मारवाड़ जंक्शन (पाली). वृक्ष धरा का भूषण, दूर करे प्रदूषण. इस जुमले की वास्तविक सच्चाई को समझा है, मारवाड़ जंक्शन निवासी बांसोर पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य तुलसाराम ने. आज जहां एक तरफ धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई कर पर्यावरण को प्रदूषित करने की कोशिश की जा रही है. वहीं तुलसाराम पर्यावरण संरक्षण के लिए मिसाल बन गए हैं. पहले उन्होंने स्कूल में बच्चों को शिक्षा प्रदान किया और अब स्कूल परिसर में एक खुद की मेहनत से एक बगिया बना दी है. जिसकी देखभाल कर रहे हैं.
अकेले ही बदल दी स्कूल की तस्वीर
तुलसाराम बागरेचा मारवाड़ जंक्शन के रहने वाले हैं. जो पंचायत समिति के मगरा क्षेत्र की बांसोर पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं. तुलसाराम ने महज दो महीनों में विद्यालय में बच्चों के लिए एक फुलवारी तैयार कर दी है. जिसे उन्होंने स्वयं के खर्चे और खुद के हाथों से बनाया है.
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परिसर में बनवाया पक्षियों का परिंदा
इस फुलवारी को देखकर ऐसा लगता है जैसे आप किसी शहर के गार्डन में घूम रहे हो. प्रधानाचार्य तुलसाराम की ड्यूटी कोरोना वॉरियर के तौर पर लगाई गई है. लेकिन इसके अलावा वे 2 घंटे रोजाना विश्वविद्यालय को दे रहे हैं. दिन को दो घंटे वे फुलवारी की निराई, गुड़ाई और सीमेंट से दीवार तैयार करने में लगाते हैं. तुलसाराम ने बगिया के अलावा विद्यालय परिसर में पक्षियों के लिए परिंदा भी लगाया है.
इस विधायक से मिली प्रेरणा
प्रधानाचार्य तुलसाराम बताते हैं कि दिसंबर 2019 को जोड़किया विद्यालय में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान पीएबी निर्मित कक्षा कक्षों के लोकार्पण समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक खुशवीर सिंह जोजावर आए थे. उस दौरान उन्होंने कहा था कि विद्यालय में वृक्षारोपण तो शानदार है, लेकिन बगीचा नहीं है. एक ऐसा बगीचा हो जो राह चलते व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर खींच ले. विधायक के विचारों और उनकी प्रेरणा से ही मैंने ठान लिया कि विद्यालय के लिए फुलवारी तैयार करनी है.
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तुलसाराम विद्यालय में पीईईओ (पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी) के तौर पर काम करते हैं. जो ग्राम पंचायत बासोर में आती है. जिसमें 11 राजस्व गांव और 23 खेड़ा है और पीईईओ अधीन 14 विद्यालय आते हैं. तुलसाराम इन दिनों कोरोना से लोगों को बचाने में और सभी तरह की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं. जैसे मीटिंग लेना, घर-घर सर्वे कार्य करवाना, राशन वितरण, भोजन कीट की व्यवस्था करने का काम कर रहे हैं. ऐसे में पर्यारवण की रक्षा कर तुलसाराम समाज में अपनी दोहरी भूमिका निभा रहे हैं.