गया है.

पढ़ें- Shri Radheshwar Mahadev Mandir: यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग हैं विराजमान...11 शिवालय स्थापित

कुछ खास बातें-

  • मुख्य प्रवेश द्वार - पार्किंग स्थल से 200 मीटर की दूरी पर आकर्षक मैन एन्ट्री गेट बनाया गया है. मैन गेट से एन्ट्री करते ही आप स्वयं महसूस करेंगे कि आप किसी खास जगह पर आ गए हैं. मैन एन्ट्री गेट पर ही आपको संपूर्ण क्षेत्र की सहज जानकारी भी उपलब्ध हो जाएगी. अर्ध चंद्राकर में बने मैन एंट्री गेट के दोनों ओर भगवान की प्रतिमाएं और बीच में एक शिवलिंग लगाया गया है.
  • जिप लाईन- अभी तक श्रीजी की नगरी धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में ही जानी जाती थी, लेकिन अब 'विश्वास स्वरूपम' में एडवेंचर पर्यटन को भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है. यहां विश्व स्तरीय बेहतरीन जिप लाईन का निर्माण किया गया है. जिप लाईन पर्यटकों को रोमांचित कर देगा और सैलानी विश्व स्तर की साहसिक गतिविधि का लाभ उठा सकेंगे. जिप लाईन आमतौर पर स्टेनलेस स्टील से बनी होती है और इसे ढ़लान पर लगाई जाती है. पर्यटकों के लिए यह एक नया अनुभव साबित होगा.
  • जंगल कैफे- 'विश्वास स्वरूपम' परिसर मे जंगल कैफे भी बनाया गया है. इस एरिया में पर्यटकों को घने जंगल और जंगल सफारी का अहसास होगा.
  • संगम स्थल- परिसर में एक संगम स्थल भी विकसित किया गया है. यहां पर्यटक नंदी और शिव प्रतिमा के साथ सेल्फी भी ले सकेंगे. यहां 5 रास्तों का मिलन होने के कारण भी इसे संगम स्थल कहा जाता है.
  • नंदी- 'विश्वास स्वरूपम' में जहां भगवान शिव की प्रतिमा अल्हड़ मुद्रा में नजर आ रही है. वहीं यहां स्थापित 21 फीट की नंदी की प्रतिमा भी मस्त मुद्रा में है. नंदी के तीन पैर जमीन पर और एक पैर हवा में इसकी मस्त मुद्रा को बयां करता है. नंदी की इस तरह की प्रतिमा बहुत कम दृष्टिगोचर होती है. नंदी को भगवान शिव के धाम का द्वारपाल भी माना गया है, इसलिए यहां भी नंदी की विशेष मुद्रा को स्थापित किया गया है.
  • ओपन थियेटर- पंचकोण आकार में विकसित किए गए इस थिएटर की सैकड़ों की दर्शक क्षमता है. रात्रि में भी इसका उपयोग होने की स्थिति पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई है.
  • हरिहर सेतु - शिव प्रतिमा के सामने कृतिम तालाब बनाया गया है और इस तालाब के ऊपर हरिहर सेतु बनाया गया है.
  • म्यूजिकल फाउंटेन - क्षेत्र में 15000 वर्ग फीट एरिया में म्यूजिकल फाउंटेन भी विकसित किया गया है. इसके नजदीक ही स्टेडियम नुमा सीढ़ियों का निर्माण भी किया गया है ताकि पर्यटक आराम से बैठकर म्यूजिकल फाउंटेन का आंनद ले सके.
  • VR गेम जोन- विश्व स्तरीय सुविधाओं के लिए यहां वर्चुअल रियलिटी गेम जोन बनाकर मनोरंजन के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करने का प्रयास किया गया है.
  • गेम जोन - यहां पर्यटक विभिन्न प्रकार के खेलों का आनंद ले सकेंगे.
  • फूड कोर्ट- यहां सर्वसुविधायुक्त बेहतरीन फूड कोर्ट में भी विकसित किया गया है. यहां खान पान संबंधित चटपटे व्यंजन, मिठाई सहित सभी वस्तु फ्रेश उपलब्ध होगी.
  • गो कार्टिग- कोर्टिंग एक छोटी, खुली और चार पहिए के वाहनों के ओपन व्हील मोटर स्पोर्ट्स का एक संस्करण भी यहां स्थापित किया गया है जो छोटे सर्किट पर दौड़ाई जाएगी. 'विश्वास स्वरूपम' परिसर मे 20 हजार स्कावयर फीट का कार्टिंग ट्रैक बनाया गया है.
  • बंजी जंपिंग- विश्व स्तरीय सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित कृत्रिम रूप से देश का सबसे ऊंचा बंजी जंपिंग टावर यहां स्थापित किया गया है. टाॅवर बेस्ड इस जंपिंग की ऊंचाई 185 फीट है. इसमें प्रयुक्त होने वाले रस्से भी विशेष तौर पर अमेरीका से मंगवाए गए हैं. पर्यटकों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जायेगा और समय-समय पर सुरक्षा मापदण्डों को जांचा व परखा भी जाएगा. यहां 10 मीटर का ग्लास वॉक भी बनाया गया है.
  • व्यूइंग गैलरी- रोमांच को बरकरार रखने के लिए विश्व की सबसे ऊंची इस शिव प्रतिमा में व्यूइंग गैलरी भी बनाई गई है. 270 से 280 फीट ऊंचाई पर इस व्यूइंग गैलरी से आप यहां आप अरावली पहाड़ियों के आस पास के नजारे का आनंद ले सकेंगे. यहां सीढ़ियां भी ग्लास की ही बनाई गई है. व्यूइंग गैलरी में जाने के लिए पर्यटक लिफ्ट और सीढ़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Last Updated : Oct 29, 2022, 6:32 AM IST
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