जैतारण (पाली). वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने सेन्दड़ा वन क्षेत्र में वृक्षारोपण मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच की बात कही है. वन मंत्री सांचौर से जयुपर लौटते हुए रास्ते में सेन्दड़ा वन विभाग के गेस्ट हाउस में रुके थे. जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उन्होंने मुलाकात की.
वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता सतीश पालीवाल ने मंत्री को बताया कि वन क्षेत्र के चारों ओर दीवार नहीं होने से आए दिन जंगली जानवरों के हमले का खतरा बना रहता है. ईटीवी भारत से बातचीत में मंत्री विश्नोई ने कहा कि वृक्षारोपण मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. जिले के केसरपुरा गांव में 23 जून को एक भालू रिहायशी इलाके में आ गया था. भालू को देखते ही आसपास के ग्रामीण डर गए. ग्रामीणों ने एकजुटता से लाठियों से भालू को पहाड़ी की ओर भगाया.
पढ़ें: चित्तौड़गढ़: 50 हजार की रिश्वत लेते विकास अधिकारी को ACB ने किया गिरफ्तार
सेन्दड़ा वन विभाग का चांग वनखंड घना वन क्षेत्र है. जहां आए दिन जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में प्रवेश करते रहते हैं. भालू व पैंथर का आबादी में प्रवेश करने से ग्रामीणों में शाम ढलते ही भय व्याप्त हो जाता है. कई बार जंगली जानवर किसानों पर भी हमला कर चुके हैं. वहीं कई बार जंगली जानवर वन क्षेत्र के बीच से गुजर रही रेलवे लाइन व राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वयं हादसे के शिकार हो जाते हैं.
वर्ष 2013-14 और 2015-16 में क्षेत्र के रास व सुमेल प्रतापगढ़ वन क्षेत्र में पौधरोपण को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायत पर उच्चस्तरीय जांच हुई थी. जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर तीन दिन तक पौधों का भौतिक सत्यापन भी किया था. लेकिन इस मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है.