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पाली जिले के सादड़ी में चक्का जाम आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न, देसूरी-घाणेराव में भी रहा बंद

पाली के सादड़ी कस्बे में शुक्रवार को कुंभलगढ़ नेशनल पार्क के विरोध में आम लोगों ने चक्काजाम आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न किया. वहीं इस प्रदर्शन में 41 गांवों के ग्रामीणों ने सादड़ी में आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लिया. पशुपालक ऊंटों के साथ अपना विरोध जाहिर करने पहुंचे. इस दौरान देसूरी और घाणेराव कस्बे भी बंद रहे. गौरतलब है कि चक्काजाम को कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में शामिल धार्मिक स्थलों और बांधों को बाहर करने की मांग को लेकर किया गया.

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Published : Jun 28, 2019, 7:30 PM IST

कुंभलगढ़ नेशनल पार्क के विरोध में चक्काजाम

पाली. सादड़ी कस्बे में शुक्रवार को आम लोगों ने चक्का जाम आंदोलन किया. इस आंदोलन के समर्थन में देसूरी व घाणेराव कस्बे भी बंद रहे. वहीं 41 गांवों के ग्रामीणों ने चक्काजाम विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस प्रदर्शन में पशुपालक ऊंटों के साथ अपना विरोध जताने पहुंचे थे.

यह आंदोलन परशुराम महादेव, सूर्यमंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों और बांधों को कुंभलगढ राष्ट्रीय उद्यान के दायरे से बाहर रखने, पशुपालकों को चराई व आदिवासियों को वन अधिनियन-2006 के मुताबिक हक देने की मांग को लेकर था. इस दौरान भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा. बाजार बंद रहने से कस्बे में हर रोज की तरह चहल-पहल दिखाई नहीं दी. सुबह 10 बजे आजाद मैदान में जनसभा करने के बाद सभी लोग एक लम्बे जुलूस के रूप में कुंभलगढ़ अभयारण्य के स्थानीय कार्यालय की तरफ कूच कर गए.

फिर सुबह 11 बजे आकरिया चौक पर पहुंचकर सड़क पर नारेबाजी-भाषण के साथ धरना-प्रदर्शन करने लगे. लेकिन इस दौरान पुलिस ने अपनी सूझबूझ से वाहनों को डायवर्सन दे दिया. जिससे वाहन चालकों व यात्रियों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ी. एक घण्टे तक यहां प्रदर्शन के बाद दोपहर 12 बजे पुलिस थाने के पास अभयारण्य के सहायक सरंक्षक कार्यालय का घेराव करते हुए सभा की. सभा को संबोधित करते हुए इसे छलावा ही बताया. कहा कि रणकपुर व मुछाला महावीर जैन मंदिरों को उद्यान के दायरे से बाहर रखा और बाकी धार्मिक स्थलों को भीतर रखा. इस प्रदर्शन में घाणेराव के संत देवीदास महाराज सहित कई संतों ने भाग लिया. प्रदर्शन में पशुपालक अपने ऊंटों के साथ पहुंचे थे. ऊंटों के गले में नारे लिखी तख्तियां बंधी हुई थी.

कुंभलगढ़ नेशनल पार्क के विरोध में चक्काजाम

इस दौरान दोपहर एक बजे डीएफओ फतेहसिंह राठौड़ को एसडीएम रवि विजय, डीएसपी हिमांशु जांगिड़, एसीएफ यादवेंद्र सिंह चुंडावत, भीम एससीएफ मंगलसिंह राठौड़, थानाधिकारी मूलसिंह भाटी सहित आसपास के थानों से पहुंचे थानाधिकारियों की मौजूदगी में ज्ञापन सौंपा. इससे पहले प्रदर्शनकारियों का एक शिष्ठ मंडल डीएफओ राठौड़ से मिला. इस दौरान भाजपा विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, एडवोकेट हीर सिंह राजपुरोहित ने उनसे बिंदुवार चर्चा की. वहीं लोकहित पशुपालक संस्थान के निदेशक हनवंतसिंह राठौड़ ने वन विभाग के कार्यकलापों पर सवाल खड़ा किया और एक वन कार्मिक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की. वे वार्ता से असंतुष्ठ नजर आए. इसके बाद नागरिकों ने चेतावनी दी कि वे अपने हक के लिए आंदोलन की रणनीति बना रहे है और हरसंभव प्रयास करेंगे.

