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प्रतापगढ़ः जिला अस्पताल और श्मशान घाट पर बिखरे पड़े है मेडिकल वेस्ट, कोरोना को दे रहे दावत

प्रतापगढ़ के जिला अस्पताल और श्मशान घाट पर इन दिनों काफी ज्यादा गंदगी देखी जा रही है. इन दोनों ही परिसरों में पीपीई किट और कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के रैपर और अन्य गंदगी यहां वहां बिखरी पड़ी है जो कोरोना को दावत देने के लिए काफी है.

मेडिकल वेस्ट का ढेर, Medical waste stack
जिला अस्पताल और श्मशान घाट पर बिखरे पड़े हैं पीपीई किट और दवाईयों के रैपर
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Published : May 17, 2021, 9:58 AM IST

प्रतापगढ. जिला मुख्यालय जिला अस्पताल और श्मशान घाट कोरोना संक्रमण के सबसे बड़े घर बनते जा रहे हैं. इन दोनों ही परिसरों में पीपीई किट और कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के रैपर और अन्य गंदगी यहां वहां बिखरी पड़ी है. श्मशान घाट से निकलने वाली गंदगी दीपेश्वर तालाब तक आ रही है. इससे तालाब भी गंदा होता जा रहा है. यहां आने वाले लोगों के संक्रमित होने की पूरी आशंका है.

मेडिकल वेस्ट का ढेर, Medical waste stack
दवाइयों के बिखरे पड़े रैपर

जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा जिला अस्पताल और एक मात्र निजी कोविड डेडिकेटेड अस्पताल इन दिनों कोरोना रोगियों से भरे पड़े हैं. जिला अस्पताल में इस समय कोरोना के 150 से अधिक मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे हैं. प्रतिदिन चार से पांच मौते भी हो रही है. ऐसे में दिनभर मरीजों और उनके परिजनों की आवाजाही हो रही है. इस दबाव के चलते अस्पताल की सफाई व्यवस्था भी चरमार गई है.

पढ़ेंः कोटा मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर्स ने लंबित मांगों को लेकर दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी

अस्पताल परिसर और बाहर सड़क पर जगह-जगह मेडिकल वेस्ट के ढेर लगे हैं. बाहर सड़क किनारे डस्टबिन और नालियों में पीपीई किट खुले में पड़े हैं. अंदर भी दवाओं के पैकेट, रैपर और अन्य बायो वेस्ट पड़े हैं. यहां आने वाले परिजन अपने मरीज को जब वापस लेकर जाते हैं तो कचरा अस्पताल परिसर या बाहर सड़क के आस-पास फेंक देते हैं. सड़क पर बनी नालियों में भी जगह-जगह मेडिकल वेस्ट नजर आ जाएगा.

कोरोना जागरुकता के लिए लिखवाए जा रहे स्लोगन, गमलों की भी हो रही पुताई

प्रतापगढ़ नगर परिषद की ओर से कोरोना के प्रति जनजागरूकता उत्पन्न करने के लिए जहां सार्वजनिक स्थानों पर स्लोगन लिखवाए जा रहे हैं. वहीं, पर्यावरण का संदेश देने के लिए मुख्य मार्गों पर लगे पौधों के गमलों को भी रंगा जा रहा है.

कोरोना जागरुकता स्लोगन, Corona Awareness Slogan
कोरोना जागरुकता के लिए लिखवाए जा रहे स्लोगन

सभापति रामकन्या प्रहलाद गुर्जर ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान शहर में विभिन्न सेवा कार्य प्रतिदिन संपादित किए जा रहे हैं. साथ ही शहर को गंदगी से मुक्ति के लिए और शहर सौंदर्य के कार्य भी इसी दौरान जारी है. सभापति प्रवक्ता गोपाल धाभाई ने बताया कि कोरोना महामारी के इस दौर में पिछले एक महीने से शहर में कोरोना के सामुदायिक संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजेश का काम विराट स्तर पर चलाया जा रहा है. इसके तहत पूरे शहर में सैनिटाइजेशन किया जा चुका है. साथ ही जिन-जिन क्षेत्रों से कोरोना के पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं. उन क्षेत्रों में लगातार सैनिटाइजेशन कार्य जारी है.

पढ़ेंः वैक्सीन पर पोस्टर विवाद : राहुल-प्रियंका के बाद राजस्थान के बड़े नेताओं ने भी बदली प्रोफाइल पिक्चर

भीड़-भाड़ वाले स्थानों को एक-दो दिन छोड़कर वापस से सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा पूरे शहर में दोबारा डीडीटी मच्छर मार पाउडर का छिड़काव भी करवाया जा रहा है. परिषद की ओर से सुबह शाम भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे सभापति के निर्देश पर सेवा प्रकल्पों के साथ ही शहर के सौंदर्यीकरण पर भी काम जारी है. इसके तहत शहर के मुख्य मार्गों पर बने डिवाइडर के ऊपर लगे हुए सीमेंट के गमलों को पर्यावरण बचाने एवं पर्यावरण की सुंदरता दर्शाते हुई पेंटिंग की जा रही है. इसके अलावा सभापति के निर्देश पर शहर में जगह-जगह कोरोना महामारी से बचाव के लिए सड़कों पर एवं दीवारों पर नारा लेखन का कार्य भी किया जा रहा है.

