पाली. आधुनिक चिकित्सा की बात करें तो आज के समय में हर रोग का उपचार संभव है. अब उसके लिए भले ही चिकित्सा प्रणाली का कोई भी कदम उठाना पड़े. लेकिन कोरोना संक्रमण के दौर में लोग अब एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को छोड़ भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को अपनाना शुरू कर चुके हैं.
लोग इन चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से अपने गंभीर से गंभीर रोग को दूर कर रहे हैं. इसके उदाहरण पाली में लगातार सामने आ रहे हैं. जब लोगों ने महंगी और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को नकारते हुए आयुर्वेद और भारत की पुरानी चिकित्सा पद्धतियों पर विश्वास जताया है.
बढ़ते प्रदूषण और लापरवाह जीवन प्रणाली ने आम इंसान के शरीर को रोग का घर बना दिया है. अब 25 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में कई तरह के रोग उभरकर सामने आ रहे हैं. जिनकी अपेक्षा कभी किसी ने नहीं की थी. अपने जीवन को बचाने और इन रोगों को हटाने के लिए लोग महंगे से महंगे अस्पतालों में एलोपैथिक उपचार करवा रहे हैं. कई बार रोग से निजात पाने के लिए अपने शरीर में ऑपरेशन भी करवा रहे हैं.
इन सभी के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. ऐसे में पिछले कुछ साल में लोगों ने एलोपैथी उपचार को दरकिनार कर वैदिक काल के समय से चल रही प्राचीन भारतीय उपचार पद्धति को अपनाना शुरू कर दिया है. अगर इन रोग से जूझ रहे लोगों की मानें तो इन पुरातन पद्धति के उपचार प्रणाली से इन्होंने अपने जीवन को फिर से सुधारा भी है और और रोगों को भी भगाया है.
पाली शहर में विभिन्न पद्धतियों से इलाज की प्रक्रिया काफी जगह देखने को मिल रही है. पाली में लोग आयुर्वेदिक उपचार और एलोपैथिक जैसे उसको से अपने शरीर के गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने भी पानी में इसी तरह से एलोपैथिक उपचार के जरिए लोगों के रोग निदान करने की प्रक्रिया को समझा.
रोग निदान केंद्र में हर उम्र के व्यक्ति बीमारियों से जूझते हुए नजर आए. अधिकतर इस रोग निदान केंद्र में घुटनों के दर्द, पैरों के दर्द, सर्वाइकल पेन और डायबिटीज के रोगी नजर आए कई रोगी ऐसे थे जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम है. लेकिन बिगड़ती दिनचर्या और जंक फूड जैसे शौक ने इन लोगों को कम उम्र में ही रोगी बना दिया.
ईटीवी भारत ने कई रोगियों से बात भी की है. उन लोगों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से वे अपनी अलग-अलग गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. उसके लिए देश के कई कोनों के बड़े अस्पतालों में भी उपचार भी करा चुके हैं. लेकिन पुराने बुजुर्गों के कहे पर उन्होंने भी इन पुरानी चिकित्सा पद्धतियों से भी अपना उपचार कराना चाहा और धीरे धीरे कर कई लोग ऐसे भी हैं जो पूरी तरह से स्वस्थ हो गए. जो लोग इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति से पूरी तरह से स्वस्थ हुए वे लोग अब आगे से आगे दूसरे लोगों को भी महंगे इलाज के बजाए भारत की परंपरागत विरासत के रूप में इन इलाज पद्धति से अपने रोग को दूर करवाने की सलाह दे रहे हैं.
क्या है न्यूरोपैथी उपचार
न्यूरोपैथी रोग निदान केंद्र से जुड़े लोगों ने बताया कि न्यूरोपैथी भारत की प्राचीनतम एक चिकित्सा पद्धति है. इस चिकित्सा पद्धति में लोगों को उनके केंद्रबिंदु को उपचारित कर रोगों को दूर किया जाता है. जिससे उनकी ब्लॉकेज हो चुकी नसें, कमर दर्द, जांघों का दर्द, पैर का दर्द व हृदय की परेशानी सहित कई गंभीर रोगों के उपचार साधारण तरीके से होते हैं.