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पाली के कपड़ा उद्योग की परीक्षा, प्रदेश के 60 अधिकारियों ने डाला डेरा

पाली में कपड़ा उद्योग पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. जिले में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के चलते पाली की बांडी नदी और रोहट का नेहड़ा बांध पूरी तरह से प्रदूषित हो गया. जिसको लेकर सोमवार से इन इकाइयों का भौतिक सत्यापन शुरू हो गया है.

poly textile industries, पाली का कपड़ा उद्योग
कपड़ा इकाइयों का भौतिक सत्यापन
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Published : Jan 6, 2020, 1:30 PM IST

पाली. NGT की सख्ती के बाद पाली कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए सोमवार से उसकी परीक्षा शुरू हो गई है. इस परीक्षा के लिए प्रदेश के 60 से ज्यादा अधिकारी पाली पहुंच चुके हैं. अधिकारियों ने पाली में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन की कार्रवाई शुरू कर दी है. सभी अधिकारियों को पाली कलेक्ट्रेट में बुलाया गया और भौतिक सत्यापन को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए.

कपड़ा इकाइयों का भौतिक सत्यापन

पढ़ें- पाली में सर्दी का सितम, पारा 5 डिग्री से नीचे

पाली में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के चलते पाली की बांडी नदी और रोहट का नेहड़ा बांध पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है. जिसकी वजह से इस नदी के किनारे स्थापित हजारों किसानों की जमीनें बंजर हो गईं और खेती के लायक नहीं रही. पाली के किसानों ने NGT में इस मामले को दायर किया. उसके बाद एनजीटी ने जांच की और सख्ती बरतने लगी. जिसके चलते पाली के कपड़ा उद्योग पर संकट छा गया.

यह संकट पाली कपड़ा उद्योग पर ही नहीं, बल्कि इनमें काम करने वाले 40 हजार से ज्यादा मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी पड़ चुका है. कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है.

पाली में स्थापित ट्रीटमेंट प्लांट उनकी ओर से संचालित होने का दावा किया गया था. इस दावे की पोल की रिपोर्ट में सामने आ गई. इस रिपोर्ट में बताया गया कि पाली में संचालित हो रहा सीटीपी का ट्रीटमेंट प्लांट एक पंपिंग हाउस बना हुआ है और उससे निकलने वाला रंगीन और प्रदूषित पानी किसी भी तरह से ठीक नहीं हो रहा. इसी पानी से बांडी नदी और नेहड़ा बांध प्रदूषित हुए हैं.

पढ़ें- जवाई बांध से सिंचाई के लिए तीसरी पाण का पानी नहर में छोड़ा गया

ऐसे में एनजीटी ने पाली के कपड़ा उद्यमियों पर ₹10 करोड़ का जुर्माना लगाया साथ ही प्रदेश के साथ अधिकारियों को पाली में संचालित हो रही इन कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन के लिए भेजा है. सोमवार से इन सभी अधिकारियों की ओर से पाली में कपड़ा इकाईयों के भौतिक सत्यापन की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

पाली. NGT की सख्ती के बाद पाली कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए सोमवार से उसकी परीक्षा शुरू हो गई है. इस परीक्षा के लिए प्रदेश के 60 से ज्यादा अधिकारी पाली पहुंच चुके हैं. अधिकारियों ने पाली में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन की कार्रवाई शुरू कर दी है. सभी अधिकारियों को पाली कलेक्ट्रेट में बुलाया गया और भौतिक सत्यापन को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए.

कपड़ा इकाइयों का भौतिक सत्यापन

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पाली में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के चलते पाली की बांडी नदी और रोहट का नेहड़ा बांध पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है. जिसकी वजह से इस नदी के किनारे स्थापित हजारों किसानों की जमीनें बंजर हो गईं और खेती के लायक नहीं रही. पाली के किसानों ने NGT में इस मामले को दायर किया. उसके बाद एनजीटी ने जांच की और सख्ती बरतने लगी. जिसके चलते पाली के कपड़ा उद्योग पर संकट छा गया.