प्रतापगढ. जिला मुख्यालय जिला अस्पताल और श्मशान घाट कोरोना संक्रमण के सबसे बड़े घर बनते जा रहे हैं. इन दोनों ही परिसरों में पीपीई किट और कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के रैपर और अन्य गंदगी यहां वहां बिखरी पड़ी है. श्मशान घाट से निकलने वाली गंदगी दीपेश्वर तालाब तक आ रही है. इससे तालाब भी गंदा होता जा रहा है. यहां आने वाले लोगों के संक्रमित होने की पूरी आशंका है.

मेडिकल वेस्ट का ढेर, Medical waste stack
दवाइयों के बिखरे पड़े रैपर

जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा जिला अस्पताल और एक मात्र निजी कोविड डेडिकेटेड अस्पताल इन दिनों कोरोना रोगियों से भरे पड़े हैं. जिला अस्पताल में इस समय कोरोना के 150 से अधिक मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे हैं. प्रतिदिन चार से पांच मौते भी हो रही है. ऐसे में दिनभर मरीजों और उनके परिजनों की आवाजाही हो रही है. इस दबाव के चलते अस्पताल की सफाई व्यवस्था भी चरमार गई है.

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अस्पताल परिसर और बाहर सड़क पर जगह-जगह मेडिकल वेस्ट के ढेर लगे हैं. बाहर सड़क किनारे डस्टबिन और नालियों में पीपीई किट खुले में पड़े हैं. अंदर भी दवाओं के पैकेट, रैपर और अन्य बायो वेस्ट पड़े हैं. यहां आने वाले परिजन अपने मरीज को जब वापस लेकर जाते हैं तो कचरा अस्पताल परिसर या बाहर सड़क के आस-पास फेंक देते हैं. सड़क पर बनी नालियों में भी जगह-जगह मेडिकल वेस्ट नजर आ जाएगा.

कोरोना जागरुकता के लिए लिखवाए जा रहे स्लोगन, गमलों की भी हो रही पुताई

प्रतापगढ़ नगर परिषद की ओर से कोरोना के प्रति जनजागरूकता उत्पन्न करने के लिए जहां सार्वजनिक स्थानों पर स्लोगन लिखवाए जा रहे हैं. वहीं, पर्यावरण का संदेश देने के लिए मुख्य मार्गों पर लगे पौधों के गमलों को भी रंगा जा रहा है.

कोरोना जागरुकता स्लोगन, Corona Awareness Slogan
कोरोना जागरुकता के लिए लिखवाए जा रहे स्लोगन

सभापति रामकन्या प्रहलाद गुर्जर ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान शहर में विभिन्न सेवा कार्य प्रतिदिन संपादित किए जा रहे हैं. साथ ही शहर को गंदगी से मुक्ति के लिए और शहर सौंदर्य के कार्य भी इसी दौरान जारी है. सभापति प्रवक्ता गोपाल धाभाई ने बताया कि कोरोना महामारी के इस दौर में पिछले एक महीने से शहर में कोरोना के सामुदायिक संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजेश का काम विराट स्तर पर चलाया जा रहा है. इसके तहत पूरे शहर में सैनिटाइजेशन किया जा चुका है. साथ ही जिन-जिन क्षेत्रों से कोरोना के पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं. उन क्षेत्रों में लगातार सैनिटाइजेशन कार्य जारी है.

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भीड़-भाड़ वाले स्थानों को एक-दो दिन छोड़कर वापस से सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा पूरे शहर में दोबारा डीडीटी मच्छर मार पाउडर का छिड़काव भी करवाया जा रहा है. परिषद की ओर से सुबह शाम भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे सभापति के निर्देश पर सेवा प्रकल्पों के साथ ही शहर के सौंदर्यीकरण पर भी काम जारी है. इसके तहत शहर के मुख्य मार्गों पर बने डिवाइडर के ऊपर लगे हुए सीमेंट के गमलों को पर्यावरण बचाने एवं पर्यावरण की सुंदरता दर्शाते हुई पेंटिंग की जा रही है. इसके अलावा सभापति के निर्देश पर शहर में जगह-जगह कोरोना महामारी से बचाव के लिए सड़कों पर एवं दीवारों पर नारा लेखन का कार्य भी किया जा रहा है.

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