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प्रतापगढ़: लॉकडाउन के तहत पुलिस ने दुकानों को कराया बंद, अभियान के रूप में काम कर रहा स्वास्थ्य विभाग - प्रतापगढ़ खबर

राज्य में लॉक डाउन के बाद भी प्रतापगढ़ जिले में सोमवार को कुछ दुकानें खुली नजर आईं. जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें बंद करवाया. वहीं दूसरी ओर मुंगाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक ही डाक्टर होने से कोरोना को लेकर होने वाले मेडिकल चेकअप में काफी दिक्कतें आ रही हैं.

प्रतापगढ़ में लॉक डाउन, lock down in pratapgarh
प्रतापगढ़ में लॉक डाउन
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Published : Mar 23, 2020, 3:32 PM IST

प्रतापगढ़. कोरोना वायरस को लेकर राज्य में 31 मार्च तक जारी लॉक डाउन के चलते जिले के पारसोला थाना अधिकारी मोहन सिंह चंद्रावत और चौकी स्टाफ ने मुंगाना, पारसोला, बोरिया कस्बे की सभी दुकानों को बंद करवाया. साथ ही लोगों से कोरोना महामारी से बचने के लिए अपने घरों में रहने की अपील की.

लॉक डाउन के तहत पुलिस ने दुकानों को कराया बंद

जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 31 मार्च तक लॉक डाउन के बावजूद मुंगाना, पारसोला, बोरिया कस्बे में अधिकांश दुकानें खुली हुई थीं. पुलिस ने सभी खुली दुकानों और होटलों को बंद करवाया. दूसरी ओर जिले के मुंगाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक ही डाक्टर होने से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां कुवैत, बहरीन, कतर, दुबई के लोग सबसे ज्यादा हैं.

पढ़ें: CORONA संक्रमण के खिलाफ गहलोत सरकार का कदम स्वागत योग्य : कटारिया

कोरोना संकट को देखते हुए अहमदाबाद, मुंबई और सूरत में रह रहे लोग भी रोजगार छोड़ कर, अपने गांव लौट रहे हैं. मुंगाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर 8 सब सेंटर है, जिस पर सिर्फ तीन एनएम हैं. यहां पर कुवैत, सऊदी दुबई, बेहरीन और नजदीकी सीमावर्ती गुजरात से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करनी पड़ती है. ग्रामवासियों ने कोरोना महामारी को देखते हुए, यहां तुरंत स्टाफ और डॉक्टरों की कमी पूरी करने की मांग की है.

प्रतापगढ़. कोरोना वायरस को लेकर राज्य में 31 मार्च तक जारी लॉक डाउन के चलते जिले के पारसोला थाना अधिकारी मोहन सिंह चंद्रावत और चौकी स्टाफ ने मुंगाना, पारसोला, बोरिया कस्बे की सभी दुकानों को बंद करवाया. साथ ही लोगों से कोरोना महामारी से बचने के लिए अपने घरों में रहने की अपील की.

लॉक डाउन के तहत पुलिस ने दुकानों को कराया बंद

जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 31 मार्च तक लॉक डाउन के बावजूद मुंगाना, पारसोला, बोरिया कस्बे में अधिकांश दुकानें खुली हुई थीं. पुलिस ने सभी खुली दुकानों और होटलों को बंद करवाया. दूसरी ओर जिले के मुंगाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक ही डाक्टर होने से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां कुवैत, बहरीन, कतर, दुबई के लोग सबसे ज्यादा हैं.

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कोरोना संकट को देखते हुए अहमदाबाद, मुंबई और सूरत में रह रहे लोग भी रोजगार छोड़ कर, अपने गांव लौट रहे हैं. मुंगाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर 8 सब सेंटर है, जिस पर सिर्फ तीन एनएम हैं. यहां पर कुवैत, सऊदी दुबई, बेहरीन और नजदीकी सीमावर्ती गुजरात से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करनी पड़ती है. ग्रामवासियों ने कोरोना महामारी को देखते हुए, यहां तुरंत स्टाफ और डॉक्टरों की कमी पूरी करने की मांग की है.

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