पाली. पूरे देश पर इस वक्त कोरोना की मार है. जिसकी वजह से देश में लॉकडाउन 2.0 जारी है. इस लॉकडाउन में होने वाली परेशानी से सबसे ज्यादा गरीब वर्ग चपेट में है. कुछ ऐसी ही स्थिति पाली जिले के रोहट की पूर्व प्रधान रेशमा नायक की है. जी हा ये वहीं रेशमा नायक है जिनकी बदहाली की खबर ईटीवी भारत पहले भी प्रकाशित कर चुका है.
एक वक्त था जब रेशमा रोहट की प्रधान के पद पर थी, जिसने पांच साल में 75 करोड़ के चेकों पर साइन किए, आज वो महिला अपने बच्चों का पेट पालने के लिए इधर से उधर चक्कर लगा रही है. बता दें कि 10 साल पहले तक जिस महिला को प्रधान मानते हुए उसकी आवभगत की जा रही थी. वही 35 वर्षीय महिला आज अपने बच्चों का पेट भरने के लिए पाली जिला कलेक्ट्रेट के बाहर राहत सामग्री पाने के लिए भटकती नजर आ रही है. यह 35 वर्षीय रेशमा नायक के साथ हो रहा है. जो पिछले पांच साल से गरीबी में ही जीवन बीता रही है.
आपको बता दें कि रेशमा नायक साल 2010 से 2015 तक रोहट की प्रधान रह चुकीं हैं. उस दरमियान गहलोत सरकार प्रदेश में सत्ता धारी थी. उसके बाद रेशमा अपने परिवार के साथ मोदी भाकरी रहती थी. लेकिन पारिवारिक झगड़े के चलते उसके पति ने रेशमा और उसके 5 बच्चों को घर से निकाल दिया. ऐलेकिन रेशमा ये हालत कैसे हुई. दरअसल पारिवारिक झगड़े की वजह से रेशमा को उसके पति ने उसके 5 बच्चों सहित घर से बेघर कर दिया.
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ऐसे में रेशमा पाली शहर के कृष्णा नगर क्षेत्र में अपने माता-पिता के घर के पास ही एक कच्ची झोपड़ी बनाकर रहने लगी और मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पाल रही थी. कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन की वजह से वह मजदूरी पर भी नहीं जा पाई. ऐसे में रविवार को वह अपने बच्चों भूख को देखते हुए जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में राहत सामग्री टिकट लेने के लिए लाइन में खड़ी नजर आई.
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ईटीवी भारत पर रेशमा की खबर दिखाने के बाद रविवार को कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रदेश सचिव सुरबाला काला, पाली विधायक ज्ञानचंद पारख, पाली नगर परिषद सभापति रेखा राकेश भाटी व कांग्रेस नेता महावीर सिंह सुकलाई सहित कई भामाशाह ने रोहट की पूर्व प्रधान रेशमा की मदद के लिए उसकी झोपड़ी पर पहुंचे. रेशमा नायक की इस बदहाल स्थिति को दिए सभी जनप्रतिनिधियों ने काफी अफसोस भी जताया. मगर पिछले एक माह से लॉकडाउन होने के बाद मजदूरी नहीं मिल रही है और पाई-पाई के लिए मोहताज हो गई है. अब तो सरकार पर ही आस है कि वह उसे व उसके बच्चों के पुर्नवास के लिए कोई मदद करे.