पाली. जरूरतमंद को भोजन कराना और उसकी सेवा करना जीवन का सबसे बड़ा पुण्य होता है. इस कार्य के लिए हर व्यक्ति आगे होता है, ताकि कोई व्यक्ति भूखा ना सोए. इसी उद्देश्य से पाली में रोटी बैंक की शुरुआत की गई. रोटी बैंक का उद्देश्य है कि पाली शहर में कोई भी व्यक्ति रोटी के लिए दर-दर न भटके. हर जरूरतमंद को दो वक्त की रोटी मिल पाए.
पाली के कुछ भामाशाहों ने 7 माह पहले कोरोना संकट के समय रोटी बैंक संस्थान की शुरुआत की थी. लेकिन, अब धीरे-धीरे इस रोटी बैंक ने जरूरतमंदों के लिए भंडारा लगाना शुरू कर दिया है. रोटी बैंक के जरिए गरीब भूखे लोगों को गुणवत्ता युक्त दो सब्जी, रोटी और चावल उपलब्ध कराए जाते हैं.
श्रमिकों को देखकर पसीजा दिल...
7 माह पहले जब कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन लगाया गया था. पाली के कपड़ा उद्योग में काम करने वाले हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए थे. यातायात का कोई साधन नहीं था, ऐसे में मजदूर सड़कों पर पैदल ही अपने घरों की ओर रवाना हो गए थे. संक्रमण के डर के चलते कोई भी इन मजदूरों की मदद करने को तैयार नहीं था, तभी पाली के कुछ लोगों ने मिलकर रोटी बैंक की शुरुआत की. रोटी बैंक के जरिए रोटी के पैकेट हाईवे से गुजर रहे जरूरतमंद, मजदूरों को बांटे गए. उनके लिए भोजन की व्यवस्था शुरू की गई.
लोगों के साथ अब मवेशियों की मदद...
कोरोना संकट में शुरू हुआ रोटी बैंक अब हर गरीब और असहाय लोगों की भूख मिटा रहा है. भामाशाहों ने इस कार्य को और भी आगे बढ़ाया गया. लोगों की मदद करते-करते इन लोगों ने बेसहारा मवेशियों की मदद भी शुरू कर दी. उनके लिए भी रोटी के पैकेट बनाकर पूरे पाली शहर में बांटे जाते हैं. अब रोटी बैंक की ओर से नई पहल करते हुए शहर के लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जन्मदिन हो या पुण्यतिथि लोगों से अपील की जा रही है कि व्यर्थ खर्चा करने के बजाय आप इन जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करें. लोग भी इनकी मदद के लिए आगे आए हैं. रोटी बैंक की ओर से सप्ताह में 1 दिन लंगर का आयोजन किया जा रहा है. इस लंगर के तहत रोटी बैंक के कार्यकर्ता पाली शहर के सभी मुख्य चौराहों पर सब्जी, चावल, रोटी और बर्तन लेकर जरूरतमंदों को भोजन परोसते हैं.
हर रोज बांटी जाती है 1 हजार से ज्यादा रोटी...
रोटी बैंक के कार्यकर्ताओं ने बताया कि संस्था की ओर से सप्ताह में एक बार जरूरतमंद लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था की जा रही है. पूरे सप्ताह में प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा रोटी एक समय बनाकर जरूरतमंद लोगों को बांटी जा रही है. इसके लिए सारी व्यवस्था फिलहाल रोटी बैंक से जुड़े हुए कार्यकर्ता अपने स्तर पर ही कर रहे हैं.
रोटी बनाने के लिए दान की मशीन...
रोटी बैंक के कार्यकर्ताओं ने बताया कि एक समय में 1000 से ज्यादा रोटी बनाने में काफी समय लग जाता था. लेकिन, प्रतिदिन यह सामाजिक सरोकार करना जरूरी है. ऐसे में कार्यकर्ताओं की मेहनत को देखते हुए एक भामाशाह ने रोटी बैंक को रोटी बनाने की मशीन दी, जो करीब 2 घंटे में एक हजार से ज्यादा रोटी तैयार कर निकालती है. कार्यकर्ताओं की टीम पूरे शहर में घूम कर लोगों को रोटी के पैकेट बांटती हैं.