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प्रतापगढ़: 56 साल में पहली बार नहीं लगा रोकड़िया हनुमान मंदिर का मेला - hanuman jayanti

कोरोना वायरस के कहर से मंदिरों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. बुधवार को हनुमान जंयती के अवसर पर भी मंदिरों पर सन्नाटा देखा गया. वहीं, इतिहास में पहली बार प्रतापगढ़ के प्रसिद्ध रोकड़िया हनुमान मंदिर के दरवाजे भी भक्तों के लिए बंद रहें. हर साल होने वाले कार्यक्रमों और मेले को प्रशासन ने फैल रहे कोरोना वायरस के कारण स्थगित कर दिया.

प्रतापगढ़ की खबर, temples closed
प्रतापगढ़ का प्रसिद्ध मंदिर भक्तों के लिए रहा बंद
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Published : Apr 8, 2020, 11:15 PM IST

प्रतापगढ़. जिले के प्रसिद्ध रोकडिया हनुमान मंदिर के दरवाजे आज पहली बार भक्तों के लिए बंद रहे. कोरोना संक्रमण के कारण यहां पर हर साल हनुमान जयंती पर होने वाले आयोजन पहले ही रद्द कर दिए गए थे. केवल प्रतीकात्मक तौर पर यहां पर पुजारी ने चोला चढ़ाया और मंदिर की ध्वजा परिवर्तित की.

प्रतापगढ़ से 7 किलोमीटर दूर इस मंदिर की दूर दूर तक ख्याति है. यहां एक बात प्रचलित है कि आपके परिवार में शादी है, पैसों का इंतजाम नहीं हो रहा है, व्यापार को आगे बढ़ाना है, पैसे की जरूरत है, आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं, कहीं से रुपए नहीं मिल रहे हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. आपको यहां पर बिना किसी गारंटी के रुपए मिलेंगे. यहां किसी जमानतदार की आवश्यकता नहीं है.

बता दें कि ये मंदिर द रिजर्व बैंक ऑफ रोकड़िया हनुमान के नाम से इलाके में प्रसिद्ध है. यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. बताया जाता है कि यहां चमत्कारी हनुमान जी की प्रतिमा में एक जेब में हाथ डालकर लोग अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे निकालते थे और आवश्यकता पूरी होने के बाद भगवान को लौटा दिया करते थे. वर्तमान में भी यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं और हनुमान जी उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं.

पढ़ें- राशन सामग्री नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल कुमावत ने बताया कि हनुमान जयंती उत्सव पर बुधवार को होने वाले सभी कार्यक्रम पहले से ही रद्द कर दिए गए हैं. केवल प्रतीकात्मक तौर पर हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया है. करीब 56 साल के इतिहास में पहली बार हनुमान जयंती के दिन मंदिर में कोई भी आयोजन नहीं हुए है. हर साल मंदिर में हनुमान जयंती के दिन विशाल मेले का भी आयोजन होता है.

प्रतापगढ़. जिले के प्रसिद्ध रोकडिया हनुमान मंदिर के दरवाजे आज पहली बार भक्तों के लिए बंद रहे. कोरोना संक्रमण के कारण यहां पर हर साल हनुमान जयंती पर होने वाले आयोजन पहले ही रद्द कर दिए गए थे. केवल प्रतीकात्मक तौर पर यहां पर पुजारी ने चोला चढ़ाया और मंदिर की ध्वजा परिवर्तित की.

प्रतापगढ़ से 7 किलोमीटर दूर इस मंदिर की दूर दूर तक ख्याति है. यहां एक बात प्रचलित है कि आपके परिवार में शादी है, पैसों का इंतजाम नहीं हो रहा है, व्यापार को आगे बढ़ाना है, पैसे की जरूरत है, आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं, कहीं से रुपए नहीं मिल रहे हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. आपको यहां पर बिना किसी गारंटी के रुपए मिलेंगे. यहां किसी जमानतदार की आवश्यकता नहीं है.

बता दें कि ये मंदिर द रिजर्व बैंक ऑफ रोकड़िया हनुमान के नाम से इलाके में प्रसिद्ध है. यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. बताया जाता है कि यहां चमत्कारी हनुमान जी की प्रतिमा में एक जेब में हाथ डालकर लोग अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे निकालते थे और आवश्यकता पूरी होने के बाद भगवान को लौटा दिया करते थे. वर्तमान में भी यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं और हनुमान जी उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं.

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मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भंवरलाल कुमावत ने बताया कि हनुमान जयंती उत्सव पर बुधवार को होने वाले सभी कार्यक्रम पहले से ही रद्द कर दिए गए हैं. केवल प्रतीकात्मक तौर पर हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया है. करीब 56 साल के इतिहास में पहली बार हनुमान जयंती के दिन मंदिर में कोई भी आयोजन नहीं हुए है. हर साल मंदिर में हनुमान जयंती के दिन विशाल मेले का भी आयोजन होता है.

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