पाली. लोगों को रोजगार देने में पाली का कपड़ा उद्योग पूरे देश में जाना जाता है. यहां का चूड़ी उद्योग अब लोगों को रोजगार देने में किसी भी प्रकार की कसर नहीं छोड़ रहा है. पाली का चुड़ी उद्योग धीरे-धीरे अपनी पहचान देश और विदेश में बनाता जा रहा है. ये उद्योग आसपास के जिलों के लोगों को भी अब रोजगार के नए आयाम से जोड़ने लगा है. हर दिन पाली के उद्योग से 5 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है.
पिछले 10 सालों में पाली के चुड़ी उद्योग ने अपनी अलग पहचान बनाई है. अलग-अलग रंगों एवं मोतियों को बुनने में यहां के लोगों ने अब महारत हासिल कर दी है. जब भी बेहतरीन बुनाई वाली चूड़ियों की बात होती है तो एक नाम पाली के चूड़ी उद्योग का भी महिलाओं के मुंह पर आ जाता है.
पाली में 1500 से ज्यादा छोटी चूड़ी की फैक्ट्रियां-
वर्तमान में पाली में 1500 से ज्यादा छोटी चूड़ी की फैक्ट्रियां चल रही हैं जिन से 5 से 7 हजार लोगों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है. इस चूड़ी उद्योग से महिलाओं को सबसे ज्यादा रोजगार मिला है. हर दिन पाली शहर में रहने वाली एक महिला 200 से 250 चूड़ियों पर कुंदन की बुनाई कर देती है. फैंसी स्टोर पर सजी यहां चूडियां ग्राहकों को खूब लुभाती हैं.
यहां के लोगों का कहना है कि पाली में कुछ दिन पहले तक रोजगार का एकमात्र साधन यहां का कपड़ा उद्योग ही था. यहां महिला एवं पुरुष सभी के लिए अलग-अलग और रोजगार के आयाम थे. पुरुष जहां पर रंगाई छपाई का काम करते थे तो वहीं महिलाएं इस कपड़े की धुलाई होने के बाद इसे सुखाने का काम करती थी. धीरे-धीरे कपड़ा उद्योग का रंग फीका पड़ने पर महिलाएं एवं पुरुष बेरोजगार होने लगे.
बेरोजगारी के बीच पाली में शुरू हुए चूड़ी उद्योग ने बेरोजगारों को एक बार फिर से रोजगार दे दिया. अब पाली के कई मोहल्लों में महिलाएं दिन भर अपने घर में ही इन चूड़ियों पर कुंदन लगाकर अपने रोजगार से घर की आर्थिक स्थिति में मदद कर रही है.
पाली शहर में चूड़ी उद्योग से जुड़े व्यापारियों की मानें तो यहां पर लोग धीरे धीरे कुंदन लगाने में हुनरमंद हो चुके हैं और अभी भी लोग सीख रहे हैं. यहां के लोगों द्वारा चूड़ी पर लगाए गए हीरो और कुंदन की डिजाइन देश के बड़े शहरों की महिलाओं को काफी लुभा रही है.