पाली. सादड़ी कस्बे में शुक्रवार को आम लोगों ने चक्का जाम आंदोलन किया. इस आंदोलन के समर्थन में देसूरी व घाणेराव कस्बे भी बंद रहे. वहीं 41 गांवों के ग्रामीणों ने चक्काजाम विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस प्रदर्शन में पशुपालक ऊंटों के साथ अपना विरोध जताने पहुंचे थे.

यह आंदोलन परशुराम महादेव, सूर्यमंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों और बांधों को कुंभलगढ राष्ट्रीय उद्यान के दायरे से बाहर रखने, पशुपालकों को चराई व आदिवासियों को वन अधिनियन-2006 के मुताबिक हक देने की मांग को लेकर था. इस दौरान भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा. बाजार बंद रहने से कस्बे में हर रोज की तरह चहल-पहल दिखाई नहीं दी. सुबह 10 बजे आजाद मैदान में जनसभा करने के बाद सभी लोग एक लम्बे जुलूस के रूप में कुंभलगढ़ अभयारण्य के स्थानीय कार्यालय की तरफ कूच कर गए.

फिर सुबह 11 बजे आकरिया चौक पर पहुंचकर सड़क पर नारेबाजी-भाषण के साथ धरना-प्रदर्शन करने लगे. लेकिन इस दौरान पुलिस ने अपनी सूझबूझ से वाहनों को डायवर्सन दे दिया. जिससे वाहन चालकों व यात्रियों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ी. एक घण्टे तक यहां प्रदर्शन के बाद दोपहर 12 बजे पुलिस थाने के पास अभयारण्य के सहायक सरंक्षक कार्यालय का घेराव करते हुए सभा की. सभा को संबोधित करते हुए इसे छलावा ही बताया. कहा कि रणकपुर व मुछाला महावीर जैन मंदिरों को उद्यान के दायरे से बाहर रखा और बाकी धार्मिक स्थलों को भीतर रखा. इस प्रदर्शन में घाणेराव के संत देवीदास महाराज सहित कई संतों ने भाग लिया. प्रदर्शन में पशुपालक अपने ऊंटों के साथ पहुंचे थे. ऊंटों के गले में नारे लिखी तख्तियां बंधी हुई थी.

कुंभलगढ़ नेशनल पार्क के विरोध में चक्काजाम

इस दौरान दोपहर एक बजे डीएफओ फतेहसिंह राठौड़ को एसडीएम रवि विजय, डीएसपी हिमांशु जांगिड़, एसीएफ यादवेंद्र सिंह चुंडावत, भीम एससीएफ मंगलसिंह राठौड़, थानाधिकारी मूलसिंह भाटी सहित आसपास के थानों से पहुंचे थानाधिकारियों की मौजूदगी में ज्ञापन सौंपा. इससे पहले प्रदर्शनकारियों का एक शिष्ठ मंडल डीएफओ राठौड़ से मिला. इस दौरान भाजपा विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, एडवोकेट हीर सिंह राजपुरोहित ने उनसे बिंदुवार चर्चा की. वहीं लोकहित पशुपालक संस्थान के निदेशक हनवंतसिंह राठौड़ ने वन विभाग के कार्यकलापों पर सवाल खड़ा किया और एक वन कार्मिक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की. वे वार्ता से असंतुष्ठ नजर आए. इसके बाद नागरिकों ने चेतावनी दी कि वे अपने हक के लिए आंदोलन की रणनीति बना रहे है और हरसंभव प्रयास करेंगे.

