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तौकते तूफान: अरब सागर में डूबे पाली के दो सगे भाई, एक का शव मिला...दूसरा अब भी लापता

चक्रवाती तूफान तौकते की वजह से पाली के दो सगे भाई अरब सागर के पानी में डूब गए. इस हादसे के बाद एक भाई के शव को ढूंढ लिया गया, जबकि दूसरे भाई के शव की तलाश जारी है. वहीं, शनिवार को एक भाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

Pali two brothers drowned in Arabian Sea,  Tauktae Storm
अरब सागर में डूबे पाली के दो सगे भाई
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Published : May 23, 2021, 8:07 PM IST

पाली. तौकते तूफान का सबसे ज्यादा असर तटवर्ती क्षेत्र मुंबई में हुआ है, लेकिन इसकी गाज पाली पर भी गिरी है. मुंबई में ओएनसीजी जहाज पर काम करने वाले रानी कस्बे के समीप सालरिया गांव के दो भाई इस नाव में डूब गए. इस हादसे के बाद एक भाई के शव को ढूंढ लिया गया है. वहीं 6 दिन बाद दूसरा भाई अभी तक लापता है. शनिवार देर शाम को एक भाई का शव उसके गांव पहुंचा. जहां गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार किया.

पढ़ें- कोरोना में राजस्थान के 4 लाख पेंशनर्स को राहत, बिना एनएसी अब मेडिकल स्टोर से खरीद सकेंगे दवा

जानकारी के अनुसार रानी के समीप सालरिया गांव निवासी उदाराम मेघवाल के दो बेटे अमराराम और छोटा बेटा पप्पू राम मजदूरी के लिए काफी समय पहले मुंबई गए थे. वह दोनों जहाज पर काम करते थे. बताया जा रहा है कि 15 साल से उसका बड़ा बेटा अमराराम जहाज पर सुपरवाइजर था. 10 साल से उसका छोटा बेटा वेल्डरमैन का काम कर रहा था.

17 मई को दोनों जहाज पर 216 लोगों के साथ सवार थे. चक्रवात में यह जहाज डूब गया. जहाज में अब तक 188 लोगों को सलामत निकाला जा चुका है. 60 शव निकाले जा चुके हैं. उस तूफान में सालरिया गांव के दोनों भाई भी खो गए. इसमें से पप्पू राम का शव मिल चुका है. लेकिन अमराराम का शव 6 दिन बाद भी नहीं मिला है, जिसकी तलाश जारी है. शनिवार देर शाम को पप्पूराम का शव झालरिया गांव लाया गया था, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया.

पाली. तौकते तूफान का सबसे ज्यादा असर तटवर्ती क्षेत्र मुंबई में हुआ है, लेकिन इसकी गाज पाली पर भी गिरी है. मुंबई में ओएनसीजी जहाज पर काम करने वाले रानी कस्बे के समीप सालरिया गांव के दो भाई इस नाव में डूब गए. इस हादसे के बाद एक भाई के शव को ढूंढ लिया गया है. वहीं 6 दिन बाद दूसरा भाई अभी तक लापता है. शनिवार देर शाम को एक भाई का शव उसके गांव पहुंचा. जहां गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार किया.

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जानकारी के अनुसार रानी के समीप सालरिया गांव निवासी उदाराम मेघवाल के दो बेटे अमराराम और छोटा बेटा पप्पू राम मजदूरी के लिए काफी समय पहले मुंबई गए थे. वह दोनों जहाज पर काम करते थे. बताया जा रहा है कि 15 साल से उसका बड़ा बेटा अमराराम जहाज पर सुपरवाइजर था. 10 साल से उसका छोटा बेटा वेल्डरमैन का काम कर रहा था.

17 मई को दोनों जहाज पर 216 लोगों के साथ सवार थे. चक्रवात में यह जहाज डूब गया. जहाज में अब तक 188 लोगों को सलामत निकाला जा चुका है. 60 शव निकाले जा चुके हैं. उस तूफान में सालरिया गांव के दोनों भाई भी खो गए. इसमें से पप्पू राम का शव मिल चुका है. लेकिन अमराराम का शव 6 दिन बाद भी नहीं मिला है, जिसकी तलाश जारी है. शनिवार देर शाम को पप्पूराम का शव झालरिया गांव लाया गया था, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया.

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