प्रतापगढ़. प्रदेश में हर साल होने की जाने वाली वन्यजीवों की गणना इस बार ज्यैष्ठ पूर्णिमा पर 5 जून को की जाएगी. जो सुबह 8 बजे से दूसरे दिन सुबह 8 बजे तक होगी. इसके लिए प्रमुख वॉटर हॉलों पर ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे. जिस वॉटर हॉल पर अधिक संख्या में वन्यजीव आते है, वहां पर ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे. इसके अलावा लॉकडाउन के कारण विभाग की ओर से कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी ऑन लाइन दिया गया है. इसके लिए विभाग की ओर से सभी तैयारियां शुरू कर दी गई है.
ट्रेप कैमरे और जीपीएस का होगा इस्तमाल
इस बार वन विभाग ने गणना के तरीके में बदलाव किया है. इस साल की गणना रेंज की बजाय बीट स्तर पर गणना की जाएगी. इसके साथ ही संबंधित वॉटर हॉल पर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही जिन वॉटर हॉलों पर ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे, उनके जीपीएस कोऑर्डिनेट्स लिए जाएंगे.
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टैंकर से भरे जाएंगे वॉटर हॉल
इस साल गर्मी की अधिकता को देखते हुए विभाग ने पानी की उपलब्धता पर अधिक जोर दिया है. जिन वॉटर हॉलों पर अमुमन वन्यजीव आते है, वहां पानी नहीं होने की स्थिति में टैंकर से पानी भरवाय जाएगा. इसके लिए प्राकृतिक जल स्त्रोतों के पास जल भराव का कार्य भी किया जाएगा.
गौरतलब है कि, वन्यजीव 24 घंटे में एक बार पानी पीने के लिए जरूर आते हैं. इसलिए वॉटर प्वाइंट पर टीम को तैनात गणना को लेकर जीवों की सूची जारी की है. इस सुची में बाघ, बघेरा, सियार, गीदड़, जरख, जंगली बिल्ली, बिज्जू, सूअर, चौसिंगा, रोजड़ा, सेही, उड़न गिलहरी, सारस, गिद्ध, जंगली मुर्गा, मगर, मोर सहित 35 वन्यजीवों को शामिल किया गया है. वन्यजीव गणना को लेकर वन विभाग की ओर से और भी आवश्यक सभी प्रकार की तैयारियां की जा रही हैं.
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बता दें कि, पिछले साल वन विभाग की ओर से वॉटर हॉल आधारित वन्यजीव गणना 72 प्वाइंटों पर की गई थी. वॉटर हॉल पद्धति से पूर्णिमा के दिन पूरे प्रदेश में प्राकृतिक रोशनी के बीच वन्यजीवों की गणना का कार्य किया गया था. इस बार विभाग की ओर से 70 वॉटर हॉल बनाए गए. अधिक वन्यजीवों के पहुंचने वाले वॉटर हॉल पर विशेष नजर के लिए ट्रैप कैमरे लागए जाएंगे.