Intro:
पाली। सादड़ी कस्बें में शुक्रवार को नागरिकों द्वारा आयोजित चक्का जाम आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। इस आंदोलन के समर्थन में देसूरी व घाणेराव कस्बें भी बंद रहे। वहीं,41 गांवों के ग्रामीण सादड़ी में आयोजित इस प्रदर्शन में शरीक हुए। इस प्रदर्शन में पशुपालक ऊंटों के साथ पहुंचे थे।
यह आंदोलन परशुराम महादेव,सूर्यमंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों व बांधों को कुंभलगढ राष्ट्रीय उद्यान के दायरे से बाहर रखने,पशुपालकों को चराई व आदिवासियों को वन अधिनियन-2006 के मुताबिक हक देने की मांग को लेकर था। इस दौरान भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा। बाजार बंद रहने से कस्बें में हर रोज की तरह चहल-पहल दिखाई नही दी।Body:सुबह 10 बजे आजाद मैदान में जनसभा करने के बाद सभी लोग एक लम्बे जुलूस के रूप में कुंभलगढ़ अभ्यारण्य के स्थानीय कार्यालय की तरफ कूच कर गए।
प्रातः 11 बजे आकरिया चौक में पहुंच कर सड़क पर नारेबाजी-भाषण के साथ धरना-प्रदर्शन करने लगे। लेकिन इस दौरान पुलिस ने अपनी सूझबूझ से वाहनों को डायवर्सन दे दिया। जिससे वाहनचालकों व यात्रियों को कोई परेशानी नही उठानी पड़ी। एक घण्टे तक यहां प्रदर्शन के बाद दोपहर 12 बजे पुलिस थाने के पास अभ्यारण्य के सहायक सरंक्षक कार्यालय का घेराव करते हुए सभा की।
इन सभाओं को नगरपालिका अध्यक्ष दिनेश मीणा, पूर्व अध्यक्ष दिलीप सोनी,पूर्व उपाध्यक्ष सुरेश पुरी गोस्वामी,घीसाराम जाट,लोकहित पशुपालक संस्थान अध्यक्ष हनवंतसिंह राठौड़,भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय बोहरा,भाजपा विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य,एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित,नगर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मेवाड़ा,प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव डिम्पल कंवर राठौड़,भाजपा की सन्तोष जांगीड़,सरपंच विक्रमसिंह इंदा,कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक सचिव ओमप्रकाश परिहार,सनातन धर्म मण्डल के गोविंद व्यास,परशुराम महादेव कुण्डधाम ट्रस्ट के मदन लुहार ,देसूरी के पूर्व उपसरपंच अशोक पुरी गोस्वामी इत्यादि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने इसे छलावा ही बताया कि रणकपुर व मुछाला महावीर जैन मंदिरों को उद्यान के दायरे से बाहर रखा और बाकी धार्मिक स्थलों को भीतर रखा। इस प्रदर्शन में घाणेराव के संत देवीदास महाराज सहित कई संतो ने भाग लिया। प्रदर्शन में पशुपालक अपने ऊंटों के साथ पहुंचे थे। ऊंटों के गले मे नारे लिखी तख्तियां बंधी हुई थी।
इस दौरान दोपहर एक बजे डीएफओ फतेहसिंह राठौड़ को एसडीएम रविविजय,डीएसपी हिमांशु जांगिड़,एसीएफ यादवेंद्र सिंह चुंडावत, भीम एससीएफ मंगलसिंह राठौड़,थानाधिकारी मूलसिंह भाटी सहित आसपास के थानों से पहुंचे थानाधिकारियों की मौजूदगी में ज्ञापन सौंपा।
इससे पूर्व प्रदर्शनकारियों का एक शिष्ठ मंडल डीएफओ राठौड़ से मिला। इस दौरान भाजपा विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य,एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित ने उनसे बिंदुवार चर्चा की। वहीं,लोकहित पशुपालक संस्थान के निदेशक हनवंतसिंह राठौड़ वन विभाग के कार्यकलापों पर सवाल खड़ा किया और एक वन कार्मिक के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की। वे वार्ता से असंतुष्ठ नजर आए। नागरिकों ने चेतावनी दी कि वे अपने हक के लिए आंदोलन की रणनीति बना रहे है और हरसंभव प्रयास करेंगे।Conclusion:प्रदर्शन में कांग्रेस के पर्यावरण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष किशोर भाटी, पूर्व पं.स. सदस्य हस्तीमल वैष्णव,पशुपालक नेता वालाराम राईका,पार्षद ओमप्रकाश बोहरा,प्रकाश जाट,मांगीलाल गहलोत,लक्ष्मी शर्मा,महिला कांग्रेस अध्यक्ष मदीना बानो,भाजयुमो के अध्यक्ष गोविंद मीणा,गौभक्त हीरालाल मेवाड़ा,पप्पू परमार,भोमाराम देवासी,भीमाराम चौधरी,दिनेश जाट,अनिल बोहरा,देसूरी के जगदीश प्रजापत,कमलेश सोनी,श्रवण सिसोदिया,कल्पेश वैष्णव सहित एक हजार के करीबन नागरिक,ग्रामीण, पशुपालक, स्वयंसेवी,सामाजिक, धार्मिक संगठनों के लोग मौजूद थे। तीन घण्टे बाद यह आंदोलन संपन्न हो गया।

