पाली. शहर के सरदार समंद मार्ग पर पिंजरापोल गौशाला के समीप किसानों को जानवर नजर आए थे, जिसके बाद वन विभाग के रेस्क्यू टीम को उनका सुराग नहीं मिला. लेकिन कुछ समय बाद उस जानवर ने हाउसिंग बोर्ड साईं बाबा मंदिर के पिछे सुनसान जंगल में चराई के लिए आए मवेशियों पर हमला बोल दिया. इस दौरान पशुपालक ने किसी तरह से दौड़ कर अपनी जान बचाई.
मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय वन अधिकारी जवान सिंह दल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद किसानों से भी बात की. किसानों का कहना है कि हमला करने वाला जानवर धारीदार होने के साथ ही उसका मुहं गोल तथा बड़ा था. वहीं वन विभाग ने मौके से जानवर के पगमार्क के नमूने लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा गया है.
पाली डीएफओ गौरव गर्ग का कहना है कि जानवर संभवत जरख हो सकता है. उन्होंने सतर्कता बरतने और रात में अकेले घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. जानकारी के अनुसार रोहट में 6 दिन पहले पैंथर दिखने की आशंका के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया था. उसके बाद से ही वहां पर रेस्क्यू किया जा रहा है.
क्या है मामला...
दरअसल, सोमवार रात को पिंजरापोल के समीप एक किसान सेसाराम बावरी तथा उसकी पत्नी अलाव ताप रहे थे, तभी खेत में बड़ा जानवर नजर आया. उन्होंने बताया कि वह जानवर पैंथर ही था. अलाव में चारा डालकर आग को तेज करने के बाद जानवर वहां से भाग गया था. इस मामले में पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा को सूचना मिलने पर उन्होंने डीएफओ को इस बारे में बताया था.
उसके बाद क्षेत्रीय वन अधिकारी की अगुवाई में देर रात को ही रेस्क्यू शुरू किया गया. इसके बाद भी जानवर के बारे में पता नहीं चल पाया. वहीं मंगलवार को शैतान राम देवासी हाउसिंग बोर्ड साईं बाबा मंदिर के पिछ जंगल में अपना रेवड़ चढ़ाने के लिए गया था. मवेशियों के चरते वक्त एक जानवर वहां पहुंचा और एक बकरी को गर्दन पकड़ लिया.
इसे देखकर पशुपालक ने वहां से किसी तरह से दौड़ कर अपनी जान बचाई. इस बारे में जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. मौके पर मिले जानवरों के नमूने लिए गए. डीएफओ गर्ग ने बताया शुरुवाती नजर में यह जानवर पैंथर नहीं होने की बात सामने आई है, फिर भी जानवर के पगमार्क विशेषज्ञों के पास जांच के लिए भेजे गए हैं.