प्रतापगढ़. वर्तमान में लोग जहां बिजली, पानी, सड़क के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते. वहीं प्रतापगढ़ जिले का एक गांव आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए लड़ रह है. जिले के छोटी सादड़ी उपखंड मुख्यालय से महज 22 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पिलिखेड़ा के गांव कठेड़ में आज भी लोग बिजली, पानी जैसे सुविधाओं के बिना जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
बता दें कि इस गांव में लगभग 40 घर हैं. जिनमें 300 से ज्यादा ग्रामीण रहते हैं, जो इस गांव में 35 वर्षों से निवासरत हैं. इनमें से कईयों के तो राशन कार्ड तक भी नहीं बने हैं और ना ही इन्हें मतदान करने का अधिकार दिया गया है. आजादी के 73 वर्षों के बाद भी यह गांव बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इस गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए एक प्राथमिक विद्यालय भी बना हुआ है. जिसमें एक अध्यापक की नियुक्ति भी है. यह अध्यापक प्रतिदिन उपखंड मुख्यालय से गांव की कच्ची सड़क पगडंडी मार्ग से आता जाता है. यह मार्ग नगर को गांव से जोड़ने का मुख्य मार्ग है.
गड्ढा खोदकर पानी पीने को मजबूर
ग्रामवासियों ने बताया कि गांव के लोग आज भी गांव के पास से गुजर रहे नाले के पास गड्ढा खोदकर पानी पीने को मजबूर हैं. साथ ही पानी एकत्रित कर सहेज कर अन्य कार्यों में उपयोग करते हैं. बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण सूर्यास्त होने से पहले ही सभी अपने घरों में चले जाते हैं और सूर्योदय होने के बाद ही घर से बाहर निकलते हैं.
जंगली जानवरों का बना रहता है खतरा
उन्होंने बताया कि सीता माता वन अभ्यारण जंगल पास होने के कारण कई जंगली जानवरों का खतरा भी गांव में मंडराता रहता है. ग्रामवासियों ने कई बार गांव में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनप्रतिनिधि सरपंच सचिव को अवगत करवाया, लेकिन हमेशा कोई ना कोई बहाना बना कर कार्य को टाल दिया गया. जबकि गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव मामा देव और रेठा में प्रशासन की ओर से बिजली, पानी और सड़क की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
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चुनावों के समय में जहां एक ओर राजनीतिक दलों के नेता हर गांव में बिजली, पानी की सुविधाएं मुहैया कराने का ढिंढोरा पीटते नजर आते हैं. वहीं दूसरी ओर इस गांव के हालात देखकर यहां के राजनीतिक दलों का जनता के प्रति स्नेह का प्रमाण देखा जा सकता है.