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प्रतापगढ़ : पत्नी को जिंदा जलाकर मारने वाले पति को 10 साल की सजा, 20 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला - प्रतापगढ़ न्यूज

जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक सुरोलिया ने फैसला सुनाते हुए गोविंदलाल मीणा निवासी बरखेडा थाना छोटी सादड़ी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. आरोपी गोविंद ने अपनी पत्नी केसरबाई को जिंदा जलाकर हत्या कर दी थी.

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गोविंदलाल मीणा निवासी बरखेडा थाना छोटीसादडी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई.
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Published : Nov 12, 2020, 4:42 PM IST

प्रतापगढ़. पत्नी को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारने वाले पति को 20 साल बाद 10 साल की सजा ( Court 10 years Sentenced to Husband ) सुनाई गई. साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक सुरोलिया ने फैसला सुनाते हुए गोविंदलाल मीणा निवासी बरखेडा थाना छोटीसादडी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. आरोपी गोविंद ने अपनी पत्नी केसरबाई को जिंदा जलाकर हत्या कर दी थी.

यह भी पढ़ें: जयपुर बम ब्लास्ट में मारे गए हीरालाल की बेटी की शादी के लिए सरकार ने दी 2 लाख की सहायता

पत्नी ने दिया था बयान...

6 मार्च 1999 को केसरबाई ने रेफरल अस्पताल छोटीसादडी में तत्कालीन तहसीलदार छोटीसादडी के समक्ष बयान दिया था. मरने से पहले उसने अपने पति गोविंद पर जलाने का आरोप लगाया था. उपचार के दौरान पीड़िता की मौत हो गई. पीड़िता के पिता ने छोटीसादडी में अस्पताल में ही रिपोर्ट दी थी. मामला 1999 से कोर्ट में लंबित चल रहा था. काफी प्रयासों के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया. अभियोजन की ओर से मामले को साबित करने के लिए एपीपी ललित कुमार भावसार ने 10 गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया.

प्रतापगढ़. पत्नी को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारने वाले पति को 20 साल बाद 10 साल की सजा ( Court 10 years Sentenced to Husband ) सुनाई गई. साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक सुरोलिया ने फैसला सुनाते हुए गोविंदलाल मीणा निवासी बरखेडा थाना छोटीसादडी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. आरोपी गोविंद ने अपनी पत्नी केसरबाई को जिंदा जलाकर हत्या कर दी थी.

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पत्नी ने दिया था बयान...

6 मार्च 1999 को केसरबाई ने रेफरल अस्पताल छोटीसादडी में तत्कालीन तहसीलदार छोटीसादडी के समक्ष बयान दिया था. मरने से पहले उसने अपने पति गोविंद पर जलाने का आरोप लगाया था. उपचार के दौरान पीड़िता की मौत हो गई. पीड़िता के पिता ने छोटीसादडी में अस्पताल में ही रिपोर्ट दी थी. मामला 1999 से कोर्ट में लंबित चल रहा था. काफी प्रयासों के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया. अभियोजन की ओर से मामले को साबित करने के लिए एपीपी ललित कुमार भावसार ने 10 गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया.

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