प्रतापगढ. प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा, जिला प्रमुख इंद्रा देवी मीणा और सरपंच संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बुधवार को प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर जनप्रतिनिधियों, सरपंच संगठनों के प्रतिनिधियों, श्रमिकों एवं आमजन ने केंद्र सरकार की मनरेगा (Protest in Pratapgarh for mgnrega) संबंधी नीतियों के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली गई. जिला प्रवक्ता व विधायक मीडिया मोहित भावसार ने बताया कि सुखाड़िया स्टेडियम से मनरेगा श्रमिकों ने एकत्र होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचकर जन आक्रोश रैली के रूप में अपनी 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन पीएम नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास एवम पंचायती राज मंत्री के नाम सौंपा कलेक्टर को सौंपा.
ज्ञापन के जरिए मनरेगा योजना अंतर्गत वर्तमान में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए पांच सूत्री मांगें रखी गईं. विधायक रामलाल मीणा ने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में आदिवासी क्षेत्र में ऑनलाइन हाजिरी बंद होना, सामग्री का भुगतान समय पर होना और अन्य योजनाओं के तहत कार्य स्वीकृत होते ही आधी राशि एडवांस पंचायत के खाते में ट्रांसफर होना, नरेगा के तहत होने वाले कार्यों की बार-बार जांच बंद करवाना समेत अन्य मांगों को लेकर शिकायत की है. विधायक मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा को ख़त्म करने में लगी हुई है. आदिवासी क्षेत्र में कई जगह मोबाइल टावर ही नहीं है, ऐसे में ऑनलाइन हाजरी कैसे भरी जाए. इस स्थिति में श्रमिकों के खाते में पैसे नहीं आ रहे हैं और उन्हें आर्थिक नुक्सान हो रहा है.
विधायक रामलाल मीणा ने कहा कि नरेगा गरीबों के जीवन का आधार है, इसे हम खत्म नहीं होने देंगे. आदिवासी क्षेत्र में ऑनलाइन हाजरी बंद हो, मेट मिस्त्री का पेमेंट श्रमिकों की तरह ही पखवाड़ा खत्म होते ही उनके खाते में ट्रांसफर हो, डेढ़ वर्ष से रुका मटेरियल पेमेंट का तुरंत भुगतान होने संबंधी कई मांगें उन्होंने रखी.