यह संकट पाली कपड़ा उद्योग पर ही नहीं, बल्कि इनमें काम करने वाले 40 हजार से ज्यादा मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी पड़ चुका है. कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है.

पाली में स्थापित ट्रीटमेंट प्लांट उनकी ओर से संचालित होने का दावा किया गया था. इस दावे की पोल की रिपोर्ट में सामने आ गई. इस रिपोर्ट में बताया गया कि पाली में संचालित हो रहा सीटीपी का ट्रीटमेंट प्लांट एक पंपिंग हाउस बना हुआ है और उससे निकलने वाला रंगीन और प्रदूषित पानी किसी भी तरह से ठीक नहीं हो रहा. इसी पानी से बांडी नदी और नेहड़ा बांध प्रदूषित हुए हैं.

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ऐसे में एनजीटी ने पाली के कपड़ा उद्यमियों पर ₹10 करोड़ का जुर्माना लगाया साथ ही प्रदेश के साथ अधिकारियों को पाली में संचालित हो रही इन कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन के लिए भेजा है. सोमवार से इन सभी अधिकारियों की ओर से पाली में कपड़ा इकाईयों के भौतिक सत्यापन की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

Intro:पाली. एनजीटी की सख्ती के बाद में पाली कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए सोमवार से उसकी परीक्षा शुरू हो गई है। इस परीक्षा को लेने के लिए प्रदेश के 60 से ज्यादा अधिकारी पाली पहुंच चुके हैं। आज से पाली में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन को लेकर कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसको लेकर सभी अधिकारियों को पाली जिला कलेक्टर कार्यालय में बुलाया गया है। यहां से इन सभी अधिकारियों को निर्देशित करने के बाद में यह सभी अधिकारी पाली की औद्योगिक क्षेत्र में जाकर पाली में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण ढूंढेंगी। साथ ही इन प्रदूषण फैलाने वाली कपड़ा इकाइयों का भौतिक सत्यापन करने जाएगी।


Body:गौरतलब है कि पाली में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के चलते पाली की बांडी नदी व रोहट का नेहड़ा बांध पूरी तरह से प्रदूषित हो गया। इसके प्रदूषित होने के बाद में इस नदी के किनारे स्थापित हजारों किसानों की जमीनें बंजर हो गई और व खेती के लायक नहीं रही। इस पर पाली के किसानों ने एनजीटी में इस मामले को दायर किया। उसके बाद में जब एनजीटी ने जांच की और सख्ती बरतने लगे तो पाली के कपड़ा उद्योग पर संकट छा गया। यह संकट पाली कपड़ा उद्योग पर ही नहीं इनमें काम करने वाले 40 हजार से ज्यादा मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी पड़ चुका है। इस को जिंदा रखने के लिए प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। पाली में स्थापित से उनके द्वारा संचालित होने का दावा किया गया था। इस दावे की पोल की रिपोर्ट में सामने आ गई। इस रिपोर्ट में बताया गया कि पाली में संचालित हो रहा सीटीपी का ट्रीटमेंट प्लांट एक पंपिंग हाउस बना हुआ है और उससे निकलने वाला रंगीन और प्रदूषित पानी किसी भी तरह से ठीक नहीं हो रहा इसी पानी से बड़ी नदी और नेहड़ा बांध प्रदूषित हुए हैं ऐसे में एनजीटी ने पाली के कपड़ा उद्यमियों पर ₹100000000 का जुर्माना लगाया साथ ही प्रदेश के साथ अधिकारियों को पाली में संचालित हो रही इन कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन के लिए भेजा है सोमवार से इन सभी अधिकारियों द्वारा पाली में कपड़ा इकाईयों के भौतिक सत्यापन के कार्रवाई शुरू की जाएगी


समाचार में राजकुमार शर्मा, मुख्य वैज्ञानिक, राजस्थान बोर्ड की बाईट शामिल है।


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