वीडियो:
(1से 10 वीडियो इस फ़ाइल में व 11 वां वीडियो व चार बाइट अगली फ़ाइल में चैक करें)

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_01_rjc10110- सादड़ी कस्बें के बाजार बंद

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_02_rjc10110- सादड़ी के आजाद मैदान में आयोजित सभा के पीछे बैठे तख्ती लगे ऊंट

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_03_rjc10110- सादड़ी के आजाद मैदान में आयोजित सभा।

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_04_rjc10110- सादड़ी के आजाद मैदान में सभा के बाद अभ्यारण्य कार्यालय की तरफ बढ़ता जुलूस

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_05_rjc10110- सादड़ी के आकरिया चौराहे पर धरने को संबोधित करते नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष दिलीप सोनी।

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_06_rjc10110- सादड़ी के आकरिया चौराहे पर धरने को संबोधित करते नगरपालिका के अध्यक्ष दिनेश मीणा।

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_07_rjc10110- सादड़ी के कुंभलगढ अभ्यारण्य कार्यालय का घेराव


rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_08_rjc10110- सादड़ी के कुंभलगढ अभ्यारण्य कार्यालय के घेराव के दौरान पहुंचे ऊंट व महिलाओं से मिलती उंटप्रेमी जर्मन महिला इल्से कोल्हर।

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_09_rjc10110-सादड़ी के कुंभलगढ अभ्यारण्य कार्यालय के घेराव के दौरान सम्बोधित करती प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष डिम्पल कंवर राठौड़।

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_10_rjc10110- सादड़ी के कुंभलगढ अभ्यारण्य कार्यालय के घेराव के दौरान डीएफओ से वार्ता करने जाता शिष्ठमण्डल

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_vo_11_rjc10110- भीड़ को आश्वत करते डीएफओ फतेहसिंह राठौड़। साथ मे एसडीएम रवि विजय व अन्य अधिकारी गण।

बाइट:

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_avb_01_rjc10110- हीरसिंह राजपुरोहित, सदस्य,राष्ट्रीय कार्यकारिणी,विधि प्रकोष्ठ,भाजपा

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_avb_02_rjc10110- हनवंतसिंह राठौड़,निदेशक, लोकहित पशुपालक संस्थान, सादड़ी

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_avb_03_rjc10110- वालाराम राईका, पशुपालक,सादड़ी

rj_pal_sadri chkkajam aandolan_avb_04_rjc10110- फतेहसिंह,डीएफओ,वन विभाग, राजसमंद
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