जैतारण (पाली). कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में वो लगातार सरकार से काम देने की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के तत्वावधान में गुरुवार को कलालिया ग्राम पंचायत की महिला मनरेगा श्रमिकों ने कार्यवाहक ग्राम विकास अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा. जिसमें उन्होंने 200 दिन का रोजगार और औजार भत्ता दिलाने की मांग की है.
श्रमिकों ने ज्ञापन में बताया कि कोविड-19 से हमारा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया लड़ रही है. कोरोना की रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन के कारण लोगों का काम-धंधा सब चौपट हो गया है. जिसकी वजह से प्रवास में काम कर रहे लोग अपने गृह प्रदेश लौटने लगे हैं. वहीं, प्रदेश में भी ऐसे करीब 15 लाख लोग थे जो दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे थे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के पास मनरेगा के अलावा काम का कोई विकल्प नहीं है. राजस्थान में अभी मनरेगा योजना के तहत 50 लाख से अधिक मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं. इनमें से अधिकतर की 100 दिन की अवधि इस महीने के अंत या अगले महीने तक पूरी हो जाएगी. जिसके बाद करने के लिए उनके पास कोई काम नहीं रहेगा. जबकि अभी इस वित्तीय वर्ष के आठ महीने बाकी हैं. संकट की इस घड़ी में मनरेगा देश की अर्थव्यवस्था और गरीबों के लिए जीवनदायी साबित हुई है. इससे न केवल लोगों को रोजगार मिल रहा है बल्कि स्थाई संपत्ति का निर्माण भी साथ-साथ किया जा रहा है. ऐसे में सभी श्रमिकों ने मनरेगा में 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन और 20 रुपए प्रतिदिन औजार भत्ता दिलाने की मांग की है.
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इस दौरान कलालिया ग्राम पंचायत की महिला मनरेगा श्रमिक हाथों में बैनर लिए 'हम सब एक हैं', 'नारी शक्ति जिंदाबाद', 'हमारी मांगें पूरी करो', '200 दिन का रोजगार दो' और 'औजार भत्ते की मांग पूरी करो' के नारे लगाते हुए रैली निकालकर ग्राम पंचायत कार्यालय में पहुंची. जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कार्यवाहक ग्राम विकास अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा.